Aprendiendo a traducir con los ejemplos de traducciones humanas.
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वह खाना खाता है
वह खाना खाता है
Última actualización: 2020-05-13
Frecuencia de uso: 1
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वह खाना खाती है
hän syö ruokaat
Última actualización: 2022-02-06
Frecuencia de uso: 1
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वह खाना पो के लिए है!
ruoka on po'lle!
Última actualización: 2017-10-13
Frecuencia de uso: 1
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खाना खाने गए हैं
lounaalla
Última actualización: 2009-07-01
Frecuencia de uso: 1
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खाना खाने के लिए तुरंत घर वापस आओ।
tule heti kotiin syömään.
Última actualización: 2017-10-13
Frecuencia de uso: 1
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और फिर हम खाना खा लिया पर पाम, है ना?
- sitten menimme syömään the palmiin, eikö?
Última actualización: 2017-10-13
Frecuencia de uso: 2
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हर जगह! वह तुम्हारी मेज़ पर बैठा है, तुम्हारी प्रेमिका को चूम रहा है, परिवार संग खाना खा रहा है।
hän istuu työpöydässänne, suutelee rakastajatartanne - ja syö illallista perheenne kanssa!
Última actualización: 2017-10-13
Frecuencia de uso: 1
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तू जो देवदार की लकड़ी का अभिलाषी है, क्या इस रीति से तेरा राज्य स्थिर रहेगा। देख, तेरा पिता न्याय और धर्म के काम करता था, और वह खाता पीता और सुख से भी रहता था !
siksikö sinä olet kuningas, että sinulla on into setripuuhun? eikö sinun isäsikin syönyt ja juonut ja kuitenkin ollut oikeuden ja vanhurskauden tekijä? ja silloin hänen kävi hyvin.
Última actualización: 2019-08-09
Frecuencia de uso: 1
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तब उसके ससुर अर्थात् उस स्त्री के पिता ने बिनती करके उसे रोक लिया, और वह तीन दिन तक उसके पास रहा; सो वे वहां खाते पिते टिके रहे।
ja hänen appensa, naisen isä, pidätteli häntä, niin että hän viipyi hänen luonaan kolme päivää; he söivät ja joivat ja olivat siellä yötä.
Última actualización: 2019-08-09
Frecuencia de uso: 1
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"तुम ये बनाओ, वो बनाओ, ये लगाओ, और काम हो जायेगा।" और वो जगह आज ऐसी दिखती है। मैं छत पर गया, और सारी औरतों ने कहा, "यहाँ से जाओ। आदमी नहीं चाहिये क्योंकि हम इस तरकीब को आदमियों को नहीं बताना चाहते। ये छत को वाटरप्रूफ़ करने की तकनीक है।" (हँसी) इसमें थोडा गुड है, थोडी पेशाब है और ऐसी कई चीजें जो मुझे नहीं पता है। लेकिन इसमें पानी नहीं चूता है। १९८६ से आज तक, पानी नहीं चुआ है। इस तकनीक को, औरतें मर्दों को नहीं बताती हैं। (हँसी) ये अकेला ऐसा कॉलेज है जो पूर्णतः सौर-ऊर्जा पर चलता है। सूरज से ही सारी बिजली आती है। छत पर ४५ किलोवाट के पैनल लगे हैं। और सब कुछ अगले २५ सालों तक सिर्फ़ सौर-ऊर्जा से चल सकता है। तो जब तक दुनिया में सूरज है, हमें बिजली की कोई समस्या नहीं होगी। मगर सबसे बढिया बात ये है कि इसे स्थापित किया था एक पुजारी ने, एक हिंदु पुजारी ने, जो सिर्फ़ आठवीं कक्षा तक पढे हैं -- कभी स्कूल नहीं गये, कभी कॉलेज नहीं गये। इन्हें सौर-तकनीकों के बारे में ज्यादा जानकारी है विश्व के किसी भी और व्यक्ति के मुकाबले, ये मेरी गारंटी है। भोजन, यदि आप बेयरफ़ुट कॉलेज में आयेंगे, आपको सौर-ऊर्जा से बना मिलेगा। मगर जिन लोगों ने उस सौर-चूल्हे को बनाया है, वो स्त्रियाँ हैं, अनपढ स्त्रियाँ, जो अपने हाथ से अत्यंत जटिल सौर-चूल्हा बनाती हैं। ये परवलय (पैराबोला) आकारा का बिना रसोइये का चूल्हा है। दुर्भाग्य से, ये आधी जरमन हैं, वो इतनी सूक्ष्मता से नाप-झोक करती हैं। (हँसी) आपको भारतीय महिलायें इतनी सूक्ष्म नाप-तोल करती नहीं मिलेंगी। बिलकुल आखिरी इंच तक, वो उस चूल्हे को बना सकती हैं। और यहाँ साठ व्यक्ति दिन में दो बार सौर-चूल्हे का खाना खाते हैं। हमारे यहाँ एक दंत-चिकित्सक हैं -- वो दादी-माँ है, अनपढ है, और दाँतों की डाक्टर हैं। वो दाँतों की देखभाल करती हैं करीब ७००० बच्चों के। बेयरफ़ुट टेक्नॉलाजी: ये १९८६ है - किसी इंजीनियर, या आर्किटेक्ट इस बारें में नहीं सोचा -- मगर हम बारिश के पानी को छत से इकट्ठा कर रहे थे। बहुत ही कम पानी बर्बाद होता है। सारी छतों को ज़मीन के नीचे बने ४००,००० लीटर के टैंक से जोडा हुआ है। और पानी बर्बाद नहीं होता। यदि हमें चार साल लगातार भी सूखे का सामना करना पडे, तो भी हमारे पास पानी होगा, क्योंकि हम बारिश के पानी को इकट्ठा करते हैं। ६० % बच्चे स्कूल इसलिये नहीं जा पाते, क्योंकि उन्हें जानवरों की देखभाल करनी होती है -- भेड, बकरी -- घर के काम। तो हमने सोचा कि एक स्कूल खोला जाये रात में, बच्चो को पढाने के लिये। क्योंकि तिलोनिया के रात के स्कूलों में ७५,००० बच्चों से ज्यादा रात को पढ चुके है, क्योंकि ये बच्चों की सहूलियत के लिये है; ये शिक्षकों की सहूलियत के लिये नही है। और हम यहाँ क्या पढाते हैं? प्रजातंत्र, नागरिकता, अपनी ज़मीनों की नाप कैसे करें, अगर आपको पुलिस पकड ले, तो क्या करें, यदि आपका जानवर बीमार हो जाये, तो क्या करें। यही हम रात के स्कूलों में पढाते हैं। क्योंकि सारे स्कूल मे सौर-ऊर्जा है। हर पाँच साल में, हम चुनाव करते हैं। ६ से ले कर १४ साल तक के बच्चे इस प्रजातांत्रिक प्रणाली में हिस्सा लेते हैं, और वो एक प्रधानमंत्री चुनते हैं। प्रधानमंत्री की उम्र है १२ वर्ष। वो सुबह २० बकरियों की देखभाल करती है, मगर शाम को वो प्रधानमंत्री हो जाती है। उसका अपना मंत्रिमंडल है, शिक्षा मंत्री, बिजली मंत्री, स्वास्थ-मंत्री। और वो असल में देखभाल करते है करीब १५० स्कूलों के ७००० बच्चों की। पाँच साल पहले उसे विश्व बालक पुरस्कार से नवाजा गया था, और वो स्वीडन गयी थी। पहली बार गाँव से बाहर निकली थी। कभी स्वीडन देखा नहीं। लेकिन आसपास की चीज़ों से ज़रा भी प्रभावित नहीं। और स्वीडन की रानी, जो वहीं थीं, मेरी ओर मुडी, और कहा, "क्या आप इस बच्ची से पूछेंगे कि इतना आत्म-विश्वास कहाँ से आता है? ये केवल १२ साल की है, और किसी से प्रभावित नहीं होती।" और वो लडकी, जो उनके बायें ओर है, मेरी ओर मुडी, और रानी की आँखों में आँखे डाल कर बोली, "कृप्या इन्हें बता दीजिये कि मैं प्रधानमंत्री हूँ।" (हँसी) (अभिवादन) जहाँ साक्षरता बहुत कम है, हम कठपुतलियों का इस्तेमाल करते हैं। कठपुतिलियों के सहारे हम अपनी बात रखते हैं।
"rakenna tämä, kylvä tämä, ja se onnistuu." tältä se näyttää nykyään. menin katolle, ja naiset sanoivat:
Última actualización: 2019-07-06
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