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मंजूर है?
are you sure?
最終更新: 2017-10-12
使用頻度: 1
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सज़ा जो भी दोगे वो मंजूर है
saza jo bhi doge wo manjur hai
最終更新: 2020-01-04
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न मालूम ईश्वर को क्या मंजूर है !
i do not know what god ' s will is .
最終更新: 2020-05-24
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जो भी मुझे देगा मुझे मंज़ूर है
whatever i will give me know
最終更新: 2020-11-22
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फिर भी हिन्दू - धर्म के नाम पर ऐसे बहुत से काम किये जाते हैं , जो मुझे मंजूर नहीं हैं ।
i have asserted my claim to being a sanatani hindu , and yet there are things which are commonly done in the name of hinduism , which i disregard .
最終更新: 2020-05-24
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अपीलार्थी को प्रभार से बरी किया जाता है . अपील मंज़ूर है .
the appellant is acquitted of the charge framed the appeal is allowed .
最終更新: 2020-05-24
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सिर्फ इसलिए कि मैं यहां हूं, आपके लिए हर समय इसका मतलब यह नहीं है कि आप मुझे मंजूरी दे सकते हैं
just because i m here ,for you all the time doesnt mean you can take me for granted
最終更新: 2018-06-24
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अगर ख़ुदा को तुम्हारा बहकाना मंज़ूर है तो मेरी ख़ैर ख्वाही कुछ भी तुम्हारे काम नहीं आ सकती वही तुम्हारा परवरदिगार है और उसी की तरफ तुम को लौट जाना है
and my sincere counsel will not profit you , if i desire to counsel you sincerely , if god desires to pervert you ; he is your lord , and unto him you shall be returned . '
最終更新: 2020-05-24
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कोई भी विनाशी चीज़ मुझे नहीं चाहिए सभी जानते हैं तो फिर क्या चाहिए? घर में कलह क्यों हो जाता है? इसका लिस्ट तो बनाकर देखिए कि आपको क्या चाहिए? आपका ध्येय यह है ध्येय से विरुद्ध कौन-कौन सी वृत्तियाँ खड़ी हो जाती हैं लिस्ट बनाइए उसके प्रत्याख्यान लें कुछ छोड़ नहीं देना है हाँ, व्यवहार में व्यवस्थित में फाइल एक का जो हो वह भले हो लेकिन उसके लिए सहजा-सहज जो मिले वह भले हो उसके लिए खिटपिट करके युक्ति लगाकर, धार्यु (मनमानी) करके कलह करके प्राप्त करना ऐसा करना नहीं है इसलिए आज आप इस पर सामायिक करें शुद्धात्मा अनुभव सिवा इस जगत् की कोई विनाशी चीज़ भाव से मुझे चाहिए ही नहीं और द्रव्य से फाइल के व्यवस्थित में जो हो, भले हो इसमें आपको जहाँ-जहाँ नहीं मिलता वहाँ दखलें हो जाती हैं तो उन पर आप प्रत्याख्यान करें किसी को दुःख दे दिया तो प्रतिक्रमण करेंगे इच्छा उत्पन्न हो जाए तो प्रत्याख्यान करेंगे और ध्येय के लिए जागृति रखेंगे शुद्धात्मा अनुभव सिवा कुछ चाहिए ही नहीं और व्यवहार में व्यवस्थित में जो हो वह मुझे मंज़ूर है कोई चार गालियाँ दे तो भी मंजूर है कोई मेरा अपमान करे तो भी मंजूर है समभाव से निकाल (निपटारा) कर देना है हो पाएगा न, सभी से यह सभी की समझ में आए ऐसी बात है न तो फिर अभी इस पर हम और ज़्यादा चर्चा नहीं करेंगे और किसी दिन विस्तार (डीटेल) से लेंगे आप लिस्ट बनाइए कि क्या-क्या चाहिए मान चाहिए मोह चाहिए खाने की चीज़ें विषय चाहिए लक्ष्मी चाहिए मान में भी काफी अंकुर होते हैं लोभ में भी काफी अंकुर होते हैं मोह में भी काफी अंकुर होते हैं बहुत सारी डालियाँ होती हैं मतलब क्या चाहिए उसका लिस्ट बनाएँगे और बाद में इस परिस्थिति में आपको भोगवटा (सुख या दुःख का असर,भुगतना) क्यों उत्पन्न होता है क्या चाहिए डिटेल में थोड़ा स्टडी करेंगे फिर कल और विस्तारपूर्वक बातें करेंगे इस पर कुछ ज़्यादा पूछना चाहें तो पूछ सकते हैं अभी विधि कर लें बोलिए हे दादा भगवान हे श्री सीमंधर स्वामी प्रभु मुझे शुद्ध उपयोगपूर्वक शुद्धात्मा अनुभव के सिवा कोई विनाशी चीज़ नहीं चाहिए ऐसा ध्येय नक्की करने के बावजूद संसारी सुखों के लिए मोह के लिए मान के लिए लोभ के लिए या विषय के लिए कुछ चाहिए ऐसी वृत्तियाँ खड़ी हो जाती हैं इन सभी दोषों को सामायिक में अलग देखने की शक्ति दीजिए इनके प्रत्याख्यान करके ऐसी वृत्तियों से किसी को दुःख पहुँचाया हो उसके प्रतिक्रमण करके इच्छाओं के प्रत्याख्यान करके पूरी सामायिक करने की शक्तियाँ दीजिए मैं मन-वचन-काया मेरे नाम की सर्व माया भावकर्म द्रव्यकर्म नोकर्म हे दादा भगवान आपके सुचरणों में समर्पण करता हूँ। जय सच्चिदानंद
"i...don't want.... any temporary things" everybody knows that!!! then what do we want?
最終更新: 2019-07-06
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