プロの翻訳者、企業、ウェブページから自由に利用できる翻訳レポジトリまで。
आप मुझसे किसी चीज़ के बारे में न पूछियेगा ग़रज़ ये दोनो चल खड़े हुए यहाँ तक कि जब दोनों कश्ती में सवार हुए तो ख़िज्र ने कश्ती में छेद कर दिया मूसा ने कहा क्या कश्ती में इस ग़रज़ से सुराख़ किया है
they started their journey and some time latter they embarked in a boat in which he made a hole . moses asked him , " did you make the hole to drown the people on board ? this is certainly very strange " .
最終更新: 2020-05-24
使用頻度: 1
品質:
警告:見えない HTML フォーマットが含まれています
'लगभग' के साथ, संदर्भों पर आधारित मानकों के साथ -- (हँसी) ज्यादातर । (हँसी) चलिये, कला पर नज़र डालते हैं । बैले नर्तकी को देखिये । कैसे उसकी जुम्बिश सीधी रेखाकार होती है । और भारतीय सस्कृतिक नर्तकी को देखिये, कुचिपुडि, भरतनाट्यम नर्तकों को देखिये, घुमावदार । (हँसी) और धंधे के तरीके देखिये । मानकों पर आधारित ढाँचा: अवलोकन, लक्ष्य, मूल्य, विधियाँ लगता है जैसे किसी ऐसे यात्रा की कल्पना है जो कि जंगल से सभ्य समाज तक ले जाती है, एक नेता के दिये गये निर्देशों के अनुसार । यदि आप निर्देशों का पालन करेंगे, स्वर्ग प्राप्त होगा । पर भारत में कोई एक स्वर्ग नहीं है, बहुत सारे अपने अपने स्वर्ग हैं, आप समाज के किस हिस्से से हैं, इस के हिसाब से आप जीवन के किस पडाव पर हैं, इस के हिसाब से देखिये, कारोबार संगठनों की तरह नहीं चलाये जाते, किसी एक व्यक्ति के निर्देशानुसार। वो हमेशा पसन्द के अनुसार चलते हैं । मेरे अपनी खास पसंद के अनुसार । जैसे, भारतीय संगीत, मिसाल के तौर पर, उसमें अनुरूपता, स्वर-संगति की कोई जगह नहीं है । वादकों के समूह का कोई एक निर्देशक नहीं होता है । एक कलाकार प्रदर्शन करता है, और बाकी सब लोग उसका अनुगमन करते हैं । और आप कभी भी उसके प्रदर्शन को बिलकुल वैसे ही दुबारा प्रस्तुत नहीं कर सकते । यहाँ लिखित प्रमाणों और अनुबंधों का खास महत्व नहीं है । यहाँ बातचीत और विश्वास पर ज्यादा ज़ोर है । यहाँ नियमों के पालन से ज्यादा ज़रूरी है 'सेटिंग', बस काम पूरा होना चाहिये, चाहे नियम को मोड कर, या उसे तोड कर - अपने आसपास मौजूद भारतीयों पर नज़र डालिये, देखिये सब मुस्करा रहे हैं, उन्हे पता है मैं क्या कर रहा हूँ। (हँसी) और अब ज़रा उन्हें देखिये जिन्हें भारत में व्यवसाय किया है, उनके चेहरे पर रोष छुपाये नहीं छुप रहा । (हँसी) (अभिवादन) देखिये, आज का भारत यही है । धरातल की सच्चाई दुनिया को देखने के इसी गोलाकार नज़रिये पर टिकी है । इसीलिये ये लगातार बदल रही है, विविधताओं से परिपूर्ण है, अस्त-व्यस्त है, अनुमान से परे है । और लोगबाग इसे ठीक पाते हैं । और अब तो वैश्वीकरण हो रहा है । आधुनिक संगठननुमा सोच की माँग बढ रही है । जो कि रेखाकार सीधी सभ्यता की जड है । और एक वैचारिक मुठभेड होने वाली है, जैसे कि सिन्धु नदी के तट पर हुई थी । इसे होना ही है । मैनें खुद इसका अनुभव किया है । मैं एक प्रशिक्षित चिकित्सक हूँ । मुझे सर्जरी पढने का कतई मन नहीं था, और मत पूछिये क्यों । मुझे मिथक बहुत प्रिय हैं । मैं मिथकों को ही पढना चाहता था । मगर ऐसा कोई जगह नहीं है जहाँ ऐसा होता हो । तो मुझे स्वयं को ही पढाना पडा । और मिथकों से कमाई भी नहीं होती थी, कम से कम अब तक । (हँसी) तो मुझे नौकरी करनी पडी । और मैनें औषधि के उद्योग में काम लिया । फिर मैने स्वास्थय - उद्योग में भी काम किया । मैनें मार्कटिंग में काम किया, सेल्स में काम किया । तकनीकी जानकार के रूप में, प्रशिक्षक के रूप में, और विषय-वस्तु तैयार करने का काम भी किया । मै एक व्यावसायिक सलाहकार भी रहा हूँ- योजना और दाँव-पेंच तैयार करता रहा हूँ । और मुझे असंतुष्टि दिखती है अपने अमरीकन और यूरिपियन साथियों में जब वो भारत में काम करते हैं । उदाहरण के तौर पर: कृपया हमें बताइये कि हम हॉस्पिटलों को बिल कैसे भेजें । पहले a करें - फ़िर b करें - फ़िर c करें - ज्यादातर ऐसे ही होता है । (हँसी) अब आप 'ज्यादातर' की क्या परिभाषा लिखेंगे ? 'ज्यादातर' को साफ़्ट्वेयर में कैसे डालेंगे ? नहीं कर सकते । मैं उन्हें अपना दृष्टिकोण बताना चाहता था । मगर कोई भी सुनने को तैयार नहीं था, देखिये, जब तक मैं फ़्यूचर समुदाय के किशोर बियानी से नहीं मिला । देखिये, उन्होंने बिग बाजार नामक फुटकर बिक्री की सबसे बडी श्रंखला की स्थापना की है । और इसे कम से कम २०० अलग अलग तरीकों से भारत के करीब ५० शहरों और कस्बों में चलाय जाता है । और वो बहुत ही विविध और सक्रिय बाजारों से काम कर रहे थे । और उन्हें सहजता से पता था, कि उत्कृष्ट कार्य-प्रणालियाँ जो कि जापान, चीन, यूरोप और अमरीका में बनी हैं भारत में काम नहीं करेंगी । उन्हें पता था कि भारत में संस्थागत सोच नहीं चलेगी । यहाँ व्यक्तिगत सोच चलेगी । उन्हें भारत की मिथकीय बनावट की सहज समझ थी । तो, उन्होंने मुझसे मुख्य विश्वास अधिकारी बनने को कहा, और ये भी कहा,
but if you look at cultures which have cyclical and based on infinite lives, you will see a comfort with fuzzy logic, with opinion, with contextual thinking, with everything is relative, sort of -- (laughter) mostly. (laughter) you look at art.
最終更新: 2019-07-06
使用頻度: 4
品質: