検索ワード: accept pain know pain feel pain (英語 - ヒンズー語)

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ヒンズー語

情報

英語

accept pain know pain feel pain

ヒンズー語

दर्द को स्वीकार करें दर्द को जानें दर्द महसूस करें

最終更新: 2024-09-03
使用頻度: 1
品質:

英語

feel pain accept pain

ヒンズー語

दर्द को स्वीकार करें दर्द को जानें दर्द महसूस करें

最終更新: 2024-06-17
使用頻度: 1
品質:

英語

accept pain know pain feel pain those who do know know pain will never understand true peace

ヒンズー語

दर्द को स्वीकार करें दर्द को जानें दर्द महसूस करें

最終更新: 2024-06-21
使用頻度: 1
品質:

英語

i just feel pain

ヒンズー語

मुझे सिर्फ अपना दर्द महसूस होता है

最終更新: 2020-09-01
使用頻度: 1
品質:

参照: 匿名

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deep pain feel the song

ヒンズー語

दिल में गहरा दर्द महसूस हो रहा है

最終更新: 2023-08-01
使用頻度: 1
品質:

参照: 匿名

英語

i feel pain from morning

ヒンズー語

में सुबह से दर्द महसूस कर रहा हूं

最終更新: 2021-04-03
使用頻度: 1
品質:

参照: 匿名

英語

i feel pain since morning

ヒンズー語

मेने उससे प पैसे ले लिये थे

最終更新: 2021-08-22
使用頻度: 1
品質:

参照: 匿名

英語

feal pain ashept pain and know pain those who do not no pain will be never understand true peace this wold no pain all mighty push

ヒンズー語

सर्वशक्तिमान धक्का

最終更新: 2024-03-24
使用頻度: 1
品質:

参照: 匿名

英語

look at me there nothing is my heart i don't feel pain any longer

ヒンズー語

समय कुछ भी ठीक नहीं करता है, यह सिर्फ हमें सिखाता है कि दर्द के साथ कैसे जीना है।

最終更新: 2023-07-12
使用頻度: 1
品質:

参照: 匿名

英語

i feel pain for the loss of human lives, for the forests, for the ecosystems that have been lost for ever.

ヒンズー語

मानव जीवन, जंगलों और पर्यावरण का नुकसान मुझे मर्माहत कर देता है।

最終更新: 2018-11-09
使用頻度: 1
品質:

参照: 匿名

英語

alhamdulillah everythingthis life only allah knows pain behind every smile

ヒンズー語

यह जीवन केवल अल्लाह हर मुस्कान के पीछे दर्द जानता है

最終更新: 2024-03-26
使用頻度: 1
品質:

参照: 匿名

英語

here those devotees are needed who regard service as the only significant thing in life , who feel pain in their heart and have strength which love provides .

ヒンズー語

यहां तो उन उपासकों की ज़रूरत है जिन्होंने सेवा को ही अपने जूवन की सार्थकता मान लिया हो , जिनके दिल में दर्द की तङप हो और मुहब्बत का जोश हो ।

最終更新: 2020-05-24
使用頻度: 1
品質:

参照: 匿名

英語

there is no screening to detect cancer in men . but if you feel some changes in your scrotal sac or there is a cyst , swelling or softness is there , or you have trouble or feel pain during urine excretion then consult your doctor .

ヒンズー語

पुरूषों के अंगों पर प्रभाव डालनें वाले कैंसर के लिये समय समय पर कोई स्क्रीनिंग नही है ।

最終更新: 2020-05-24
使用頻度: 1
品質:

参照: 匿名

英語

in order to acquire an opinion free vision for individuals... when it comes to the opposite person instead of bringing closure and inner satisfaction (samadhan) we tend to have overt insistences (aagraha) when speaking with them we tend to have opinions (abhipraya) when talking with them the other person tends to feel pain (dukh) [due to our interactions]

ヒンズー語

व्यक्तियों के प्रति अभिप्राय रहित दृष्टि प्रतिक्रमण पारायण - 2009 सामनेवाले का समाधान करवाने के बजाय आग्रह से कह देते हैं अभिप्राय से कह देते हैं सामनेवाले को दुःख हो जाता है तो हम सामनेवाला कन्वीन्स हो जाए उसे निर्दोष देखकर बात करेंगे कि हम ये तीन बातें करके बावा, मंगलदास और शुद्धात्मा इस तरह अभिप्राय को रिसेट करेंगे और किसी भी व्यक्ति के साथ बातचीत में जो हमारे अभिप्राय हैं या प्रेजुडिस रखते हैं. उस बात को फिर से लेंगे दादा कहते हैं कि अगर एक इंसान हमारे कोट से पैसे चोरी कर रहा हो हमने उसे देख लिया हो फिर वह चला गया हो तो फिर दूसरे दिन जब वह वापस आता है न तब हमें उसके लिए प्रेजुडिस नहीं खड़ा होता पूर्वग्रह खड़ा नहीं होता कि यह इंसान चोर है सामान्य लोगों को ऐसा खड़ा हो जाता है कि यह इंसान चोर है दादा क्या कहते हैं कि हम उसे आत्मरूप से देखते हैं दूसरा हिस्सा कहते हैं कि चोरी करने के बाद कि चोरी का कार्य देह से हो गया लेकिन भाव में उसे पछतावा होता होगा और दूसरे दिन आने पर अगर मैं उसे चोर कहूँ तो कल के कार्य को आज खींच लाकर मैंने उसके लिए अभिप्राय दिया कहलाएगा और अभिप्राय आत्मा को पहुँचता है कि आत्मा चोर है इसलिए मेरे आत्मा पर आवरण आ जाता है इसलिए मुझे उसे शुद्धात्मा अलग भाई को पछतावा हो रहा होगा यानी वह खुद कहाँ बरत रहा है? तो चोरी न करने के भाव में इसलिए आज उसे चोर नहीं कह सकते और चोरी का कार्य तो डिस्चार्ज कल उल्टी कर दी हो तो आज उसे बीमार नहीं कह सकते यानी कल का कर्म आज मुझे नहीं लाना चाहिए इसलिए हम कभी भी अभिप्राय नहीं देते और पूर्वग्रह नहीं रखते तो इन तीन चीज़ों की समझ से अगर उसे साफ कर सकते हैं तो हम भी हर एक टकराव के प्रसंग में इन तीनों की जागृति आज भले ही एक छोटा प्रसंग लो फिर दूसरा प्रसंग लो हमारे तीन-चार प्रसंग को करने में भले ही एक घंटा लगे लेकिन एक्ज़ेक्ट इस तरह सेट करो कि शुद्धात्मा के तौर पर अलग है इंसान का भाव बदलता रहता है यदि वह कहता है कि चोरी करना अच्छा था तो अगले जन्म का गुनहगार बनता है आज तो गुनहगार है ही नहीं क्योंकि पिछले जन्म के बीज के आधार पर आज की क्रिया हो गई आज खुद किस में है हमें कोई ऐसा केवलज्ञान नहीं है कि वह खुद किसमें बरत रहा है उसे हम समझ सकें हमें स्वीकारना चाहिए कि भीतर आत्मा तो प्योर वस्तु है ही और कभी न कभी उसे खटकेगा ही कि किसी का ले लेता हूँ यह गलत है इसलिए उसे खटकेगा ही, ऐसे पॉज़िटिव रहो यानी उसकी क्रिया में चोरी है भाव में पछतावा है आत्मा के तौर पर शुद्ध है इन तीनों हिस्सों को हम अलग करेंगे और कभी खुद के लिए भी देखो कि जब कभी हमें क्रोध आ जाता था तब अंदर हमें पछतावा होता था अपना शुद्धात्मा अलग है हम शुद्धात्मा पद में रहकर इस बावा के पास प्रतिक्रमण, पछतावा करवाते थे इस देह की क्रिया से गलत काम हो गए तो अपने अंदर भी हमें तीनों का अनुभव होता है तो अपने पर से हम सामनेवाले का ले सकेंगे और इस तरह किसी भी प्रसंग को फिर बोलो, वाणी कैसी बोलनी चाहिए उसके साथ बातें करना कि चोरी छोड़ दे ये सब बाद का हिस्सा है पहले दृष्टि तो विकसित करें दृष्टि विकसित करने के बाद हमारे पास पुराने प्रसंग हैं कि हमने कैसा कह दिया दखल हो गई सभी को दुःख हो गया उन हर एक प्रसंग को हाज़िर करके इन तीनों जागृति से मंगलदास ने चोरी की क्रिया की बावा का शुद्ध भाव था आत्मा शुद्धात्मा है इन तीनों का उपयोग करके हमारे दोषों का प्रतिक्रमण करेंगे कि ओहो! इनके लिए भी शुद्धात्मा आप अलग हो वे खुद भाव में पछतावा कर रहे थे फिर भी मैंने आक्षेप लगा दिया कि ये तो जोरावर है, झूठा है और पछतावे झूठे हैं बात ही झूठी है ऐसे मेरे जो भी दोष खड़े हो गए उन सभी का मैं प्रतिक्रमण करता हूँ मैं शुद्ध दृष्टि में रह सकूँ ऐसी जागृति रखने की शक्ति दीजिए इस तरह हम हर एक प्रसंग को सूक्ष्म जागृति से सॉल्व करेंगे और सेट करेंगे ज्ञान की जागृति सेट करेंगे मुझे लग रहा है कि ये सभी की समझ में आ रहा है क्योंकि ये सिम्पल है हमारे अपने अनुभव पर से हम सेट करेंगे कि एक तरफ हम ज़्यादा खा लेते हैं अंदर बहुत पछतावा होता है कि कितना ज़्यादा खा लेता हूँ और अंदर शुद्धात्मा तो निराहारी है इस पर हमें भरोसा है और अगर लोग कहें कि यह तो बहुत खाऊ (पेटू) है दिन में पाँच बार बारह बार खाती है ऐसे खाऊ, खाऊ बोलें तो हमें कितना दुःख होगा होगा न? तो अब खुद को ही कि भाई वह बोलनेवाला अगर हम किसी को ऐसा बोलें तो कितना दुःख होगा? ऐसा करना चाहते हैं? फिर यह दृष्टि कि खानेवाला अलग अंदर बावा को पछतावा हो रहा है निराहारी रह सकूँ ऐसी भावना कर रहा है और शुद्धात्मा खुद तो निराहारी ही है उणोदरी करनी है ऐसी भावना बावा करता है खुद शुद्धात्मा निराहारी है और मंगलदास खाता रहता है ये तीन भाग अलग करके ऐसा अलग-अलग प्रसंग में अलग-अलग सेट करके आक्षेप आ गए उन्हें इन तीनों प्रकार से अलग करके फाइल से कहेंगे कि तेरे आक्षेप तुझे साफ करने हैं अभी ये जो आया है न ये डिस्चार्ज में है लेकिन अब प्रतिक्रमण करो, निश्चय करो और लोगों के लिए जो गलत देख लेते हैं उसे सुधारो यानी दोनों तरफ से साफ करने की हमारी दृष्टि खुलती है कि किसी को चोर, अभिप्राय दिया तो उस दृष्टि को शुद्ध करो और यदि चोरी का आक्षेप आ गया तो उस दृष्टि को भी शुद्ध करो कि नहीं, मैं तो शुद्धात्मा हूँ तेरे पर नहीं आया लेकिन मंगलदास पर आया है और मंगलदास का तू क्यों आपने सिर पर ले रहा है और मंगलदास के पूर्व हिसाब के कारण आक्षेप आया है तो जमा करो और वापस नक्की करो आप प्रतिक्रमण करो यानी ऐसे समभाव से निकाल (निपटारा) करके हल लाना है अभी हमने दो प्रकार की बातें बताई तो अभी हम औरों को दुःख दे देते हैं आक्षेप लगा देते हैं या अभिप्राय बना लेते हैं या प्रेजुडिस रखते हैं इन्हें साफ करने के लिए एक, दो प्रसंग लेंगे ऐसा हम से हो सका तो करेंगे वर्ना इतना तो करो दूसरे लोगों के ये तीन भाग अलग करो तो एक तरफ का क्लिअर हो जाएगा फिर कभी खुद का भी लेंगे हम नोंध (नॉट) कर लेंगे और फिर भविष्य में कभी ऐसी सामायिक करेंगे लेकिन बहुत बड़ी यदि इतना सेट हो गया न तो दादा का बहुत बड़ा विज्ञान हमें सेट हो जाएगा और निर्दोष देखने की दृष्टि अभिप्राय रहित दृष्टि के लिए पूरा विज़न खुला हो रहा है बहुत बड़ी चीज़ है यह इसे खास तौर पर सेट करना आज हम सामायिक करेंगे सब लोग रात में करना और ये सेट ज़रूर करना कि इन तीनों की सेटिंग हमें करनी ही है यदि एक बार समझ में आ जाए न पाँच-पच्चीस प्रसंगों का अगर हल ला दिया तो खुद के लिए भी (यह सेटिंग) समझने में देर नहीं लगेगी और फिर पूरे दिन बहुत सुंदर जागृति रहेगी मुक्तता का अनुभव होगा अभिप्राय ही बोझ है पूर्वग्रह, ये सारे बहुत भारी बोझ होते हैं और इनके स्पंदन सामनेवाले तक पहुँच जाते हैं वे भी दुःखी हो जाते हैं हम भी दुःखी होते रहते हैं और जैसे-जैसे अभिप्राय, पूर्वग्रह खत्म होते जाएँगे वैसे-वैसे हमें समाधि रहेगी मुक्ति का अनुभव होगा और इसके प्रतिस्पंदन के रूप में किसी को भी हमारे व्यवहार से दुःख नहीं होगा, बोलो इतना ज़्यादा अनुभव में आएगा, बोलो यह बहुत बड़ी चाबी है और ऐसा हमें लाना (बनना) ही है लोगों के अभिप्राय इसे अगर शॉर्ट में कहना चाहे तो सामनेवाले इंसान को अभिप्राय रहित कैसे देखना इसके लिए यह विज़न है मंगलदास, बावा और शुद्धात्मा अभी हम सामायिक की विधि करेंगे शाम को फिर रात को फिर ये विधि ज़रूर करेंगे जो नहीं आ पाए हों वे भी एक घंटे बैठकर कर लेना वास्तव में आ जाना तो संघ में समूह, संघबल कहलाता है समूह कहलाता है और स्थिरता का बहुत बड़ा लाभ मिलेगा और जैसे ही स्थिर हो जाएगा तो बीस फूट की गहराई का भी सब दिखेगा और यदि पानी हिल रहा होगा तो दो फूट नीचे का भी नहीं दिखेगा ऐसे स्थिरता से बहुत सूक्ष्म लेवल का दिखेगा और विज्ञान की दृष्टि सेट होगी और सेट करने के लिए ही हमने यह खास अवसर का प्रबंध किया है कि आठ दिनों तक ऐसी सामायिक करने से अंदर हमारी दृष्टि मज़बूती से सेट हो जाएगी चलो तो विधि कर लेते हैं हे दादा भगवान हे श्री सीमंधर स्वामी प्रभु मुझे शुद्ध उपयोगपूर्वक जीवन व्यवहार में मिले हुए लोगों के प्रति

最終更新: 2019-07-06
使用頻度: 4
品質:

参照: 匿名

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