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can you give me some
क्या आप मुझे कुछ दे सकते हैं
最終更新: 2023-12-22
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can you give me some medicine
hindi
最終更新: 2021-04-10
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can you give me some money?
मैं शनिवार को घर जा रहा हूँ
最終更新: 2021-06-17
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can you give me your book
kya tum mujhe kitab de sakte ho
最終更新: 2023-10-02
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can you give me some sugar please ?
क्या आप चाय में कुछ चीनी चाहते हैं?
最終更新: 2023-09-25
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can you give me my money
please give me my money as soon as possible
最終更新: 2022-05-13
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give him some food
उसे कुछ पानी पिलाओ
最終更新: 2022-07-24
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give me some idea.
मुझे कुछ विचार दे।
最終更新: 2017-10-12
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can you give me anyone something
क्या आप मुझे कुछ दे सकते हैं?
最終更新: 2022-10-03
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can you give me saome information?
क्या आप मुझे......जानकारी दे सकते हैं?
最終更新: 2021-06-22
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can you give me your whatsapp number
ನಿಮ್ಮ ವಾಟ್ಸಾಪ್ ಸಂಖ್ಯೆಯನ್ನು ನನಗೆ ನೀಡಬಹುದೇ?
最終更新: 2023-07-31
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if you could give me some money.
क्या आप मुझे कुछ पैसे दे सकता है।
最終更新: 2017-10-12
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can you give me a insta i'd
मैं अपने insta i'd दे सकते हैं
最終更新: 2022-04-21
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can you give me everything which i want
आप मुझे वह सब कुछ दे जो हम चाहते हैं
最終更新: 2022-04-10
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can you give me your whatsapp number please
क्या आप कृपया मुझे अपना व्हाट्सएप नंबर दे सकते हैं
最終更新: 2024-03-21
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give me some sunshine and rain
give mi sunshine
最終更新: 2021-03-19
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give me some time to think .
मुझे सोचने के लिए वक्त चाहिए ।
最終更新: 2020-05-24
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i'd just give him some food.
उसे कुछ खाना यूँहीं दे दूँगा।
最終更新: 2017-10-12
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will you give me some water ? your bowl is there ; help yourself
क्या तुम मुझे थोड़ा पानी दोगी ? तेरा कटोरा वहाँ है , अपने ले लो .
最終更新: 2020-05-24
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"can you give me some?" so the question is: what would the baby give her, what they liked or what she liked?
"थोडा सा मुझे भी दो ना!" तो सवाल ये था कि बच्चे उसे क्या देंगे, वो जो उसे पसंद है, या वो जो उसे नापसंद है? और ग़जब की बात ये है कि १८ महीने के बच्चे, जो ठीक से चल बोल भी नही पाते, उसे बिस्कुट देते थे, अगर उसे बिस्कुट पसंद थे, और गोभी देते थे अगर उसे गोभी पसंद थी। साथ ही, १५ महीने के बच्चे उस की तरफ़ देर तक टकटकी लगाये रहते थे अगर उसने गोभी पसंद करने की एक्टिंग की थी, जैसे उन्हें समझ नहीं आ रहा हो क्यों मगर थोडी देर तक एकटक देखने के बाद, वो उसे बिस्कुट ही देते थे, जो उन्हें लगता कि सबको पसंद होता होगा। इस प्रयोग में दो बातें बेहद ज़रूरी हैं। पहली ये कि इन छोटे छोटे १८ महीने के बच्चों ने समझ लिया है इंसानी प्रकृति के इस गूढ रहस्य को कि सब लोगों को एक ही चीज़ अच्छी नहीं लगती। खास बात ये है कि उन्हें लगा कि उन्हें वो ही करना चाहिये जो दूसरों को उनकी मनचाही चीज़ पाने में मदद करे। इस से भी खास बात है १५ महीने के बच्चों का ऐसा नहीं करना ये दिखाता है कि १८ महीने के बच्चों ने इतना गूढ, जटिल रहस्य केवल पिछ्ले तीन महीनों में सीखा था। तो बच्चे कहीं ज्यादा जानते और सीखते हैं हमारी आशा के मुकाबले। और पिछले बीस साल में हुये कई हज़ारों प्रयोगों ने इस बात को दर्शाया है। हाँ ये प्रश्न ज़रूर उठता है कि: बच्चे इतना क्यों सीखते हैं? और उनके लिये इतना सीखना संभव कैसे है, वो भी इतने कम समय में? मेरा मतलब है कि, अगर आप बच्चों को ऊपर-ऊपर से देखें तो वो किसी काम के लायक नहीं लगते। और असल में, वो उस से भी बदतर होते हैं क्योंके उल्टे उनमें इतना सारा समय और ताकत लगानी पडती है बस उन्हें जीवित भर रख पाने में। मगर यदि हम विकास के क्रम में इस पहेली का जवाब ढूँढें कि क्यों हम इतना समय इन बेकार बच्चों को पालने में लगाते हैं, तो उसका उत्तर मिलता है। यदि हम तमाम सारे जीवों पर नज़र दौडायें, न सिर्फ़ मानवो पर ही, मगर बाकी स्तनधारियों, चिडियों धानी प्राणियों पर (जो बच्चों को थैली में रखते हैं) जैसे कि कंगारू, एक संबंध दिखता है: इसमें कि एक जीव का बचपन कितना लंबा है और इसमें कि उनका दिमाग उनके शरीर की तुलना में कितना बडा है और वो कितने बुद्धिमान और लोचदार हैं। और सबसे आगे हैं पक्षी। एक तरफ तो ये न्यू कैलेडोनियन कौआ है। और कौए और उसके जैसे जीव, रेवन, रूक्स वगैरह बहुत ज्यादा बुद्धिमान होते हैं। कुछ मायनों में तो वो चिम्पान्ज़ी जितने बुद्धिमान होते हैं। और ये चिडिया जो साइंस के कवर पेज पर है, और जो औजार इस्तेमाल कर के भोजन पाना सीख चुकी है। दूसरी तरफ़, हमारा घरेलू चिकन है। और मुर्गे, बतख, और गीस और टर्की बहुत ज्यादा बेवकूफ़ जीव होते हैं। वो अनाज का दाना ढूँढने में माहिर होते हैं, लेकिन उस से ज्यादा कुछ कर नहीं पाते। और असल में कौओं के बच्चे, पूरी तरह नाकारा होते हैं। वो अपनी माँ पर पूरी तरह निर्भर होते है उनकी छोटी छोटी चोंचों में कीडे डालने के लिये लगभग जन्म के दो साल तक, जो कि एक चिडिया के जीवन में बहुत लम्बा समय है। जबकि मुर्गे बडे हो जाते हैं जन्म के कुछ ही महीनों में। तो बचपन की लंबाई ही कारण है कि कौए साइस के कवर पेज पर हैं और चिकन सूप के कटोरे में। लम्बे बचपन में कुछ तो है जो इसे जोडता है ज्ञान और सीखने की क्षमता से। अब इस को कैसे समझा जाये? कुछ जानवर जैसे कि चिकन, बहुत उपयुक्त हैं, सिर्फ़ एक काम को ढँग से करने में। तो चिकन पूरी तरह माहिर हैं किसी एक तरह के स्थितियों में अनाज ढूँढने में। दूसर जीव जैसे कि कौए, किसी भी काम को पूरी कुशलता से करना नहीं जानते, मगर वो बहुत अच्छे है नयी स्थितियों के नियम सीखने में। और हम मनुष्य तो कौओं वगैरह से बहुत आगे निकल आये हैं। हमारा दिमाग से हमारे शरीर का अनुपात बडा है किसी भी दूसरे जानवर के मुकाबले। हम ज्यादा बुद्धिमान है, हम ढलना जानते हैं, हम ज्यादा सीख सकते है, और हम ज्यादा तरह के पर्यावरणों में जीवित रह सकते है, हम सारी दुनिया में फ़ैले हुए हैं और अंतरिक्ष तक भी पहुँच गये हैं। लेकिन हमारे बच्चे हम पर ही निर्भर रहते हैं किसी भी दूसरे जीव के बच्चों से ज्यादा लम्बे समय तक। मेरा बेटा २३ साल का है। ठहाका और कम से कम जब तक वो २३ साल के नहीं हो जाते, हम कीडे पहुँचाते रहते हैं उनकी छोटी छोटी चोंचों में। तो, हमें ये संबंध क्यों दिखता है? एक आयडिया ये है कि युक्ति लगाना, और इसे सीखना इस दुनिया में जीने के लिये बहुत बहुत ज़रूरी है मगर उस का एक बडा नुकसान है। और वो नुकसान ये है कि जब तक आप सब कुछ सीख नहीं लेते, आप दूसरों पर निर्भर रहेंगे। तो आप नहीं चाहेंगे कि जब कोई हाथी आपको दौडा रहा हो, तो आप खुद से कह रहे हों,
最終更新: 2019-07-06
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