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tomorrow timing will be at 3:30 pm
कल दोपहर 3:30 बजे ट्यूशन का समय होगा
最終更新: 2024-04-09
使用頻度: 1
品質:
tomorrow tuition timing will be 3:00 pm
tution ka time shyam ko shift ho sakta hai
最終更新: 2024-01-25
使用頻度: 2
品質:
tomorrow tuition timing kya hai
कल ट्यूशन टाइमिंग क्या है
最終更新: 2024-03-09
使用頻度: 1
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tomorrow tuition timing will be on 4pm
कल ट्यूशन टाइमिंग होगी
最終更新: 2023-12-15
使用頻度: 1
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sir what will be tomorrow's tuition timing
सर कल ट्यूशन टाइमिंग क्या होगी
最終更新: 2023-09-02
使用頻度: 1
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i will be reach by at 3:30 pm
मैं दोपहर 3:30 बजे पहुंच जाऊंगा
最終更新: 2021-08-02
使用頻度: 1
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school is over at 3:30.
स्कूल साढ़े तीन बजे छूटता है।
最終更新: 2019-07-10
使用頻度: 2
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that's what we are doing at 3:30.
from the party president.
最終更新: 2019-07-06
使用頻度: 4
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reserve bank will announce the notified amount during the day and conduct the auction between 3 . 00 - 3 . 30 pm
रिज़र्व बैंक दिवस के दौरान अधिसूचित राशि की घोषणा करेगा तथा अपराह्न 3 . 00 – 3 . 30 बजे के बीच नीलामी आयोजित करेगा ।
最終更新: 2020-05-24
使用頻度: 1
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i was listening to niruma's satsang this afternoon, at 3:30 pm, and a lady was saying that when i walk on grass, i feel a lot of suffering niruma doesn't say a word, and then she says [in such a way that]... not a single foundation would be hurt of the jain religion the lady believed in. the satsang went on for about 15 minutes but niruma guiding her in accordance with the jain principles did not show her a single mistake of the principles she believed in.
आज दोपहर 3:30 बजे मैं नीरू माँ का सत्संग सुन रहा था तो एक बहन कह रही थी कि जब मैं घास पर चलती हूँ तो मुझे बहुत दुःख होता है उसके जैन धर्म का एक भी प्रमाण न दुभे उस हेतु से नीरू माँ ने एक शब्द भी नहीं कहा 15 मिनटों तक सत्संग चला लेकिन जैन धर्म के सिद्धांत के अनुसार समझाते हुए, उसके एक भी सिद्धांत की भूल नहीं बताई कहा कि तुम आत्म जागृति में आ जाओ तो ऐसा होगा धीरे-धीरे बातें करते रहे लेकिन उसका प्रमाण न दूभे उस बहन की मान्यता थी कि हम जैन धर्म का पालन करते हैं हमारा यह उच्च है, यह उच्च है लेकिन कहीं भी उसका प्रमाण नहीं दूभे, ऐसी वाणी निकली यानी हम ऐसा लाना चाहते हैं कि, ऐसा कुछ... नीरू माँ की बातें सुन रहे हो, प्रश्नोत्तरी सुन रहे हो तो बहुत कुछ जानने मिलता है दादा की वाणी में भी बहुत कुछ मिलता है कि, किसी का प्रमाण... किसी ने कहा न कि, मैं मेडिटेशन करता हूँ तो दादा ने कहा कि, "ठीक है लेकिन उसका परिणाम ऐसा आएगा।" गलत तो किसी को नहीं कहते अगर तुझे यह पकड़ना हो तो ऐसा परिणाम आएगा और अगर तुझे इस मार्ग पर चलना है तो यह रास्ता पकड़ यानी किसी का प्रमाण न दूभे मतलब हम ऐसी वाणी लाना चाहते हैं लेकिन ऐसा कब होगा? तो जब हम गलत वाणी को पहचानेंगे तब करेक्ट वाणी कैसी होनी चाहिए उस पक्ष में जा सकेंगे इसलिए आज हम खास तौर पर बिगड़ी हुई गलतवाणी को रीपेयर करेंगे यानी दूसरा कुछ रीपेयर नहीं करना है लेकिन अपना अभिप्राय बदलना है ताकी किसी को दुःख न हो किसी का प्रमाण न दूभे, किसी के साथ बहस न हो वैसे तो हम अच्छी बातें ही कहते हैं, लेकिन जब टकराव हो जाता है और सामनेवाला बहस करता है तब हमारी वाणी गलत निकलने लगती है उसके लिए भी दादा पाँचवी कलम बोलने के लिए कहते हैं कि कोई कठोर भाषा, तंतीली भाषा बोले तो मुझे मृदु-ऋजु भाषा बोलने की शक्ति दीजिए हमें तो नम्र, सरल ऐसा ही रहना है हमेशा के लिए लेकिन जब अहंकार प्रतिकार करता है न, तब उलटे शब्द निकलने लगते हैं इसलिए हम तय करेंगे कि वाणी से किसी को दुःख न हो, किसी का प्रमाण न दूभे और जो कह दिया है उसके प्रतिक्रमण, प्रत्याख्यान करेंगे इस तरह खुद की कमज़ोरियाँ खोजेंगे तो धीरे-धीरे वाणी की प्योरिटी आएगी और यह सब से उच्चतम बात है और इसकी ज़रूरत है, एक भी शब्द किसी को दुःख हो ऐसा... द्रोपदी के शब्द "अंधे के अंधे" पर से तो महाभारत शुरू हो गया था पता नहीं कोई भी एक शब्द किसी को कैसे उल्टा पड़ जाए और उससे कितने राग-द्वेष और बैर बँध जाएँगे और इन बड़े परिवारों में, मैंने देखा है कि बड़े परिवारों में अगर एक-दो शब्द ऐसे निकल जाएँ...क्योंकि अंदर अभिप्राय तो भरे पड़े हैं और फिर कोई बात निकले तो किसी के लिए कुछ गलत बोल देते हैं और फिर वे नेगेटिव शब्द उस तक पहुँचे तो वह याद रखता है कि, मेरे बारे में ऐसा कहा, मैं तुझे देख लूँगा यानी हमारे शब्द... ये सब हम सीधा उससे कहते हैं या और किसी से कहते हैं लेकिन अंत में उसके आत्मा तक पहुँच ही जाते हैं और उसके साथ हम हिसाब में बँध जाते हैं इसलिए हर एक शब्द पर हम जागृति रख सकें ऐसा हमारा पुरूषार्थ होना ही चाहिए दूसरी बात, उस पर प्रतिक्रमण करो और बिगड़ी हुई बात को सुधार लो दादा कहते हैं न कि जब हमासे मतभेद होने लगा तो हम पलट गए जब हमसे पूछा कि परिवार में क्या देंगे? तब हमने कहा कि, चाँदी की थाली और बाकी इतना दे दो तब हीराबा ने कहा, आपके... तब दादा को लगा कि हमने गलती कर दी, हीराबा को "आपके" शब्द बोलना पड़ा इसलिए उन्होंने कहा कि, "ऐसा करो, 500 रु. नकद और साथ में चाँदी के बर्तन भी दे दो" तब हीराबा ने कहा, "नहीं, नहीं इतना ज़्यादा नहीं दे सकते।" तो सोल्युशन आ गया लेकिन मतभेद नहीं होने दिया यानी, सही शब्द दुःख नहीं देते और मतभेद भी नहीं होने देते और गलत शब्द दूरियाँ खड़ी करते हैं और अंदर गहराई में खुद के खराब भाववाले अभिप्राय रहते ही हैं इसीलिए दूरियाँ पैदा होती है इसलिए पहले हम अंदर का साफ करना चाहते हैं बाहर क्या हो रहा है उस पर से हम अंदर क्या चल रहा है वह सिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर बाहर गलत वाणी निकल रही है तो उस पर से अंदर के दोषों को खोजकर उन्हें साफ करेंगे तो फिर वाणी भी अच्छी निकलेगी इसलिए अच्छे से सामायिक करेंगे अंदर के शब्द और वाणी पर से किसी व्यक्ति के साथ जो बातचीत होती हैं या फिर उस व्यक्ति के बारे में किसी और के साथ जो बातें करते हैं तब जो गलत शब्द बोलते हैं, उस पर से उस व्यक्ति के बारे में अपने गलत अभिप्राय खोज निकालो और उन्हें डिज़ोल्व करना है कि मुझे किसी के लिए गलत अभिप्राय नहीं रखने हैं मुझे कोई अभिप्राय नहीं रखने हैं सब में पॉज़िटिव ही देखना है और शुद्धात्मा ही देखना है और किसी भी उल्टे शब्द का बहुत प्रतिक्रमण करके उसे साफ कर लेंगे इसकी बहुत आवश्यकता है फिर अपनी करीबी व्यक्तियों में अभेदता और प्रेम और बढ़ जाएगा और सहाध्यायिओं के लिए तो इसकी खास ज़रूरत है एक शब्द आज सुबह प्रेम की बात में यही था कि यदि कोई उसके लिए कुछ उल्टा बोले तो भी हमें उसके लिए अच्छा ही बोलना है हमारे सामने ही उल्टा बोल रहा हो तो भी हमें प्रेम ही रखना है और अगर हमारा किसी से टकराव हो जाए और कोई उसके लिए उल्टा-सीधा सिखाएँ तो भी हमें वैसा नहीं करना है हमें फिर भी उसके लिए प्रेम ही रखना है उसमें वाणी सब से बड़ा आधार है, कि हमें एक भी गलत शब्द नहीं बोलना है हमने अगर किसी के लिए नेगेटिव कहा हो और जब वह बात उसे मालूम पड़ती है तब दूरियाँ बहुत बढ़ जाती हैं और अगर हमने प्रेमवाले शब्द कहे हों... हमारे साथ ऐसा हुआ था नीरू माँ के सत्संग में एक लड़की ने पौने घंटे तक बहस की, कि मेरी मम्मी मेरी छोटी बहन का पक्ष लेती है मेरे साथ ऐसा है, वैसा है नीरू माँ के साथ ज़बरदस्त बहस की फिर सत्संग चल रहा था और मेरे ख्याल से अंत में कुछ डिम्पल को पता था कि उसकी मम्मी ने उसके लिए क्या कहा था इसलिए डिम्पल ने बीच में कहा कि, तेरी मम्मी ने तेरे बारे में क्या बातें कही हैं तुझे पता है?
最終更新: 2019-07-06
使用頻度: 4
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