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ये सही था .
that's better.
最終更新: 2017-10-12
使用頻度: 1
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- ये सही है
- that's right
最終更新: 2017-10-12
使用頻度: 2
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क्या ये सही है ?
is that right?
最終更新: 2017-10-12
使用頻度: 1
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हा ये बाथ तोह है
jara alag bajte he
最終更新: 2021-05-12
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ये सही नहीं है,डैड.
that's not right, dad!
最終更新: 2017-10-12
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और ये सही उत्तर है
and this is the right answer .
最終更新: 2020-05-24
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मेरे ख़याल से ये सही है .
and the foundation's solid.
最終更新: 2017-10-12
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हाँ ये सही है, murph.
that's right, murph.
最終更新: 2017-10-12
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91. हन ये सही दिख रहा है.
91. yep, that looks right.
最終更新: 2019-07-06
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इंदु को अपना बनाने के ये सही समय है.
this is the right time to make indu yours completely.
最終更新: 2017-10-12
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आप मेरा पैग रोक रहे हो, क्या ये सही है,अंकल?
you're stopping my drink, is itjust, uncle?
最終更新: 2017-10-12
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तो यह हमें बताता है कि 1 / 3 , तो ये सही
so this tells us that 1 / 3 , so that right
最終更新: 2020-05-24
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मुझे कैसे पता चलेगा ये सही ग्राहकों या खरीदारों के सही हैं ?
how do i know these are the right customers or the right buyers ?
最終更新: 2020-05-24
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दुर्भाग्य से वहां पर चिट्ठों को राजनीतिक प्लेटफ़ॉर्म के रूप में प्रयोग किए जाने के खतरे भी हैं ( फोआद मोरतादा के विरुद्ध हालिया प्रकरण के संदर्भ में ये सही भी प्रतीत होता है).
unfortunately, i think that there's a certain fear of using blogs as political (or other) platforms (and rightly so, given the recent case against fouad mourtada).
最終更新: 2018-11-09
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मेरा विषय है भारत और चीन का अर्थिक विकास। और मैं आपके साथ इस प्रश्न का उत्तर ढूंढने क प्रयास करूँगा कि ये सही है या गलत कि प्रजातंत्र ने भारत का रोका या बढाया आर्थिक विकास के पथ पर। हो सकता है आप कहें कि ये ठीक नहीं, क्योंकि मैं सिर्फ़ दो देशों की कहानी से प्रजातंत्र के खिलाफ़ तर्क तैयार कर रहा हूँ। असल में, ठीक इसका विपरीत है जो मैं करने जा रहा हूँ। मैं इन दों देशों की तुलना के ज़रिये आर्थिक विकास में प्रजातंत्र के महत्व के पक्ष में अपने तर्क रखूँगा, न कि प्रजातंत्र के ख़िलाफ़। यहाँ पहला सवाल है कि आखिर चीन ने इतनी तेज तरक्की क्यों की भारत की तुलना में। पिछले तीस सालों में, जी.डी.पी. की बढत के दर के हिसाब से, चीन नें भारत से दुगुनी गति से तरक्की की है। पिछले पाँच सालों मे, कुछ कुछ दोनों देश करीब आये हैं आर्थिक विकास में। मगर पिछले तीस सालों में, ये सच है कि चीन ने भारत के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। एक सीधा सरल उत्तर है कि चीन के पास शंघाई है, और भारत के पास है मुंबई। शंघाई के क्षितिज पर एक नज़र डालिये। ये पुडोंग नाम का इलाका है। अब भारत की एक तस्वीर धारावी झुग्गी का इलाका, मुंबई में, भारत में। जो विचार इन तस्वीरों में छुपा है वो ये है कि चीनी सरकार कानून के बाहर भी अमल कर सकती है। वो योजना बना सकती है देश के दीर्घकालिक फ़ायदे के लिये और इस प्रक्रिया में, दसियों लाख लोगों का विस्थापन -- मात्र एक तकनीकी मसला है। जबकि भारत में, आप ऐसा नहीं कर सकते, क्योंकि आपको जनता की आवाज सुननी ही होगी। आप जनाग्रह से बँधे हैं। यहाँ तक कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी इस बात को मानते हैं। एक साक्षातकार में, जो कि फ़िनानशियल प्रेस ऑफ़ इंडिया में छपा था, उन्होंने कहा कि वो मुंबई को दूसरा शंघाई बनाना चाहते हैं। ये एक ऑक्सफ़ोर्ड-प्रशिक्षित अर्थशास्त्री है, जो कि मानवीय मूल्यों से ओत-प्रोत है, और फ़िर भी वो सहमत है शंघाई के दबंगई-आधारित तौर-तरीकों से। तो, इसे मैं नाम देता हूँ 'आर्थिक विकास का शंघाई मॉडल', जो कि इन बातों पर ज़ोर देता है आर्थिक बढत हासिल करने के लिये: आधारभूत संरचनायें (इन्फ़्रास्टर्कचर), हवाई-अड्डे, सडकें, पुल, और इस तरह की चीजें। और इसके लिये आपको एक ताकतवर सरकार की ज़रूरत है, क्योंकि इस तरीके में निजी संपत्ति के अधिकारों का महत्व नहीं है। आपको जनाग्रह, और लोगों के विचारों को कोई अहमियत नहीं दे सकते हैं। इसमें राष्ट्र की मिलकियत की आवश्यकता है, ख़ासतौर पर, भूमि-संपत्ति की मिलकियत, जिससे कि बडे निर्माण-कार्य कर सकें, और तेजी के साथ। उस मॉडल का नतीज़ा ये है कि प्रजातंत्र आर्थिक-विकास की रह का रोडा बन जाता है, उसके विकास का सहयोगी बनने के बजाय। यही मुख्य सवाल है। कि कितना ज़रूरी है इन आधारभूत संरचनाओं का सकल निर्माण आर्थिक विकास के लिये? यही मुख्य मुद्दा है। यदि आप मानते है कि ये निर्माण कार्य अत्यधिक महत्वपूर्ण है आर्थिक विकास के लिये, तो आप ताकतवर शासन को ज़रूरी मानेंगे विकास के लिये। यदि आप मान्ते हैं कि आधारभूत संरचनायें इतनी ज़रूरी नहीं हैं जितना लोग सोचते हैं, तो आप कम ज़ोर डालेंगे एक ताकतवर शासन के लिये। तो इस प्रश्न को दिखाने के लिये, मैं आपको दो देशों का उदाहरण देता हूँ। और सरलता के लिये, मैं पहले देश को कहूँगा देश नं० १ और दूसरे देश को देश नं० २। देश १ के पास देश दो के मुकाबले सुव्यवस्थित श्रेष्ठता है आधारभूत संरचनाओं में। देश १ के पास ज्यादा टेलीफ़ोन हैं, और देश १ के पास ज्यादा बडा रेल्वे सिस्टम है। तो यदि मैं आपसे पूँछूं,
my topic is economic growth in china and india. and the question i want to explore with you is whether or not democracy has helped or has hindered economic growth. you may say this is not fair, because i'm selecting two countries to make a case against democracy.
最終更新: 2019-07-06
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