Results for metaphors translation from English to Hindi

Computer translation

Trying to learn how to translate from the human translation examples.

English

Hindi

Info

English

metaphors

Hindi

 

From: Machine Translation
Suggest a better translation
Quality:

Human contributions

From professional translators, enterprises, web pages and freely available translation repositories.

Add a translation

English

Hindi

Info

English

in recent metaphors about technology .

Hindi

प्रौद्योगिकी के बारे में हाल ही में रूपकों में .

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

we turn facts into similes and metaphors ,

Hindi

हम तथ्यों को अलंकार और मुस्कान में बदलते हैं

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

so i think we have to change metaphors .

Hindi

तो मुझे लगता है कि हमें रूपांतर करना होगा

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

flood of similies comes , metaphors seems to rain

Hindi

उपमाओं की बाढ़ आ जाती है रूपकों की वर्षा होने लगती है ।

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

and rumi ' s stories are metaphors for the spiritual path .

Hindi

और रूमी की कहानियां आध्यात्म के मार्ग की उपमा हैं .

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

after the series of similes , the metaphors have been discussed .

Hindi

रूपक उपमा - चक्र के बाद रूपक - चक्र का विवेचन हुआ है ।

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

kabir uses many metaphors to describe the power of this phenomenon .

Hindi

कबीर अनेक उत्प्रेक्षाओं से इस तत्व की शक्ति वर्णित करते हैं ।

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

oriental poetry and even greek is full of similes , metaphors and epithets .

Hindi

प्राच्य कविता और १ . पी . लाल द्वारा सम्पादित ग्रीक कविता भी उपमाओं , रुपकों और विशैषणों से भरी हुई हैं ।

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

or anything complicated . we are just gonna sort of from a . a simple set of metaphors

Hindi

या कुछ भी जटिल है । हम अभी से से सॉर्ट करने के लिए जा रहे हैं एक । रूपकों का एक सरल सेट

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

it is now being admitted by critics that metaphors are not just ornamental appendages but vehicles 1 .

Hindi

अब आलोचक ऐसा मानने लगे हैं कि रूपक मात्र अलंकरण के साधन नहीं हैं बल्कि अर्न्तदृष्टि के संवाहक भी हैं ।

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

in the case of metaphors too , many interesting examples have been cited to illustrate its different usages .

Hindi

रूपक के भेदों में भी उक्ति - प्रकारों के रोचक विकल्पों के उदाहरण दिये गये हैं ।

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

parmanand almast by making use of metaphors and similes , the poet has succeeded in creating an extraordinary impact .

Hindi

रूपक , तुलना आदि के साधारण प्रयोगों द्वारा कवि ने असाधारण प्रभाव पैदा किया है ।

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

her subjects are all indian as her metaphors and similes , though she borrowed now and then from the persian and islamic .

Hindi

उनके सभी विषय भारतीय हैं जिस प्रकार उनके रुपक और उपमांए , यद्यपि उन्होने जब - जब फारसी और इस्लाम से भी उधार लिया है ।

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

for the excessive expression of love , he has employed , time and again , the metaphors of the fish and the water .

Hindi

प्रेम की अतिशय अभिव्यक्ति के लिए उसने मछली और पानी के रूपक का बार - बार प्रयोग किया गया है ।

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

as a corollary mohan singh , to a certain extent , discarded old metaphors and similes and tried to grapple with situations and incidents intellectually .

Hindi

मोहन सिंह ने काफी हद तक प्राचरन रुपकों और उपमाओं का त्याग करके स्थितियों और घटनाओं का सामना बौध्दिक स्तर पर करने का प्रयास किया ।

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

anyone would agree that these are among the unlikeliest of metaphors to depict a device as devastating as the bomb but for venkataraman balu , that is precisely the idea .

Hindi

हर कोई यही कहेगा कि बम जैसी विध्वंसकारी वस्तु के लिए ऐसी उपमाएं उचित नहीं हैं लेकिन वेंकटरामन बालू के लिए तो यह अनोखा विचार है .

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

but sarojini instead of forming a deep philosophy like the persian or urdu or hindi poets , merely satisfied herself with rich metaphors and similes from her fabulous treasure bouse of poetic sources .

Hindi

किंतु फ़ारसी या उर्दू या हिंदी के कवियों के समान एक गंभीर दर्शन निर्मित करने की अपेक्षा सरोजिनी ने अपने विख्यात काव्यों - स्रोतों के खजाने के समृद्ध रुपकों और उपमाओं से ही अपने को सन्तुष्ट रखा ।

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

chatrik on the other hand , was scrupulous in the choice of words , the arrangement of the paragraphs and the use of idioms and metaphors which were within the easy reach of the average reader .

Hindi

इसके ठीक विरूद्ध चात्रिक शब्दों के चयन के बारे में , अनुच्छेदों के विन्यास के बारे में , मुहावरों तथा रूपालंकारों के प्रयोग के बारे में , अनुच्छेदों के विन्यास के बारे में , मुहावरों तथा रूपालंकारों के प्रयोग के बारे में जो आम पाठक की आसानी से समझ में आ जाएं , बड़े सावधान थे ।

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

a common method that he employs in order to depict beauty is to repeat the plain meanings in the words she looks charming ' in euphemistic style and with the aid of metaphors over and over again .

Hindi

सौंदर्य के अंकवावधान की उनकी एक सामान्य रीति यह है कि वह मोहक दिखाई पड़ती है - इन पाँच शब्दों में निहित अर्थ को वह सुशब्दक शब्दों में और उपमाओं - रूपकों के सहारे बारंबार पुनः पुनरावृत्त किये चले जाते हैं ।

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

"come in, for there is no room in this house for two i's," -- two capital i's, not these eyes -- "for two egos." and rumi's stories are metaphors for the spiritual path.

Hindi

"अन्दर आ जाओ, क्योंकि इस घर में दो 'मैं' के लिए जगह नहीं है. दो बड़े मैं, ये आँखें नहीं, बल्कि दो अहंकार. और रूमी की कहानियां आध्यात्म के मार्ग की उपमा हैं. ईश्वर की उपस्थिति में एक से ज्यादा मैं की जगह नहीं. और यह मैं देवत्व का है. हमारी परंपरा में एक शिक्षा जिसे हदीस ख़ुदसी कहते हैं, ईश्वर कहते है, "मेरे सेवक", या "मेरे जीव, मेरे मानव जीव, जो मुझे प्यारा है उसके सहारे मेरे पास नहीं आता बल्कि उसके सहारे जो मैंने करने को कहा है और आप में से जो नियोक्ता हैं, वे अच्छी तरह जानते हैं की मैं क्या कहना चाहता हूँ आप चाहते हो कि आपके कर्मचारी वह ही करें जो आपने उनसे करने को कहा है, और अगर उन्होंने वह कर लिया तो वे और ज्यादा कर सकते हैं, लेकिन उसे नज़रंदाज़ मत करना कि तुमने उनसे क्या करने को कहा है, और ईश्वर कहते है, मेरे सेवक मेरे और करीब होते जाते हैं, मैंने जो उनसे करने को कहा है, उससे ज्यादा कुछ करके, हम उसे कुछ ज्यादा साख कह सकते हैं, जब तक मैं उसको प्यार नहीं करता, और जब मैं अपने सेवकों को प्यार करता हूँ", ईश्वर कहते हैं, मैं वो आँखें बन जाता हूँ, जिनसे वह देखते हैं. कान जिनसे वह सुनते हैं. हाथ जिससे वह पकड़ते हैं. पैर जिससे वह चलते हैं. और दिल जिससे वह समझता या समझती हैं." यह हमारे अहम् और देवत्व का वह समामेलन है. यह हमारे अध्यात्मिक मार्ग और हमारी सभी धार्मिक परम्पराओं का उद्देश्य और सबक है. मुसलमान यीशु को सूफीवाद का गुरु मानते हैं, महानतम पैगम्बर और संदेशवाहक जो आध्यात्मिक मार्ग पर जोर देने आया. जब वह कहता है, " मैं आत्मा हूँ, मैं रास्ता हूँ." जब पैगम्बर मोहम्मद कहते हैं, "'जिसने मुझे देखा है उसने ईश्वर को देख लिया," ऐसा इस लिए क्यों कि वे ईश्वर के पुर्जे बन गए, वे ईश्वर की वाष्प का हिस्सा बन गए, ताकि ईश्वर की इच्छा उनके जरिये फ़ैली अपने स्व और अहम् के जरिये काम नहीं किया. धरती पर मानवीयता दी गयी है, यह हममें है. हमें बस यही करना है कि रास्ते से अपने अहम् हटा देना है, अपने अहंकरवाद रास्ते से हटा देना है. में निश्चित हूँ कि यहाँ मौजूद आप में से संभवतः सभी, या निश्चित ही आप में से बहुसंख्य, को हुआ होगा, जिसे आप आध्यात्मिक अनुभव कहते हैं, आपके जीवन में एक लम्हा, जब कुछ सेकंडों या शायद एक मिनट को, आपके अहम् की सीमायें ख़त्म हो गयीं,. और उस मिनट आपने खुद को ब्रह्माण्ड का हिस्सा महसूस किया, उस पानी से भरे जग में, हर एक इन्सान में, परम पिता में, और तुमने स्वयं को शक्ति, विस्मय के सानिध्य में पाया, सबसे गहरे प्यार, संवेदना और दया की सबसे गहरी भावना में जो तुमने अपनी जिंदगी में कभी महसूस किया है ये वह लम्हा है जो ईश्वर का हमें तोहफा है, एक तोहफा जब एक लम्हे के लिए वह सीमा हटा देता है, जो हमें मैं, मैं, मैं, हम, हम हम पर जोर देने देता है, और इसके विपरीत, रूमी की कहानी के व्यक्ति की तरह, हम कहते हैं, ' ओह, ये सब तुम हो. ' यह सब तुम हो, यह हम सब हैं. और हम, और मैं, हम सब तुम्हारे अंश हैं, सब निर्माता, सब उद्देश्य, हमारे अस्तित्व का स्रोत, और हमारी यात्रा का अंत. तुम हमारे दिलों को तोड़ने वाले भी हो. तुम वो हो जिसकी ओर हम सबको होना चाहिए, जो हमारे जीने का कारण होना चाहिए, और जिसके लिए हमें मरना चाहिए, औए जिसके लिए हमें पुनर्जन्म लेना चाहिए. ईश्वर को जवाब देने के लिए कि हम संवेदनशील रहे हैं. आज हमारा सन्देश, और आज हमारा उद्देश्य, और तुममे में से जो आज यहाँ हैं, और संवेदना के इस अधिकारपत्र का उद्देश्य याद दिलाना है. क्योंकि कुरान हमेशा हमें याद रखने को, एक दूसरे को याद दिलाने को कहती है, क्योंकि सत्य का ज्ञान हर एक इंसान के भीतर है. हम यह सब जानते हैं. हमारे पास इसका जरिया है. जंग इसे अवचेतना कह सकते थे. हमारी अवचेतना के जरिये, तुम्हारे ख्वाबों में, जिसे कुरान कहती है, हमारी निद्रा की स्थिति, अल्प मौत, अस्थाई मौत. अपनी निद्रा की स्थिति में हमें स्वप्न आते हैं, हमें आभास होता है, हम अपने शरीर के बाहर यात्रा करते हैं, हममे से बहुत, और हम अद्भुत चीजें देखते हैं. हम जैसा अंतरिक्ष जानते हैं, उसकी सीमाओं के परे यात्रा करते हैं, हम समय की जो सीमायें जानते हैं उसके परे. लेकिन यह सब हमारे लिए विधाता के नाम का गुणगान करने के लिए है जिसका मूल नाम दयावान, दयालु है. गौड, बोख, चाहे जिस नाम से पुकारो, अल्ला, राम, ॐ, नाम कोई भी हो सकता है जिससे तुम नाम देते हो या देवत्व की मौजूदगी प्राप्त करते हो, पूर्ण तत्व का केंद्र बिंदु है. पूर्ण प्रेम और दया और संवेदना, और पूर्ण ज्ञान और विवेक, जिसे हिन्दू सच्चिनंद कहते हैं. भाषा अलग है, पर उद्देश्य समान है. रूमी के पास एक और कहानी है तीन लोगों के बारे में, एक तुर्क, एक अरब, और मैं तीसरे का नाम भूल गया, पर मेरे वास्ते, वह एक मलय हो सकता है. कोई अंगूर मांग रहा है, जैसे कि एक अंग्रेज़, कोई एनेब मांग रहा है और कोई ग्रेप्स मांग रहा है. और उनमें झगडा और बहस होती है क्योंकि, मुझे ग्रेप्स चाहिए, मुझे एनेब चाहिए, मुझे अंगूर चाहिए, यह जाने बगैर कि जिस शब्द का वह इस्तेमाल कर रहे हैं वह एक ही सच्चाई को अलग अलग भाषाओँ में बताता है. परिभाषा के अनुसार सिर्फ एक ही पूर्ण सच्चाई है, परिभाषा के अनुसार एक पूर्ण अस्तित्व है, क्योंकि परिभाषा के अनुसार पूर्ण, एकल है, और पूर्ण और एकल,. यह अस्तित्व का पूर्ण केन्द्रीकरण है, अवचेतना का पूर्ण केन्द्रीकरण है, जागरूकता, संवेदना और प्रेम का पूर्ण केन्द्रीकरण जो देवत्व के मूल भाव को पारिभाषित करता है. और वह होना भी चाहिए इन्सान होने का जो मतलब है, उसका मूल भाव. जो इंसानियत को पारिभाषित करता है, शायद शारीरिक रूप से, हमारा जीवतत्व है, लेकिन ईश्वर हमारी इंसानियत को हमारे अध्यात्म से, हमारी प्रकृति से पारिभाषित करता है. और कुरान कहती है, वह फरिश्तों से बात करता है और कहता है, जब मैंने मिट्टी से आदम का निर्माण पूरा कर लिया, और अपनी आत्मा से उसमें सांस फूंकी, और उसके सामने साष्टांग गिर गया. " फ़रिश्ते साष्टांग होते हैं, लेकिन मानव शारीर के समक्ष नहीं, बल्कि मानव आत्मा के समक्ष. क्यों? क्योंकि आत्मा, मानव आत्मा, दैवी श्वास के एक हिस्से का मूर्त रूप है, दैवी आत्मा का एक टुकड़ा है . यह बाईबिल के कोष में भी वर्णित है जब हमें यह सिखाया जाता है कि हम दैवी तस्वीर में बनाये गए थे. ईश्वर का चित्र क्या है? ईश्वर का चित्र पूर्ण अस्तित्व है. पूर्ण जागरूकता, ज्ञान और विवेक और पूर्ण संवेदना और प्रेम. और, इसलिए, हमें इन्सान होने के लिए, इन्सान होने का क्या मतलब है इसके सबसे बड़े मायने में, इन्सान होने का क्या मतलब है इसके सबसे खुशनुमा मायने में, मतलब यह है कि हमें उचित कारिन्दा होना पड़ेगा हमारे भीतर जो दैवी श्वास है उसका, और हमारे भीतर अस्तित्व के भाव के साथ परिपूर्ण होने के प्रयास, जीवित होने के, अस्तित्व के, विवेक के भाव, चेतना के, जागरूकता के, और भाव संवेदनशील होने का, प्रेम भरा होने का. यही है वह जो मैं अपने धर्म की परम्पराओं से समझता हूँ, यही है वह जो मैं दूसरे धर्म की परम्पराओं के अपने अध्धयन से समझता हूँ, और यह एक समान मंच है जिस पर हम सबको जरूर खड़े होना चाहिए, और इस मंच पर जब हम ऐसे खड़े होंगे, मुझे यकीन है कि हम एक अद्भुत दुनिया बना सकते हैं. और मुझे व्यक्तिगत तौर पर विश्वास है कि हम कगार पर हैं, कि आप जैसे लोग जो यहाँ हैं उनकी उपस्थिति और मदद से, हम ईसा की भविष्यवाणी को सच बना सकते हैं. क्यों कि उसने एक समय के बारे में बताया था जब लोग अपनी तलवारों को हल के फल में बदल देंगे और न युध्द सीखेंगे और न और कभी युध्द करेंगे. हम मानव इतिहास में ऐसे मुकाम पर पहुँच गए हैं, जब हमारे पास कोई विकल्प नहीं है. हमें जरूर, जरूर ही अपने अहम् को गिराना होगा, हमारे अहम् पर नियंत्रण, चाहे वह एक का अहम् हो, व्यक्तिगत अहम् हो, परिवार का अहम्, राष्ट्र का अहम्, और सब परमेश्वर के गुणगान में जुटें, धन्यवाद्, ईश्वर आपको आशीर्वाद दे.

Last Update: 2019-07-06
Usage Frequency: 4
Quality:

Warning: Contains invisible HTML formatting

Get a better translation with
7,726,578,295 human contributions

Users are now asking for help:



We use cookies to enhance your experience. By continuing to visit this site you agree to our use of cookies. Learn more. OK