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jya swachata tya prabhuta પર નિબંધ
ज्य swachata tya prabhuta पर निबंध
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swachata tya prabhuta નિબંધ
swachata tya prabhuta essay
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swachata tya prabhuta નિબંધ
swachata tya prabhuta निबंध
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swachata tya prabhuta
essay on swachata tya. prabhuta. gujarati
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swachata ત્યાં ત્યાં prabhuta પર નિબંધ
essay on swachata tya prabhuta
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swachata કા mahatva પર નિબંધ
essay on swachata ka mahatva
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swachata tya prabhuta ગુજરાતી ભાષણ swac
swachata tya prabhuta gujarati speech swac
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ગુજરાતી માં swachata અભિયાન પર નિબંધ
स्वच्छ भारत अभियान निबंध 7 (500 शब्द) स्वच्छ भारत अभियान भारत को गंदगी-रहित बनाने की एक ऐसी मुहिम और अभियान है जो राष्ट्रीय आंदोलन के रुप में भारत सरकार द्वारा देश के 4041 सांविधिक नगर की आधारभूत संरचना, सड़के, और पैदल मार्ग, की साफ-सफाई का लक्ष्य कर आरंभ किया गया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आधिकारिक रुप से इसकी शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 गाँधी जयंती के दिन नई दिल्ली के राजघाट पर किया। इस अभियान के आरंभ के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने खुद सड़क को साफ किया। ये अभी तक का सबसे बड़ा सफाई अभियान है जिसमें 30 लाख सरकारी कर्मचारियों के साथ स्कूल कॉलेजों के बच्चों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इस अभियान की शुरुआत के दिन प्रधानमंत्री ने कला, खेल और साहित्य से जुड़े 9 हस्तियों को नामित किया अपने-अपने क्षेत्रों में इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिये। स्कूल कॉलेजों ने भी अपने तरीके से कई सारे कार्यक्रम आयोजित कर इसमें भाग लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने उन नौ नामित लोगों से आग्रह किया कि वो अपनी तरफ से नौ व्यक्ति चुने जो भारत स्वच्छता अभियान में पूरी इच्छाशक्ति से भाग ले और इस तरह एक पूरी मानव श्रृंखला का निर्माण हो जिसमें देश के हर कोने से हर भारतीय शामिल हो और इसे राष्ट्र मिशन के रुप में आगे बढ़ाये। किसी पेड़ की शाखाओं की तरह ही इस मिशन का भी मकसद भारत के हर-एक व्यक्ति को जोड़ना है, चाहे वो किसी भी व्यवसाय से हो। स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रहे सभी परिवारों को स्वास्थ्य प्रद शौचालय प्रदान करना है, बेकार शौचालय को अल्प लागत स्वास्थ्य-प्रद शौचालयों में बदलना, हैण्ड पंप उपलब्ध कराना, सुरक्षित नहाना, स्वच्छता संबंधी बाजार हो, निकास नली, ठोस और द्रव कचरे की उचित व्यवस्था हो, शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता हो, घरेलू और पर्यावरण संबंधी सफाई व्यवस्था आदि। भारत सरकार द्वारा व्यक्तिगत स्वच्छता और पर्यावरणीय स्वच्छता को लेकर इसके पहले कई सारे जागरुकता कार्यक्रम( जैसे पूर्णं स्वच्छता अभियान,निर्मल भारत अभियान आदि ) प्रारंभ किये गए थे लेकिन इस तरह के अभियान ज्यादा प्रभावी साबित नहीं हुए। इस अभियान का मुख्य लक्ष्य खुले में शौच की प्रवृति को खत्म करना, अस्वास्थयकर शौचालयों को बहाने वाले शौचालयों में तब्दील करना, हाथ से शौच की सफाई न करना, ठोस और द्रव कचरे को अचछी तरह से निपटान कर देना, साफ-सफाई को लेकर लोगों को जागरुक करना, लोगों के सोच में बदलाव लाना, साफ-सफाई के सुविधाओं के प्रति प्राइवेट क्षेत्रों की भागीदारी को सुगम बनाना आदि। इस मिशन में प्रधानमंत्री द्वारा नामित किये गए नौ सदस्य थे, सलमान खान, अनिल अंबानी, कमल हासन, कॉमेडियन कपिल शर्मा, प्रियंका चोपड़ा, बाबा रामदेव, सचिन तेंडुलकर, शशि थरुर और प्रसिद्ध टीवी धारावाहिक “तारक मेहता का उल्टा चश्मा” की पूरी टीम। भारतीय फिल्म अभिनेता आमिर खान को इसके शुभारंभ के मौके पर आमंत्रित किया गया था। इस अभियान के लिये प्रधानमंत्री द्वारा कई ब्रैंड एम्बेस्डर्स का भी चुनाव किया गया था जिनको स्वच्छ-भारत अभियान को अलग-अलग क्षेत्रों में प्रारंभ और प्रोत्साहित करने की जिम्मेदारी थी। 8 नवंबर 2014 को उन्होंने कुछ और लोगों को इससे जोड़ा (मोहम्द कैफ, सुरेश रैना, अखिलेश यादव, स्वामी रामभद्रचार्या, कैलाश खेर, राजू श्रीवास्तव, मनु शर्मा, देवी प्रसाद द्विवेदी और मनोज तिवारी ) और 25 दिसंबर 2014 को सौरव गांगुली, किरन बेदी, रामो जी राव, सोनल मानसिंह, और पदमानभा आचार्या आदि को स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा बनाया। कई सारे दूसरे कार्यक्रम जैसे स्वच्छ भारत रन, स्वच्छ भारत ऐप्स, रियल टाईम मॉनिटरिंग सिस्टम, स्वच्छ भारत लघु फिल्म, स्वच्छ भारत नेपाल अभियान आदि इस मिशन के उद्देशय को सक्रियता से समर्थन करने के लिये प्रारंभ और लागू किया गया। स्वच्छ भारत अभियान निबंध 8 (1400 शब्द) परिचय: स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत सरकार द्वारा देश को स्वच्छता के प्रतीक के रुप में पेश करना है। स्वच्छ भारत का सपना महात्मा गाँधी के द्वारा देखा गया था जिसके संदर्भ में गाँधीजी ने कहा कि, ”स्वच्छता स्वतंत्रता से ज्यादा जरुरी है” उनके अपने समय में वो देश की गरीबी और गंदगी से अच्छे से अवगत थे इसी वजह से उन्होंने अपने सपनों को पाने के लिये कई सारे प्रयास किये, लेकिन सफल नहीं हो सके। जैसा कि उन्होंने स्वच्छ भारत का सपना देखा था, उन्होंने कहा कि निर्मलता और स्वच्छता दोनों ही स्वस्थ और शांतिपूर्ण जीवन का अनिवार्य भाग है। लेकिन दुर्भाग्य से भारत आजादी के 67 साल बाद भी इन दोनों लक्ष्यों से काफी पीछे है। अगर आँकड़ो की बात करें तो केवल कुछ प्रतिशत लोगों के घरों में शौचालय है, इसीलिये भारत सरकार पूरी गंभीरता से बापू की इस सोच को हकीकत का रुप देने के लिये देश के सभी लोगों को इस मिशन से जोड़ने का प्रयास कर रही है जिससे विश्व भर में ये सफल हो सके। इस मिशन को अपने प्रारंभ की तिथि से बापू की 150वीं पूण्यतिथि (2 अक्दूबर 2019) तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस अभियान को सफल बनाने के लिये सरकार ने सभी लोगों से निवेदन किया कि वो अपने आसपास और दूसरी जगहों पर साल में सिर्फ 100 घंटे सफाई के लिये दें। इसको लागू करने के लिये बहुत सारी नीतियाँ और प्रक्रिया है जिसमें तीन चरण है, योजना चरण, कार्यान्वयन चरण, और निरंतरता चरण। स्वच्छ भारत अभियान क्या है ? स्वच्छ भारत अभियान एक राष्ट्रीय स्वच्छता मुहिम है जो भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया है, इसके तहत 4041 सांविधिक नगरों के सड़क, पैदल मार्ग और अन्य कई स्थल आते है। ये एक बड़ा आंदोलन है जिसके तहत भारत को 2019 तक पूर्णंत: स्वच्छ बनाना है। इसमें स्वस्थ और सुखी जीवन के लिये महात्मा गाँधी के स्वच्छ भारत के सपने को आगे बढ़ाया गया है। इस मिशन को 2 अक्टूबर 2014(145वीं जन्म दिवस) को बापू के जन्म दिवस के शुभ अवसर पर आरंभ किया गया है और 2 अक्टूबर 2019 (बापू के 150वीं जन्म दिवस ) तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है । भारत के शहरी विकास तथा पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के तहत इस अभियान को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लागू किया गया है। इस मिशन का पहला स्वच्छता अभियान(25 सितंबर 2014) भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा इसके पहले शुरु किया जा चुका था। इसका उद्देश्य सफाई व्यवस्था की समस्या का समाधान निकालना साथ ही सभी को स्वच्छता की सुविधा के निर्माण द्वारा पूरे भारत में बेहतर मल प्रबंधन करना है। स्वच्छ भारत अभियान की जरुरत अपने उद्देश्य की प्राप्ति तक भारत में इस मिशन की कार्यवाही निरंतर चलती रहनी चाहिये। भौतिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक कल्याण के लिये भारत के लोगों में इसका एहसास होना बेहद आवश्यक है। ये सही मायनों में भारत की सामाजिक स्थिति को बढ़ावा देने के लिये है जो हर तरफ स्वच्छता लाने से शुरु किया जा सकता है। यहाँ नीचे कुछ बिंदु उल्लिखित किये जा रहे है जो स्वच्छ भारत अभियान की आवश्यकता को दिखाते है। ये बेहद जरुरी है कि भारत के हर घर में शौचालय हो साथ ही खुले में शौच की प्रवृति को भी खत्म करने की आवश्यकता है। अस्वास्थ्यकर शौचालय को पानी से बहाने वाले शौचालयों से बदलने की आवश्यकता है। हाथ के द्वारा की जाने वाली साफ-सफाई की व्यवस्था का जड़ से खात्मा जरुरी है। नगर निगम के कचरे का पुनर्चक्रण और दुबारा इस्तेमाल, सुरक्षित समापन, वैज्ञानिक तरीके से मल प्रबंधन को लागू करना। खुद के स्वास्थ्य के प्रति भारत के लोगों की सोच और स्वाभाव में परिवर्तन लाना और स्वास्थ्यकर साफ-सफाई की प्रक्रियों का पालन करना। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में वैश्विक जागरुकता का निर्माण करने के लिये और सामान्य लोगों को स्वास्थ्य से जोड़ने के लिये। इसमें काम करने वाले लोगों को स्थानीय स्तर पर कचरे के निष्पादन का नियंत्रण करना, खाका तैयार करने के लिये मदद करना। पूरे भारत में साफ-सफाई की सुविधा को विकसित करने के लिये निजी क्षेत्रों की हिस्सेदारी बढ़ाना। भारत को स्वच्छ और हरियाली युक्त बनाना। ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना। स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से समुदायों और पंचायती राज संस्थानों को निरंतर साफ-सफाई के प्रति जागरुक करना। वास्तव में बापू के सपनों को सच करने के लिये ये सब करना है। शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य हर नगर में ठोस कचरा प्रबंधन सहित लगभग सभी 1.04 करोड़ घरों को 2.6 लाख सार्वजनिक शौचालय, 2.5 लाख सामुदायिक शौचालय उपलब्ध कराना है। सामुदायिक शौचालय के निर्माण की योजना रिहायशी इलाकों में की गई है जहाँ पर व्यक्तिगत घरेलू शौचालय की उपलब्धता मुश्किल है इसी तरह सार्वजनिक शौचालय की प्राधिकृत स्थानों पर जैसे बस अड्डों, रेलवे स्टेशन, बाजार आदि जगहों पर। शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता कार्यक्रम को पाँच वर्षों के अंदर 2019 तक पूरा करने की योजना है। इसमें ठोस कचरा प्रबंधन की लागत लगभग 7,366 करोड़ रुपये है, 1,828 करोड़ जन सामान्य को जागरुक करने के लिये है, 655 करोड़ रुपये सामुदायिक शौचालयों के लिये, 4,165 करोड़ निजी घरेलू शौचालयों के लिये आदि। वो कार्यक्रम जिन्हें पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है-खुले में शौच की प्रवृति को जड़ से हटाना, अस्वाथ्यकर शौचालय को पानी से बहाने वाले
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sukayela vrukas ni atmakatha essay
마지막 업데이트: 2023-09-03
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