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Hindi

Tamil

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Hindi

24

Tamil

24

Last Update: 2018-12-24
Usage Frequency: 2
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Hindi

0. 24

Tamil

0. 24

Last Update: 2018-12-24
Usage Frequency: 2
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Hindi

1. 24

Tamil

1. 24

Last Update: 2018-12-24
Usage Frequency: 2
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Hindi

24 पाइंट्स

Tamil

24 புள்ளிகள்

Last Update: 2018-12-24
Usage Frequency: 2
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Hindi

24- बिट रंग

Tamil

24- பிட் வண்ணம்

Last Update: 2018-12-24
Usage Frequency: 2
Quality:

Hindi

24 इंच रोल कागज

Tamil

24 அங்குல சுற்றுத்தாள்

Last Update: 2018-12-24
Usage Frequency: 2
Quality:

Hindi

भारी कागज (24 पौंड)

Tamil

கனமான பக்கம்( 24lb)

Last Update: 2018-12-24
Usage Frequency: 2
Quality:

Hindi

24- बिट रंग (b)

Tamil

24- பிட் வண்ணம்

Last Update: 2018-12-24
Usage Frequency: 2
Quality:

Hindi

24 - 31 mb कुल रैम

Tamil

24 - 31 mb மொத்த ram

Last Update: 2018-12-24
Usage Frequency: 2
Quality:

Hindi

वास्तविक रंग (24 बिट)

Tamil

label for soundsettings in preferences dialog

Last Update: 2018-12-24
Usage Frequency: 2
Quality:

Hindi

v. 120 v. 24 रेट आईएसडीएन

Tamil

v. 120 v. 24 rate isdn

Last Update: 2018-12-24
Usage Frequency: 2
Quality:

Hindi

सिर्फ 24 घंटे के लिए इस लिपटे रहते हैं.

Tamil

வெறும் 24 மணி நேரம் இந்த மூடப்பட்டிருக்கும் வைக்க.

Last Update: 2017-10-13
Usage Frequency: 1
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Hindi

पैलेटेड रंग छवि (16 या 24 बिट गहराई)

Tamil

வண்ணக் களஞ்சிய பிம்பம்( 16 or 24 பிட் ஆழம்)

Last Update: 2018-12-24
Usage Frequency: 2
Quality:

Hindi

राइट आरोहण मूल्य 0. 0 तथा 24. 0 के बीच होना चाहिए.

Tamil

எழுச்சிக் கோண மதிப்பு 0. 0 லிருந்து 24. 0க்குள் இருக்கவேண்டும்

Last Update: 2018-12-24
Usage Frequency: 2
Quality:

Hindi

यदि a1: a5 में हों 7, 24, 23, 56 तथा 9:

Tamil

if a1: a5 contains 7, 24, 23, 56 and 9:

Last Update: 2018-12-24
Usage Frequency: 2
Quality:

Hindi

क्योंकि पिछले 24 घंटों में मेरे पिछवाड़े से भर-भर के निकला है.

Tamil

கடந்த 24 மணி நேரமா எவ்ளோ மலம் போயிருக்கு தெரியுமா.

Last Update: 2017-10-13
Usage Frequency: 1
Quality:

Hindi

अगले 24 घंटे का अलार्म दिखाएँ (2) @ info: whatsthis

Tamil

அடுத்த 24 மணி நேர அலாரத்தைக் காட்டு

Last Update: 2018-12-24
Usage Frequency: 2
Quality:

Hindi

12 गुना 2 बराबर 24. अंतिम, 15 से 60,हमे 4 से गुना करना होगा,इसलिए हम अंश के साथ भी यही करते हैं.

Tamil

12 பெருக்கல் 2, என்பது 24 ஆகும். 15-ஐ 60 ஆக்க, இதனை 4 ஆல் பெருக்க வேண்டும். பிறகு, அதன் தொகுதியையும் பெருக்க வேண்டும்.

Last Update: 2019-07-06
Usage Frequency: 1
Quality:

Hindi

"हाँ, उसका जीवन लम्बा और परिवार छोटा है, जबकि तीसरी दुनिया का जीवन छोटा परिवार बड़ा है।" तो यह सब में यहाँ प्रदर्शित कर सकता हूँ। मैं यहाँ उत्पादन दर को रखता हूँ: प्रति औरत बच्चों की संख्या, एक, दो, तीन, चार, प्रति औरत बच्चों की संख्या क़रीबन आठ तक। 1962 तक हमारे पास बहुत अच्छे आंकड़े हैं - 1960 में सभी देशों के परिवार के आकार्। त्रुटि हाशिया संकीर्ण है। यहाँ में कुछ देशों में जीवन प्रत्याशा, 30 साल से क़रीबन 70 साल रखता हूँ। और 1962 में यहाँ देशों का एक समूह था। वे औधोगिक देश थे, जिनमें परिवार छोटे और जीवन आयु लम्बी होती थी। और ये विकासशील देश थे: इनमें परिवार बड़े और जीवन आयु छोटी होती थी। अब 1962 से क्या हुआ है? हम बदलाव देखना चाहते हैं। क्या छात्र सही कह रहे हैं? क्या अभी भी दो प्रकार के देश हैं? या इन विकासशील देशों के परिवार अधिक छोटे हो गये हैं और वे यहाँ रह रहे हैं? या उनकी जीवन आयु बढ़ गयी है और वहाँ रह रहे हैं? आओ देखें। तब हमने दुनिया को रोक दिया। यह पूर्ण यूएन गणना है जो उपलब्ध रही है। हम यहाँ आते हैं। क्या आप वहाँ देख सकते हैं? यह चीन है, वहाँ स्वास्थ्य बेहतर हो रहे हैं, सुधार हो रहा है। सभी हरित लेटिन अमेरीकी देश छोटे परिवारों में तब्दील हो रहे हैं। यहाँ खाड़ी देश पीले रंग से दर्शाये गये हैं, उनके परिवार बड़े हैं, लेकिन उनकी न, तो लम्बी आयु है, और न ही, परिवार बड़े हो पाते हैं। यहाँ नीचे अफ्रीकी दिखाये गये हैं। वे अभी भी यहाँ हैं। यह भारत है। इंडोनेशिया बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। (हँसते हुए) और 80 के दशक में, वहाँ बंगलादेश अफ्रीकी देशों के बीच में था। लेकिन अब, बंगलादेश— में भी 80 के दशक में चमत्कार हो गया है। इमामों ने परिवार योजना को प्रोत्साहन देना शुरू कर दिया है। वे उस कोने से निकलकर आगे बढ़े और 90 में हम एचआईवी की भयंकर आपदा झेलते हैं जिससे अफ्रीकी देशों की जीवन प्रत्याशा नीचे आ जाती है और बाकी सब कोने में खिसक जाते हैं जहाँ आयु लम्बी और परिवार छोटे हैं, और हमारा एक पूर्णतया नया संसार बनता है। (करतल ध्वनि) मुझे सीधे संयुक्त राष्ट्र अमेरीका और वियतनाम में तुलना करने दो। अमेरिका के परिवार छोटे और लोगों की आयु लम्बी होती थी, वियतनाम के परिवार बड़े और लोगों की जीवन आयु छोटी होती थी, और जो होता है वह यह है: युद्ध के दौरान के आंकड़े दर्शाते हैं कि मृत्यु के वावजूद भी जीवन प्रत्याशा में सुधार आया। साल के अंत तक, वियतनाम में परिवार योजना शुरू हो गई और उनके परिवार छोटे होने लगे। और संयुक्त राष्ट्र में परिवार को सीमित कर लम्बा जीवन जीने लगे हैं और अब 80 में, वे सामाजिक योजना को त्यागकर बाज़ार अर्थव्यवस्था की और ध्यान देते हैं और यह सामाजिक जीवन से भी अधिक तेज़ गति से चलती है और आज, हमारे वियतनाम में जीवन की समान आशा और परिवार का समान आकार है, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र में, 1974 में युद्ध के अंत था। मैं सोचता हूँ कि - कि यदि हम आंकड़े पर नज़र न डालें तो, एशिया में हुए आश्चर्यजनक परिवर्तन को हम कम आंकते हैं जोकि आर्थिक परिवर्तन की अपेक्षा सामाजिक परिवर्तन में पहले देखने को मिला। आओ अब दूसरी तरफ़ रुख़ करें जहाँ हम विश्व में आय के वितरण को देख सकते हैं। यह विश्व के लोगों की आय का वितरण है। प्रतिदिन एक डालर, 10 डालर या 100 डालर। अब अमीर और ग़रीब में ज़्यादा अंतर नहीं है। यह केवल एक मिथ्याभास है। यहाँ थोड़ी सी कमी है। लेकिन सभी तरफ़ लोग ही लोग हैं। और अगर हम वहाँ देखें जहाँ आय ख़त्म होती है- यह आय विश्व की वार्षिक आय की 100 प्रतिशत है, कुल सबसे अधिक अमीर 20 प्रतिशत हैं जिनकी आय क़रीबन 74 प्रतिशत है और सबसे ग़रीब 20 प्रतिशत हैं जिनकी आय 2 प्रतिशत है और यह दर्शाता है कि विकासशील देशों की संकल्पना अत्याधिक संदेहयुक्त है। हम सहायता राशि के बारे में सोचते हैं, जैसे कि यह लोग इन लोगों को सहायता राशि प्रदान कर रहे हैं, लेकिन बीच में अधिकांश विश्व की जनसंख्या है, और अब वह आय की 24 प्रतिशत है। हमने इसके बारे में दूसरे रूप में सुना। और ये कौन हैं? विभिन्न देश कहाँ हैं? मैं आपको अफ्रीका दिखा सकता हूँ। यह अफ्रीका है, विश्व की जनसंख्या का 10 प्रतिशत। यहाँ सबसे ज़्यादा ग़रीबी है। यह ओईसीडी है। अमीर देश। संयुक्त राष्ट्र का कंट्री क्लब। और वे यहाँ इस तरफ़ हैं। अफ्रीका और ओईसीडी के बीच पूर्णतया एक से दूसरा किनारा। और यह लेटिन अमेरीका है। यहाँ इस धरती ग्रह पर उपलब्ध सबकुछ है। ग़रीबी से लेकर अमीरी तक और उसके शीर्ष पर, हम पूर्वी यूरोप को रख सकते हैं, हम पूर्वी एशिया को रख सकते हैं। और हम दक्षिणी एशिया को रख सकते हैं। और कहीं अगर हम वापस 1970 के समय में चले जायें, तो कैसा लगेगा? और भी ज़्यादा अंतर। और जो सबसे ज़्यादा ग़रीबी में जीवन-यापन करते हैं वे हैं एशियाई लोग। एशिया की ग़रीबी विश्व की समस्या थी। और अगर मैं अब विश्व को आगे बढ़ने दूँ, तो आप देखोगे कि जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ेगी, एशिया में अरबों लोग ग़रीबी से बाहर आयेंगे और कुछ अन्य ग़रीबी में आ जायेंगे, आज हमारा यही स्वरूप बन गया है। और विश्व बैंक की सर्वश्रेष्ठ परिकल्पना यही है कि ऐसा होगा, और हमारा विश्व बंट नहीं पायेगा। मध्य में सबसे अधिक लोग नहीं होंगे। निस्संदेह यह लघुगणक पैमाना है। लेकिन हमारी आर्थिक व्यवस्था का संकल्प प्रतिशत के साथ विकास है। हम इसे प्रतिशतता वृद्धि की संभावना के रूप में देखते हैं। अगर मैं इसे बदल दूँ, और जीडीपी को पारिवारिक आय की अपेक्षा प्रति व्यक्ति लूँ, और इन व्यक्तिगत आंकड़ों को कुल घरेलु उत्पाद के क्षेत्रीय आँकड़ों के आधार पर लूँ और यहाँ क्षेत्र को नीचे कर दूँ, तो बुलबुले का आकार अभी भी जनसंख्या होगा। आप वहाँ ओईसीडी देखें और वहाँ उप-सहारा अफ्रीका और यहाँ हम अफ्रीका और एशिया दोनों से आकर खाड़ी राज्यों की ओर रूख़ करते हैं। और हम उन्हें अलग-अलग रखेंगे। और हम इस अक्ष रेखा का विस्तार कर सकते हैं, सामाजिक मूल्य, बाल जीवन को शामिल कर, और यहाँ मैं इसे एक नया परिमाण दे सकता हूँ, अब उस अक्ष पर मेरे पास पैसा है, और सम्भवता बच्चें संघर्ष कर सकते हैं। कुछ देशों में 99-7 प्रतिशत बच्चे पाँच साल की उम्र से संघर्ष करना शुरू कर देते हैं, और दूसरे देशों में सिर्फ़ 70 प्रतिशत। और यहाँ ओईसीडी और लेटिन अमेरिका, पूर्वी यूरोप, पूर्वी एशिया, खाड़ी देश, दक्षिणी एशिया, और उप-सहारन अफ्रीका के मध्य अंतर दिखलाई पड़ता है। बाल संघर्ष और धन के बीच अनुरेखीय बहुत सशक्त होता है। लेकिन मुझे उप-सहारन अफ्रीका पर आने दो। वहाँ स्वास्थ्य है और बेहतर स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता है। मैं यहाँ आ सकता हूँ और मैं उप-सहारन अफ्रीका से इसके देशों पर आ सकता हूं और जब यह फूटता है, तो देश के बुलबुले का आकार जनसंख्या का आकार होता है। सिएरा रोआंन वहाँ नीचे है। मोरिशस वहाँ ऊपर है। मोरिशस व्यापारिक बंधनों को तोड़ने वाला पहला देश था। और उसने अपनी चीनी का निर्यात किया। यूरोप और उत्तरी अमेरिका के लोगों की ही तरह मोरिशस के लोग भी समान शर्तों पर अपना कपड़ा बेच सके। अफ्रीका में बहुत बड़ा अंतर है। और घाना यहाँ मध्य में है। सिएरा रोआंन, मानवीय अनुदान, यूगांडा में विकास अनुदान, यहाँ समय का निवेश, यहाँ आप छुट्टियां बिताने जा सकते हैं। अफ्रीका में यह एक आश्चर्यजनक अंतर है जिसे हम कदाचित मान सकते हैं- जो सब चीजों के समान है। यहाँ से में दक्षिण अफ्रीका को अलग कर सकता हूँ। बीच में भारत एस बड़ा बुलबुला है। लेकिन अफगनिस्तान और श्रीलंका में एक बहुत बड़ा अंतर है मैं खाड़ी देशों में जा सकता हूँ। वे कैसे हैं? एक जैसी जलवायु, एक जैसी संस्कृति, एक जैसा धर्म। बहुत बड़ा अंतर। पड़ोसियों में भी। येमिन, धर्मनिरपेक्ष युद्ध। संयुक्त अरब अमीरात, धन जोकि बिल्कुल बराबर था और उसका सही इस्तेमाल होता था। यह कोई मिथ्याबोध नहीं और इसमें विदेशी कर्मचारियों के बच्चें, जो देश में हैं, भी शामिल हैं। आपके सोचने की अपेक्षा आंकड़े प्राय बेह्तर होते हैं। अधिकतर लोग कह्ते हैं कि आंकड़े अच्छे नहीं होते। अनिश्चितता की गुंजाइश है, लेकिन हम यहाँ अंतर देख सकते हैं: कम्बोडिया, सिंगापुर। आंकड़ों की दुर्बलता की अपेक्षा अंतर बहुत बड़ा है। पूर्वी यूरोप में लम्बे समय तक सोवियत अर्थव्यवस्था रही, लेकिन दस साल बाद वहां सबकुछ बिलकुल अलग था। लेटिन अमेरिका को लीजिए आज लेटिन अमेरिका में स्वस्थ देहात खोजने के लिए हमें क्यूबा जाने की ज़रूरत नहीं है। अब कुछ सालों में चिले में क्यूबा की अपेक्षा कम बाल जन्मदर होगी। और यहाँ ओईसीडी में हम उच्च-आय वाले देश देखते हैं। और पूरे विश्व का प्रारूप देखने को मिलता है जोकि क़रीब-क़रीब इस तरह है। और अगर हम इसे देखते हैं, तो, 1960 में विश्व किस तरह दिखता है, यह जानना होगा। यह ट्से-तुन्ग है, जो चीन में स्वास्थ्य लेकर आया और फिर उसका स्वर्गवास हो गया। और फिर डेन्ग कषिअओपिन्ग चीन में धन लाया, और एकबार फिर चीन मुख्यधारा से जुड़ गया। और फिर हम देख चुके हैं कि किस तरह देशों ने इस तरह विभिन्न दिशाओं में रूख़ किया। इसलिए कोई ऐसा देश जो विश्व प्रारूप का प्रदर्शन करें का उदाहरण प्रस्तुत करना मुश्किल काम है। मैं आपको फिर से यहाँ 1960 पर वापिस लाना चाहूँगा। मैं दक्षिण कोरिया, जोकि यह है, की तुलना ब्राज़ील, जोकि यह है, से करना चाहूँगा। नामपट्टी मुझे यहाँ ले आयी। और मैं युगांडा, जोकि वहाँ है, की तुलना करना चाहूँगा, और इस तरह मैं इसे आगे बढ़ा सकता हूँ। और आप देख

Tamil

1962இல், உண்மையில் நாடுகளின் குழுவொன்று இருந்தது, தொழில் மயமான நாடுகள என்று, அவைகள் சிறிய குடும்பங்கள் மற்றும நீண்ட ஆயுளைக் கொண்டிருந்தன. இவைகளே வளரும் நாடுகள்: அவைகள் பெரிய குடும்பங்களையும் பொருத்தமாக குறுகிய ஆயுளையும் கொண்டிருந்தன. இப்போது 1962 முதல் என்ன நடந்தது? நாம் மாற்றத்தைப் பார்க்க விரும்புகிறோம். மாணவர்கள சொன்னது சரியா? இன்னும் இரண்டு வகை நாடுகள் தான் உள்ளனவா? அல்லது இந்த வளரும் நாடுகள் சிறிய குடும்பங்களைக் கொணடு அவர்கள் இங்கே வசிக்கிறார்களா? அல்லது நீண்ட ஆயுளைக் கொண்டு வசிக்கிறார்களா? இப்போது பார்க்கலாம். நாம் உலகத்தை இத்தோடு நிறுத்துவோம். இது கிடைக்கப் பெறும் ஐநாவின் புள்ளிவிவரமாகும். இதோ, உங்களால் அதைப் பார்க்கமுடிகிறதா? அங்கே இருப்பது சீனா, மேலான ஆரோக்கியத்திற்கு சென்று கொண்டிருக்கிறது, முன்னேறுகிறது. அனைத்து பச்சையான இலத்தீன் அமெரிக்க குடும்பங்கள் சிறிய குடும்பங்களை நோக்கி நகர்ந்து கொண்டிருக்கின்றன. இங்கே உள்ள உங்கள் மஞ்சள் அரேபிய நாடுகளாகும், மற்றும் அவகைள் பெரிய குடும்பங்களைக் கொண்டிருக்கின்றன, ஆனால் அவர்கள் -- நீண்ட ஆயுளைக் கொண்டிருக்கவில்லை, பெரியக் குடும்பங்களைக் கொண்டுள்ளனர். இங்கே இருக்கும் ஆப்பிரிக்கா நாடுகள் பச்சையாக உள்ளன. அ‌வை அப்படியே உள்ளன. இது இந்தியா. இந்தோனேஷியா மிகவும் வேகமாக நகர்ந்து கொண்டிருக்கிறது. (சிரிப்பு) எண்பதுகளில், வங்காளதேசம் ஆப்பிரிக்க நாடுகளுடன் இன்னும் இங்கே உள்ளது. ஆனால் இப்போது, வங்காள தேசத்தில், 80களில் அது நடந்தது ஒரு அதிசயம்: இமாம்கள் குடும்பக்கட்டுப்பாட்டை ஊக்கப்படுத்தத் துவங்கியுள்ளனர். அவர்கள் அந்த முனை நோக்கி நகர்கிறார்கள். ‍தொண்ணூறுகளில் hiv பரவுதலை நாம் கொண்டிருந்தோம் அது வாழ்க்கையின் எதிர்பார்ப்பை ஆப்பிரிக்க நாடுகளில் குறைத்தது மற்றும் நீண்ட ஆயுளையும் சிறிய குடும்பத்தையும் நாம் கொண்டிருக்கக்கூடிய முனையை நோக்கி மற்றவைகள் எல்லாம் நகர்ந்தன, நாம் முற்றிலும் புதிய உலகினைக் கொண்டிருக்கிறோம். (கைதட்டல்) நான் இப்போது யுனைடெட் ஸ்டேட்ஸ் அமெரிக்காவுக்கும் வியட்னாமுக்கு இடையில் உள்ள நேரடியான ஒப்பிட்டைக் காட்டுகிறேன். அமெரிக்கா சிறிய குடும்பங்களையும் நீண்ட ஆயுளையும் கொண்டிருந்தது; வியட்னாம் பெரிய குடும்பங்களையும் குறுகிய ஆயுளையும் கொண்டிருந்தது. இது தான் நடந்தது: போரின் போதான தரவு அனைத்து மரணங்களுடன் சமமாக குறித்தது, வாழ்க்கைக்கான எதிர்பார்ப்பில் ஒரு முன்னேற்றம் இருந்தது. ஆண்டின் இறுதியில், குடும்பக்கட்டுப்பாடு துவங்கியது மற்றும் அவர்கள் சிறிய குடும்பங்களுக்கு மாறினார்கள். யுனைடெட் ஸ்டேட்ஸ் நீண்ட ஆயுளைப் பெற்றிருந்தார்கள், குடும்பத்தினை அளவாக வைப்பதன் மூலம். இப்போது 80களில், அவர்கள் கம்யூனிஸ்ட் திட்டமிடுதலை விட்டுவிட்டு, பொருளாதார சந்தைக்கு மாறிவிட்டார்கள், அது சமூக வாழ்க்கையைவிட வேகமாக மாறுகிறது. இன்று நாம், 2003இல், யுனை‍டெட் ஸ்டேட்ஸில் 1974, போரின் இறுதியில் இருந்தது போன்று, அதே ஆயுள் எதிர்பார்ப்புடன் மற்றும் அதே குடும்ப அளவுடன் வியட்னாமைப் பார்க்கிறோம். நான் நினைக்கிறேன், நாம் எல்லோரும் - தரவினை நாம் பார்க்காவிட்டால் -- பொருளாதார மாற்றத்தைவிட சமூக மாற்றடமாக இருக்கும், ஆசியாவில் ஏற்படும் அளப்பரிய மாற்றங்களை குறைவாக எடைப் போட்டுவிடுவோம். வருவாயின் உலகத்தில் வினியோகத்தைக் காட்டும் மற்றொரு வழிக்கு நாம் நகர்வோம். இது மக்களின் வருவாய்க்கான உலக வினியோகமாகும். ஒரு டாலர், 10 டாலர்கள் அல்லது 100 டாலர்கள் ஒரு நாளைக்கு. இனி ஏழைப் பணக்காரர்களுக்கிடையே இடைவேளி ஏதுமில்லை. இது ஒரு கற்பனை. இதில் சிறிய மேடு உள்ளது. ஆனால் மக்கள் அங்கேயும் இருக்கிறார்கள். வருவாய் எங்கே முடிகிறது என்பதை நாம் பார்ப்போமானால் -- வருவாய் -- இதுவே உலகின் 100 சதவீத ஆண்டு வருமானமாகும். பணக்காரர்கள் 20 சதவீதம், அவர்கள் அதை 74 சதவீதத்தை எடுத்துக் கொள்கிறார்கள். ஏழைகள் 20 சதவீதம் அவர்கள் 2 சதவீதத்தை எடுத்துக்கொள்கிறார்கள். இது வளரும் நாடுகளின் தத்துவத்தை முற்றிலும் சந்தேகத்துக்குரியதாகக் காட்டுகிறது. நாம் உதவியைப் பற்றி எண்ணுகிறோம், இந்த மக்கள் அந்த மக்களுக்கு உதவி வழங்குகிறார்கள். ஆனால் நடுவில், அனேக மக்கள் தொகையை நாம் பெற்றிருக்கிறோம், இவர்கள் 24 சதவீத வருவாயை எடுத்துக் கொள்கிறார்கள். நாம் அதை மற்ற வகைகளில் கேட்டுள்ளோம். இவர்கள் யார்? வெவ்வேறு நாடுகள் எங்கே உள்ளன? நான் உங்களுக்கு ஆப்பிரிக்காவைக் காட்டலாம். இது ஆப்பிரிக்கா. உலக மக்கள்‍ தொகையில் 10 சதவீதம், அனேகம் பேர் வறுமையில் உள்ளனர். இது oecd. இது பணக்கார நாடு. இது ஐநாவின் கன்ட்ரிக்ளப். மேலும் அவைகள் இந்தப் பக்கத்தில் உள்ளன. ஆப்பிரிக்கா மற்றும் oecd நாடுகளில் சற்று ஒத்திருக்கின்றன. இது இலத்தின் அமெரிக்கா. அது உலகத்தில் அனைத்தையும் கொண்டிருக்கிறது, ஏழைகள் முதல் பணக்காரர்கள் வரை, இலத்தின் அமெரிக்காவில். அதற்கு மேலே, நாம் கிழக்கு ஐரோப்பாவை வைக்கலாம், கிழக்காசியாவை வைக்கலாம், மற்றும் தெற்காசியாவை வைக்கலாம். நாம் 1970க்கு பின்னோக்கி நகர்ந்தால் இது எப்படி தோன்றும்? இன்னும் கொஞ்சம் மேடுபள்ளங்கள் இருக்கும். நம்மில் முற்றிலும் ஏழ்மையில் வாழ்ந்தவர்கள் ஆசியர்கள். உலகில் பிரச்சினையாக இருந்தது ஆசியாவின் வறுமையே. இப்போது நான் உலகை முன்னோக்கி நகர செய்தால், உலகில் மக்கள் தொகை அதிகரிக்கும் போது, நூறு மில்லியன் கணக்கிலான ஆசியர்கள் வறுமையில் இருந்து வெளியேறுவதையும், வேறு சிலர் வறுமைக்குள் வருவதையும் பார்க்கலாம், இது இன்றைய நிலை. மேலும் இது நடக்கும் என்பதே உலக வங்கியின் முன்வைத்தலாகும், நாம் இனி பிரிவினையுள்ள உலகத்தைக் கொண்டிருக்கப் போவதில்லை. நாம் அனேக மக்களை நடுவில் கொண்டிருப்போம். உண்மையில் அது ஒரு லாகார்தமிக் அளவையாக இருக்கும். ஆனால் நமது பொருளாதாரத்தின் தத்துவம் வளர்ச்சியுடனான சதவீதம். நாம் இப்போது அதை சதவீத அதிகரிப்பின் வாய்ப்பாக பார்க்கிறோம். இதை நான் மாற்றி, குடும்ப வருவாய்க்கு பதிலாக முதலீட்டுக்கான gdpஐ எடுத்துக் கொண்டால், இந்த தனிப்பட்ட தரவை உள்ளூர் தயாரிப்புகளின் ஒட்டுமொத்த பிராந்திய தரவாக மாற்றி, இந்த பிராந்தியங்களை எடுத்துக் கொள்கிறேன், குமிழ்களின் அளவு இன்னும் மக்கள் தொகையில் தான் உள்ளது.

Last Update: 2019-07-06
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