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it's hurting./ does it hurt?
यह दर्द. है / क्या यह चोट /?
Last Update: 2017-10-12
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you're hurting me.
आह! दुख रहा हैं.
Last Update: 2017-10-12
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you're hurting me!
तकलीफ हो रही हैं!
Last Update: 2017-10-12
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you hurting me this time
हर बार जब आप मुझे चोट पहुँचाते हैं
Last Update: 2023-11-13
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don't know what hurting , but it's hurting
पता नहीं क्या दर्द होता है, लेकिन यह दर्द होता है
Last Update: 2024-06-17
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some memories are hurting me
कुछ यादें दर्द कर रही हैं
Last Update: 2021-06-27
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every time you hurting me
हर बार जब आप मुझे चोट पहुंचाते हैं
Last Update: 2023-10-19
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i don't know what is hurting but it's hurting
Last Update: 2024-03-05
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don't know what's hurting but it's hurting meaning
पता नहीं क्या दर्द हो रहा है, लेकिन यह दुख का मतलब है
Last Update: 2023-09-07
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can you hold me without hurting me
क्या तुम मुझे पकड़ सकते हो
Last Update: 2024-06-07
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you are hurting me more then i deserve
मैं लायक है तो आप मुझे और अधिक चोट पहुँचा रहे हो
Last Update: 2017-05-26
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cause my past is still me hurting me
मुझे अपने अतीत का पछतावा नहीं है
Last Update: 2024-02-11
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i hope you realize how you re hurting me someday
मुझे उम्मीद है कि आप महसूस करेंगे कि आप मुझे किसी दिन कैसे चोट पहुंचा रहे हैं
Last Update: 2018-09-02
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you can hurting me then i always hurting you baby so plzz be cool
आप कर सकते हैं huting मुझे तो मैं हमेशा दर्द हो रहा है आप बच्चे तो plzz हो सकता है शांत
Last Update: 2022-08-29
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firstly i liked this weather but now i don't know why this is hurting me
पहले तो मुझे यह मौसम अच्छा लगा लेकिन अब पता नहीं क्यों ये मुझे दर्द दे रहा है
Last Update: 2021-10-17
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act like i don't care but deep down its hurting like a hell
Last Update: 2023-09-26
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i win there's i think u wanna say to you but i just you live like if you hold me without hurting me you i be the first who ever did there i think wanna talk about
i win there's i think you want to say to you but i just you live like if you hold me without hurting me you i be the first who ever did there i think wanna talk about
Last Update: 2024-10-11
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at that point, the ahamkar feels so much aaghat. [we feel] "i really don't know, but why are you hurting me?" that arises within.
"मुझे सच में नहीं आता, पर आप मुझे चोट क्यों पहुँचा रहे हो?" अंदर ऐसा लगता है अब यह "मुझे नहीं आता" और "मुझे आता है", वह अहंकार है भोगवटा किसे आ रहा है? अहंकार को आ रहा है अब हमें अहंकार को अलग रखना पड़ेगा कि तुझे भोगवटा आ रहा है हिसाब पूरा हो रहा है जब तक यह समझ में नहीं आता तब तक तप करते रहना है दादा-दादा करो या "दादा भगवान के असीम जय-जयकार हो" बोलो दादा मुझे शक्ति दीजिए, दादा मुझे शक्ति दीजिए अलग रखने की शक्ति दीजिए तप करने की शक्ति दीजिए यह अहंकार जल रहा है और कितनी बार ऐसा भी देखा है कि चार दिनों बाद ऑटोमैटिकली दूसरी चीज़ों में व्यस्त हो जाता है तो अंदर जो भोगवटा आ रहा था वह खत्म हो जाता है बंद भी हो जाता है यानी परमाणुओं का हिसाब है भुगतने का चौबीस घंटे, अड़तालीस घंटे या दो सौ घंटे के लिए भुगतते-भुगतते... लकड़ी जलने लगी है तो जलते-जलते पूरी हो जाएगी लेकिन तब तक डिस्चार्ज अहंकार का भोगवटा खत्म होने तक हमें उसे जुदा रखना है और यदि हमारी बुद्धि खड़ी हो कि "यह कैसा व्यक्ति है, मुझे ऐसा बोल गया" तो वहाँ हमें शुद्ध देखना है कि "हे शुद्धात्मा भगवान आप अलग हो, यह चंदू अलग है यह मंगलदास अलग है, मंगलदास ने चंदू को दुःख दिया है उसमें पूर्व का हिसाब होना चाहिए, इसलिए ऐसा हुआ है जब माइनस थ्री और प्लस थ्री मिलते हैं तब स्पार्क हो जाता है वैसे ही हमें भी स्पार्क होकर भोगवटा आया है अपने ही कॉज़ेज़ की इफेक्ट, उसके निमित्त से आई है और हमें आई है यानी हमारा हिसाब आया है इसलिए तप करते रहो और बुद्धि दिखाए कि "इसने ऐसा क्यों किया?" तब उसे कहना है कि "उसने नहीं किया, शुद्धात्मा अलग है" किस तरह अलग है? भरा हुआ माल किस तरह अलग है? उसकी सेटिंग करते-करते उसे निर्दोष देखना है सामनेवाले को ज़रा भी दोषित देखने का स्पंदन भी खड़ा नहीं होने देना है उससे क्या होगा कि हमारा एक भाग तो साफ हो गया बाकी बचा अंदर का, अंदर का समाधान अभी मिल नहीं रहा है तो दादा की वाणी में से मेरे पास तो यही एक आधार था दादा की वाणी के पृष्ठ पलटते-पलटते एकाध चाबी ऐसी मिल जाती कि ज्ञान सेट हो जाता सुलगता कोयला जब तक राख न हो जाए तब तक उसे अलग रखना है यह तप है तप अभी अगर उसे मान मिले न तो चोट ठीक हो जाती है सामनेवाला आकर समाधान कर ले तो ठीक हो जाता है ठीक हो जाए तो भी अभी अहंकार तो है ही इसलिए सुलगते हुए हिस्से को अगर तप से खाली कर दें वह दो-चार महीने में भी खाली होगा न तो हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा तब तक हमें ज्ञान की नई चाबियाँ सेट करते रहनी हैं कि अहंकार का विलय कैसे करें? यह सिर्फ नासमझी ही है कि "मुझे उसने ऐसा क्यों कहा?" इसलिए मैंने तो लिखा था लिस्ट बनाई थी पचास प्रकार की लिस्ट मुझे क्यों कहा? हर बार क्यों ऐसा ही करता है? मैंने क्या गलती की है? हमेशा मुझ पर ही क्यों दोष लगाता है? "तू किस प्रकार का है, ऐसा मुझे क्यों कहा?" तो हर बार "मुझे" और "किसे?" यानी एक्ज़ेक्ट निश्चय ज्ञान से ही इसको तोड़ते-तोड़ते-तोड़ते जब अंतिम रोंग बिलीफ छूट जाती है तब दुःख परिणाम का अंत आ जाता है तब आनंद और मुक्तता और वह जो खेत तुमने जोता होमवर्क करते-करते... तो फिर भविष्य में, यह जो ज़ख्म दिया था मान लो अस्सी डिग्री का ज़ख्म दिया हो तो अस्सी डिग्री से नीचेवाले सारे अहंकार को ज्ञान से विलय करने की शक्ति प्रकट हो गई फिर जब बड़े ज़ख्म मिलेंगे तब फिर से नई सेटिंग (ज्ञान की) करनी पड़ेगी लेकिन शक्ति इतनी बढ़ जाती है कि फिर ऐसे ज़ख्मों को झेलने की शक्ति, सॉल्यूशन लाने की शक्ति बढ़ जाती है लेकिन वह सॉल्यूशन अगर अस्सी रोंग बिलीफ हैं तो एक-एक को सॉल्व करते जाओ धीरे-धीरे, धीरे-धीरे इसका सॉल्यूशन मुझे ऐसे मिला था कि अगर सामनेवाला चोट पहुँचाए तो "किसे चोट पहुँचा रहा है?" और "मैं कौन हूँ" और "कौन कर रहा है" और "वह कौन है" यह हमारा निश्चय ज्ञान ही है और "निजदोष दर्शन" किताब में इतनी चाबियाँ हैं अपनी ये सभी सत्संग की बातें छठवीं आप्तवाणी में बहुत सी चाबियाँ है फिर "प्रतिक्रमण" की किताब में भी बहुत सारी चाबियाँ हैं और ज़्यादा नहीं मान, अपमान और अहंकार इनके लिए दादा की वाणी में बहुत सी चाबियाँ हैं निश्चय की डायरेक्ट चाबी का ही मैं उपयोग करता रहता था और यह भोगवटा किसे आ रहा है
Last Update: 2019-07-06
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