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be unstoppable

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he was going to be unstoppable

Hindi

जब मैं सकुल पहुँचा तो घंटी बज चुकी थी

Last Update: 2023-07-24
Usage Frequency: 8
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English

believe in yourself and you will be unstoppable

Hindi

खुद पर विश्वास रखें और आप अजेय रहेंगे

Last Update: 2021-01-26
Usage Frequency: 1
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Reference: Anonymous

English

hara means literally sea or ocean of energy. in china, the hara is called the lower dantien. in many forms of asian martial arts, the warrior with strong hara is said to be unstoppable.

Hindi

'हर' का शाब्दिक अर्थ है ऊर्जा का समुद्र या महासागर । चीन में, 'हर' को निम्न डेंटियन कहा जाता है । एशियन मार्शल आर्ट के कई रूपों में, सुदृढ़ 'हर' वाले योद्धा को अबाधित कहा जाता है । समुराई परंपरा में विधि के अनुसार आत्‍महत्‍या या सेप्‍पुकु का एक रूप 'हरा' किरी था, जो प्राय: 'हेरी केरी' के रूप में गलत उच्‍चारित किया गया । इसका अर्थ है एक 'हर' को छेदना जिससे व्‍यक्ति की ची या ऊर्जा चैनल को खत्‍म किया जा सके। इस केन्‍द्र से चलकर कई जमीनी गरिमापूर्ण संचालन सृजित हुए, जिन्‍हें आप न केवल सामरिक कला में देखते हैं बल्कि इन्हें महान गोल्‍फरों, बैले नर्तकों और घुमावदार दरवेशियों में भी देखा जा सकता है । यह एकल केन्‍द्र अनुशासित सचेतनता का परिष्‍कार है जो प्रभंजन के नेत्रों में 'हर' स्थिरता का सार तत्‍व है । यह किसी व्‍यक्ति की ऊर्जा स्रोत से संबंधित मूल चेतना है । अच्‍छे 'हर' से युक्‍त व्‍यक्ति, पृथ्‍वी से तथा अंतदर्शी बुद्धिमता से जुड़ जाता है और ये उसे सभी प्राणियों से जोड़ती है । अपनी तोंद से सोचना "हर दे कंगनसई" से अभिप्राय है अपनी आंतरिक बुद्धिमता से जुड़ना । प्राचीन आस्‍ट्रेलियन आदिवासी जाति विशेषज्ञों ने नाभि के ठीक नीचे उसी स्‍थान पर ध्यान संकेन्द्रित किया जहां इंद्रधनुष की रज्‍जु सर्पगति से कुंडलित होती है । दोबारा, मनुष्‍य में विकासात्‍मक ऊर्जा का प्रतिबिंबन होता है । यह आकस्मिक नहीं कि 'हर' में नया जीवन आरंभ होता है । आभ्‍यांतरिक तंत्रिका तंत्र, जो कभी कभार 'गट ब्रेन' के रूप में संदर्भित होता है, अपनी तंत्रिका कोशिकाओं एवं न्‍यूरो ट्रांसमीटर्स से सिर में मस्तिष्‍क के समान संपर्कों के जटिल मेट्रिक्‍स को बनाए रखने में सक्षम हो जाता है । यह स्‍वायत्‍त रूप से, यानी अपनी बुद्धिमत्‍ता से काम कर सकता है । आप कह सकते हैं कि 'गट ब्रेन' सिर मस्तिष्‍क का अंश रूप है या कदाचित सिर मस्तिष्‍क 'गट ब्रेन' का अंश रूप है । तंदरुस्‍त भालू का ताकतवर 'हर' होता है । जब भालू जानता है कि कहां चारा खोजना है तो वह 'हर' में या उदर में संकेंद्रित अपनी चेतनाओं के माध्‍यम से चि के संचालन का अनुसरण करता है। यह भालू का स्‍वप्‍न मांद से संबंध है, देशी परंपराओं में वह स्‍थल, जहां सारी जानकारी जीवन की सर्पिल गति से आती है । लेकिन प्राचीन लोग सर्पिल के बारे में कैसे जान पाए, जबकि आधुनिक विज्ञान ने इसके महत्‍व को अभी जानना आरंभ किया है ? मधुमक्‍खी से पूछो, क्योंकि वे प्रेम करना नहीं भूलीं । मधुमक्खियों के प्रतीकात्‍मक तंत्र के भाग के रूप में स्रोत से विशेष संबंध है जो सुंदरता एवं वैविध्‍य में इसकी सहायता करता है । वे ब्रह्माण्‍ड एवं लघु ब्रह्माण्‍ड के मध्‍य पुल हैं । एक ही हृदय है जो सभी को जोड़ता है, संग्रह करने वाला मस्तिष्‍क । खुले मस्तिष्‍क की तरह, संग्रह करने, अभिव्‍यक्‍त होने के लिए संसार को स्‍वप्‍न भेजता है । प्रकृति में कई जीव-जंतु जानते हैं कि किस प्रकार मैत्रीभाव रखना है, सम भावना के साथ एक दिशा में गतिशील होना है। लेकिन सभी अपने आस-पास के अन्‍य जीवों से लाभ नहीं उठाते हैं । उदाहरण के लिए टिड्डी अपने रास्‍ते में प्रत्‍येक वस्‍तु खा जाएगी । टिड्डी के पास इसके सिवाय कोई विकल्‍प नहीं कि वह टिड्डी की भांति कार्य करे । वह पौधों से शहद या पराग उस तरीके से नहीं निकाल सकती, जिस प्रकार मधुमक्‍खी इस कार्य को करती है । टिड्डी का व्‍यवहार कठोर है लेकिन मनुष्‍य विशिष्‍ट है और हम मधुमक्‍खी की तरह कार्य कर सकते हैं या हम टिड्डी की तरह कार्य कर सकते हैं । हम सांसारिक व्यवहार के पैटर्न को बदलने के लिए स्‍वतंत्र हैं । हम सहजीवी या परजीवी के रूप में रह सकते हैं । आज मनुष्‍य सर्पिल को तर्कसंगत मस्तिष्‍क से समझने का प्रयत्‍न करते हैं, लेकिन इस बारे में कभी नहीं सोचा जिसने हमें इस सर्पिल जीवन से जोड़ा । हम हमेशा इससे संबद्ध रहे हैं । सोच ही एक ऐसी चीज़ रही है कि जो हमारे अपने अस्तित्‍व में हमें अलगाव के संभ्रम में रखती है । सोचना अलगाववाद का सृजन है । परिसीमा का अनुभव । जितना हम विचार करते हैं, उतना स्रोत से परे हो जाते हैं । प्राचीन संस्‍कृतियां कम विचार उन्‍मुख थी और उन्होंने स्वयं को आज की अपेक्षा अधिक प्रत्‍यक्ष एवं व्‍यक्तिगत तरीके से सर्पिल गति में सम्मिलित किया था । प्राचीन भारत में, कुंडलिनी व्‍यक्ति की आंतरिक ऊर्जा का प्रतिनिधित्‍व करती थी जो सांप की तरह या घोंघे की तरह रीढ़ में ऊपर उठती है । भारत की प्राचीन यौगिक परंपराओं में, तत्कालीन लोगों का आंतरिक संसार 'हर' केन्द्रित संस्‍कृतियों से तुलनीय था । आपकी प्रत्यक्षदर्शी सचेतनता के साथ सर्पिल की शक्त्‍िा के संतुलन के लिए आपकी पूर्ण विकासात्‍मक संभावना को समनुरूप करना है। आपको उस अनन्‍य विशिष्‍ट बहु आयामी रूप में विकसित होना है, जिसके लिए आपको बनाया गया है ।

Last Update: 2019-07-06
Usage Frequency: 4
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