Aprendiendo a traducir con los ejemplos de traducciones humanas.
De: Traducción automática
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after long time today i play cricket
लंबे समय के बाद मैं क्रिकेट खेलता हूं
Última actualización: 2024-03-03
Frecuencia de uso: 1
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today i am go to the ayodhya
मैं अयोध्या से दिल्ली जा रहा हूं
Última actualización: 2024-05-08
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today i was going to the market
आज मैं बाजार जा रहा था
Última actualización: 2020-06-17
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i was go to market
काल माई बजार गेइ थी
Última actualización: 2020-06-13
Frecuencia de uso: 1
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i was.....go to back home
मैं था.....घर वापस जाओ
Última actualización: 2021-07-17
Frecuencia de uso: 1
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i was go to for a walk
मैं टहलने ke liye jati hu
Última actualización: 2019-02-04
Frecuencia de uso: 1
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i was go to campney tomorrow
मैं कल कैंपनी करने जा रहा था
Última actualización: 2020-11-01
Frecuencia de uso: 1
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i will not come to the office today, i have to go to the hospital.
meri wife ki delivery hai to aaj me office nahi a puga
Última actualización: 2023-09-01
Frecuencia de uso: 1
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sir, i will not be able to come today, i have to go to the hospital.
sir aj main nahi aa paunga mujhe sister ko lekar hospital jana hai
Última actualización: 2024-04-14
Frecuencia de uso: 1
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good morning sir sir today i am on leave because have to go to the hospital
good morning sir sir today i am on leave because have to go to the hospital
Última actualización: 2023-07-31
Frecuencia de uso: 1
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yesterday i was go to my hometown
कल मैं अपने गृहनगर आया था
Última actualización: 2023-12-28
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was “ go to the people . “ लोगों
के पास जाओ ।
Última actualización: 2020-05-24
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today i was gone to the interview what i find it was fucking experience of mine that no one shouldn't to be listen
आज मैं साक्षात्कार में गया था कि मुझे वहाँ क्या मिल रहा है यह मेरा अनुभव था कि किसी को भी नहीं सुनना चाहिए
Última actualización: 2021-04-10
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sir today i had to go to the urgent chalisgaon,so i did not come to the showroom today.i messaged you late so sorry sir.
क्षमा करें सर मैं आज नहीं आया क्योंकि मैं ठीक नहीं हूँ।
Última actualización: 2022-07-21
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today i was supposed to go to hisar but i got late and missed my train, that is why i will be doing a market in rohtak today.
aaj mujhe hisar jana tha lekin main late ho gaya aur meri train chhut gai isi vajah se main aaj rohtak ki market karunga
Última actualización: 2023-10-06
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sir, i will not be able to come today because i was admitted, so today he is being discharged, so i have to go to the hospital, so please leave in grant today.
sir ajj nhi aa pao gi me kyuki mother admit the to ajj unka discharge ho raha h to muje hospital jana rahega so pls today grant me leave
Última actualización: 2023-08-09
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sir my health is disturbed since last evening. the latrine is falling. the body has become relaxed, today i can not go to the office, please grant me a day off.
सर कल शाम से मेरा स्वास्थ्य गड़बड़ है । पेट खराब है, शरीर शिथिल हो गया है,आज मैं ऑफिस नही सकता कृपया एक दिन का अवकाश प्रदान करे ।
Última actualización: 2022-01-27
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the slogan of the early '70s was "go to the people. live with them; love them. start from what they know.
"लोगों के पास जाओ। उनके साथ रहो, उनसे दिल मिलाओ। जो तुम्हें आता है, वहाँ से शुरुवात करो। जो उन्हें पता है, उसे आगे बढाओ।" ये नारा जीवन की दिशा परिभाषित करने वाला था। खैर, मैनें एक साल खपाया। मैने टेल्को कंपनी में भर्ती ली, टाटा के ट्रक बनाये, पुणे से नज़दीक ही। वहाँ मैने दो साल काम किया, और फ़िर मैने महसूस किया कि मेरा जन्म ट्रक बनाने के लिये नहीं हुआ था। अक्सर लोगों को पता नहीं होता कि वो क्या करना चाहते हैं, मगर इतना भी पर्याप्त है कि पता हो कि आप क्या करना नहीं चाहते। तो मैनें एक साल की छुट्टी ली, और मैं एक गाँव के विज्ञान कार्यक्रम में शरीक हुआ। और वहीं से मेरी दिशा बदल गयी। वो एक छोटा सा गाँव था -- एक साप्ताहिक हाट बाज़ार जहाँ लोग, बस हफ़्ते में एक बार, अपने सारे सामान इकट्ठा करते हैं। तो मैने कहा, "मै यहीं पर एक साल बिताऊँगा।" तो मैनें एक एक नमूना खरीदा हर उस चीज़ का, जो कि सडक के किनारे मिल रही थी। और एक चीज जो मुझे मिली वो थी ये काली रबड। इसे साइकिल का वाल्व ट्यूब कहते हैं। जब आप साइकिल में हवा भरते है, तो इसका कुछ इस्तेमाल होता है। और इन ढाँचों में से कुछ -- आप बस थोडे से साइकिल वाल्व ट्यूब लें, और उस में दो दियासलाइयाँ ऐसे लगा दें, और आपने एक लचकदार जोड बना दिया। ये ट्यूबों का जोड है। इस से आप कोणों के बारें में पढाना शुरु कर सकते हैं -- ये न्यून कोण (अक्यूट एंगल), ये समकोण (राइट एंगल), ये अधिक कोण (आबट्यूस एंगल), और ये रेखा कोण (स्ट्रेट एंगल)। इनका अपना खुद का जोड-तोड भी है। अगर आपके पास ऐसे तीन है, तो उन्हें जोड दीजिये, और ये बना त्रिभुज (ट्रायंगल)। चार मिला कर, आप एक वर्गाकार (स्कवायर) बना सकते है, ऐसे पँचकोण (पेंटागन), और फ़िर, षठकोण (हेक्सागन), और आप हर तरह की बहुभुजीय आकृतियाँ (पॉलीगन) बना सकते हैं। और इन सब की मजेदार खासियतें है। अगर आप षठकोण (हेक्सागन) को देखें, मिसाल के तौर पर, ये एक अमीबा की तरह है, जो लगातार अपनी रूपरेखा बदलता है। इसे थोडा खींच दीजिये, ये आयताकार (रेक्टेंगल) हो गया। इसे थोडा धक्का दीजिये, और ये बन गया समानांतर चतुर्भुज (पैरालैलोग्राम)। मगर इसमें बहुत झोल है। पँचकोण (पेंटागन) का उदाहरण लेते हैं, इसे बाहर खेंचिये --- ये एक नौका के आकार का असमांतर चतुर्भुज बन (ट्रेपीज़ियम) गया। इसे थोडा धकेल दीजिये, और ये झोपडी जैसा हो गया। ये बन गया समद्धिबाहु त्रिभुज (आइसोसेलेस ट्रायंगल) -- फ़िर से, इसमें भी बहुत झोल है। और ये वर्गाकार (स्क्वायर) लगता है बहुत ठोस। इसे थोडा स धक्का दो - ये समचतुर्भुज (रोम्बस) में बदल जाता है। ये पतंग जैसा लगने लगता है। मगर किसी बच्चे को एक त्रिभुज (ट्रायंगल) पकडा दीजिये, उसके साथ तोड-मरोड करना मुश्किल है। तो त्रिभुज (ट्रायंगल) का इस्तेमाल क्यों करें? क्योंकि त्रिभुज (ट्रायंगल) ही एकमात्र ठोस आकार है। हम वर्गाकार (स्क्वायर) से पुल नहीं बना सकते, क्योंकि जैसे ही रेलगाडी आयेगी, वो नाचने लगेगा। साधारण लोगों को ये ज्ञान है, क्योंकि जब आप भारत के गाँवों में जायेंगे, तो शायद वो इंजीनियरिंग न पढे हों, मगर कोई भी इस तरह की छत नहीं बनाता है। क्योंकि जब वो इस पर खपरैल डालेंगे, ये टूट जायेगी। वो हमेशा त्रिकोण (ट्रायंगल) के आकार की छत बनाते हैं। देखिये, ये लोक-विज्ञान है। अगर आप यहाँ छेद कर दें और एक तीसरी दियासलाई भी लगा दें, तो आपको टी-जोड मिल गया। और अगर इसकी तीनों टाँगों में छेद करूँ इनके तीन कोनों में, तो मैनें चतुष्फ़लक (टेट्राहेड्रन) बना दिया। तो आप हर प्रकार के त्रिआयामी आकार बना सकते हैं। आप ऐसा चतुष्फ़लक (टेट्राहेड्रन) बना सकते हैं। और एक बार आप ये बना लें, तो आप एक छोटा सा घर भी बना सकते हैं। इसे ऊपर रख दीजिये। आप चार का जोड भी बना सकते हैं। आप छः का जोड भी बना सकते हैं। आपको बस एक काँटा चाहिये। और ये -- आप छः का जोड बनाइये, आप ने समद्धिबाहु चतुष्फ़लक (आइकोसहेड्रन) बना डाला। अब इस के साथ जो चाहे करिये। ये तो इग्लू बन गया। और ये सब हो रहा है १९७८ में। मैं २४ वर्षीय युवा इंजीनियर था। और मैने सोचा कि ये सब ट्रक बनाने के मुकाबले बेहतर है। (अभिवादन) और, असल में, आप चार कंचे डाल दीजिये, आपने मिथेन का रासायनिक ढाँचा, बना लियी , सी.एच.४ हाइड्रोजन के चार अणु, चतुष्फ़लक के चार कोनों पर, जो कि कार्बन अणु को दर्शा रहे हैं। और तब से ही, मैने ये सोचा कि मैं बडा किस्मती हूँ कि मुझे २००० स्कूलों में जाने का मौका मिला -- गाँव के स्कूल, सरकारी विद्यालय, नगर निगम के स्कूलों में, आईवी लीग स्कूलों मे भी -- उनमें से ज्यादातर मुझे बुला चुके हैं। जब भी मैं किसी स्कूल में जाता हूँ, मुझे बच्चों की आँखों में एक चमक दिखती है। मुझे आशा दिखती है। मुझे उनके चेहरों में खुशी दिखती है। बच्चे चीज़ें बनाना चाहते हैं। बच्चे कुछ करना चाहते हैं। और ये देखिये, हम बहुत से पम्प बनाते हैं। ये एक छोटा सा पम्प है जिससे कि आप गुब्बारा फ़ुला सकते हैं। ये असली है। इस से सच में गुब्बारा फ़ूल जाता है। और हमारा एक नारा है कि खिलौने के साथ बच्च सबसे अच्छा काम उसे तोड कर ही करता है। तो क्या करना है --- ये असल में थोडा सा चुनौती भरा वक्तव्य है --- ये पुराना साइकिल का ट्यूब, और ये पुरान प्लास्टिक का पाइप ये टोपी बडे आराम से पुराने साइकिल के ट्यूब पर फ़िट हो जायेगी। और ऐसे हे तो वाल्व बनता है। थोडा सा चिपकने वाला टेप। बस एक दिशा वाला ट्रफ़िक हो गया। हम बहुत सारे पम्प बनाते हैं। और ये भी पम्प है -- बस एक नली लीजिये, और उसमें एक लकडी डाल दीजिये, और दो जगह आधा काट दीजिये। और फ़िर क्या कीजिये, इन्हें मोड कर त्रिभुज में बदल दीजिये, और फ़िर थोडा सा टेप लगा दीजिये। बस बन गया पम्प। और अगर ये पम्प आपके पास है, तो ये एक छिडकाव की मशीन बन गयी। जैसे कि बडी से मथनी। अगर आप किसी चीज को घुमायेंगे, तो वो बाहर की तरफ़ उडेगी। (अभिवादन) देखिये, अगर आप आंध्र प्रदेश में हो, तो आप पाल्मैरा की पत्तियों से इसे बनायेंगे। हमारे अधिकांश ग्रामीण खिलौने विज्ञान के मूल सिद्धांतो पर ही काम करते हैं। अगर आप कुछ घुमायेंगे, तो वो बाहर की तरफ़ भागेगा। दोनो हाथों से करने में बडा मज़ा आता है, मिस्टर उडाकू को देखिये। ठीक?
Última actualización: 2019-07-06
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my name harman today i am sharing my today's story. i getup near about 4:00 clock and i take the bath after that take bath i was go to gurudwara i was stay in temple two hours when i come back i take milk with cookies after that i had ready to going for speeking class in pundri
मेरा नाम हरमन आज मैं अपनी आज की कहानी शेयर कर रहा हूं। मैं तेज 4:00 घड़ी में getup और मैं स्नान लेने के बाद स्नान मैं गुरुद्वारे में जाना था मैं मंदिर में दो घंटे तक रहने गया था जब मैं वापस आ मैं कुकीज़ के साथ दूध लेने के बाद मैं पुंडरी में speeking वर्ग के लिए जाने के लिए तैयार था
Última actualización: 2021-10-22
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i myself remember because i was very very small , but still old enough to remember , when first gandhiji mooted the programme , i remember the reaction in the house in my own town : how can we go to the joint dinners ?
मुझे स्वयं याद है कि जब मैं बहुत छोटी थी , लेकिन इतनी छोटी भी नहीं कि मुझे वह घटना याद न हो , और गांधीजी ने अपने कार्यक्रम की चर्चा की थी तो मेरे अपने नगर में और घर में यह प्रतिक्रिया हुई थी कि हम ऐसे मिश्रित भोज में कैसे जा सकते है ?
Última actualización: 2020-05-24
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