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आप बाजार कैसे गए
howdid you go to market
Последнее обновление: 2022-11-24
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आप बाजार जा चुके हो
have you gone to the market
Последнее обновление: 2020-12-01
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क्या आप बाजार जा सकते हैं
can are you go to market
Последнее обновление: 2023-06-29
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क्या आप बाजार जा रहे हैं?
are you going to super market
Последнее обновление: 2023-06-19
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आप बाजार से फल और सब्जी खरीद सकते हैं
where do we get fruits and vegetables
Последнее обновление: 2024-06-06
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आप बाजार की किताब खरीदने के लिए जाते हैं
you go to buy market book
Последнее обновление: 2017-09-12
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आप बाजार में फंस गए हैं तो बाहर कैसे आ सकते हैं?
you trapped in the market so how can you come outside
Последнее обновление: 2021-10-10
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पहचान करने के लिए अपने बाजार का आकार
identifying your market size
Последнее обновление: 2020-05-24
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अब आप बाजार आधारित मूल्य निर्धारण या उपलब्धता को सीमित कर रहे हैं
now you ' re narrowing the market based on pricing or availability
Последнее обновление: 2020-05-24
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हर प्रांत का कृषि के लिए अपना बाजार था .
every province had its own market for agriculture .
Последнее обновление: 2020-05-24
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और अपने जोखिम है कि आप बाजार और उत्पाद परिभाषा सिर्फ गलत मिलता है ।
and your risk is that you get the market and product redefinition just wrong .
Последнее обновление: 2020-05-24
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और वैसे भी , कैसे आप बाजार के आकार कि भी आज अस्तित्व में नहीं कुछ का पता है ?
and by the way , how do you know the market size of something that doesn ' t even exist today ?
Последнее обновление: 2020-05-24
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जहां हर राज्य के पास अपने उत्पादों के लिए अपने बाजार थे .
where every state had its own market for products .
Последнее обновление: 2020-05-24
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आप चाहें तो अपने बाजार के निकट कारोबार कर सकते हैं , चाहें तो अपने घर के निकट कर सकते हैं ।
you may choose to operate close to your market , or you may choose to operate close to home .
Последнее обновление: 2020-05-24
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वे वास्तव में समझ कैसे अपने बाजार क्षेत्र के लिए करने की कोशिश कर रहे थे
they were actually trying to understand how to segment their market
Последнее обновление: 2020-05-24
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यह कंपनी को अपना घरेलू व्याअपार बढ़ाने , अपने बाजार अंश को बढ़ाने तथा कंपनी की छवि स्थांपित करने में भी सहायता करेगी ।
it may also help the company to improve its domestic business , increase its market share and help establish the image of the company .
Последнее обновление: 2020-05-24
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इसके लिए जरूरी है कि भारत अपने बाजार निरंतर डायस्पोारा के लिए खोल दें और उनकी आसंजकता तथा सहक्रियात्मरकता के दोहन से संभावी व्याापार के अवसरों का विकास किया जा सके ।
this requires that india must increasingly open its market to the diaspora and tap their cohesiveness and synergies to develop prospective business opportunities .
Последнее обновление: 2020-05-24
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आईएफसीआई फैक्टर्स अन्तरराष्ट्रीय फैक्टरिंग को भारत में लाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और इसके पास फैक्टरिंग के कार्य का एक दशक से भी अधिक का गहन अनुभव है जो उन्हें अपने बाजार के संदर्भ में अपने ग्राहकों की जरूरतों को समझने और उन्हें यथासम्भव सर्वोत्तम तरीके से सेवाएं देने में सक्षम बनाता है ।
being the pioneers in bringing international factoring to india , ifci factors has a rich experience of over a decade which enables it to understand the needs of its clients in the context of their market and service them in the best possible way .
Последнее обновление: 2020-05-24
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२० साल पहले राजनीतिक नारा था, "रोटी, कपड़ा, और मकान," जिसका मतलब था, "रोटी, कपड़ा और मकान". और आज का राजनीतिक नारा है, "बिजली, सड़क, पानी," जिसका मतलब है "बिजली, सड़क और पानी." और यह मानसिकता में बदलाव है जहां बुनियादी सुविधाएँ अब स्वीकार कर ली गयी हैं. तो मुझे विश्वास है कि यह एक विचार है जो आ गया है, लेकिन लागू नहीं हुआ. तीसरी बात फिर शहरों में है. क्योंकि गांधी गांवों में विश्वास करते थे और क्योंकि ब्रिटिश शहरों से राज करते थे, इसलिए नेहरू नई दिल्ली को एक अभारतीय शहर के रूप में देखते थे. हम एक लंबे समय तक हमारे शहरों की उपेक्षा करते रहे हैं. और उसका नतीजा आप देख सकते हैं. लेकिन आज, अंत में, आर्थिक सुधारों के बाद, और आर्थिक विकास, यह प्रस्ताव कि शहर इंजन है आर्थिक विकास के, शहर रचनात्मकता के इंजन हैं, शहर नवविचार के इंजन हैं, अंत में स्वीकार कर लिया गया है. और मुझे लगता है कि अब आप हमारे शहरों में सुधार लाने की ओर कदम देख रहे हैं. फिर से, एक विचार जो आ गया है मगर लागु नहीं हुआ है. अंतिम बात, एकल बाजार के रूप में भारत को देखना है - क्योंकि जब आप भारत को एक बाजार के रूप में नहीं देखते, तुम आप एक एकल बाजार के बारे में परेशान नहीं थे, क्योंकि इससे फर्क नहीं पड़ता था. और इसलिए आप एक स्थिति में थे जहां हर राज्य के पास अपने उत्पादों के लिए अपने बाजार थे. हर प्रांत का कृषि के लिए अपना बाजार था. अब तेजी से नीतियां कराधान और बुनियादी ढाचे की, एक एकल बाजार के रूप में भारत बनाने की ओर बढ़ रही हैं. तो वहाँ आंतरिक वैश्वीकरण हो रहा है, जो बाहरी वैश्वीकरण के बराबर महत्वपूर्ण है. मेरा मानना है कि इन चार कारकों प्राथमिक शिक्षा, बुनियादी ढांचा, शहरीकरण, और एक एकल बाजार भारत में वह विचार हैं जिन्हें स्वीकार कर लिया गया है, लेकिन लागू नहीं किया गया है. फिर है वह विचार जो विचार संघर्ष में हैं. विचार जिन पर हम बहस करते हैं. तर्क है जो गतिरोध हैं. क्या है वोह विचार? एक मुझे लगता है, वैचारिक मुद्दे हैं. ऐतिहासिक भारतीय पृष्ठभूमि की वजह से, जाति व्यवस्था में, और इस वजह से की कई लोगों को जो बाहर छोड़ दिए गए , राजनीति का बड़ा हिस्सा इस बारे में हैं कि कैसे सुनिश्चित करें कि हम उन की पूर्ती करें. और यह आरक्षण और अन्य तकनीक का कारण हैं. यह कारण है कि हम अनुवृत्ति देते हैं, और सभी लेफ्ट और राईट तर्क जो हैं. भारतीय समस्याएँ विचारधाराओं से जुड़ी हैं जाति और अन्य बातों की. यह नीति गतिरोध पैदा कर रही है. यह कारक हैं जो हमें हल करना है. दूसरा है श्रम नीति, जो मुश्किल बना रही है उद्यमियों के लिए कंपनियों में नौकरियों बनाने में कि भारतीय श्रमिक का ९३ प्रतिशत असंगठित क्षेत्र में है. उनके पास कोई लाभ नहीं है: सामाजिक सुरक्षा नहीं है; पेंशन नहीं है, हेल्थ, उन चीजों में से कोई भी नहीं है. यह ठीक होना ज़रूरी है, क्योंकि जब तक आप इन लोगों को औपचारिक कर्मचारियों में नहीं लाते हैं, आप बहोत लोगों को बेदखल कर रहे हैं. इसलिए हमें नए श्रम कानून बनाने की जरूरत है, जो आज जैसे कठिन नहीं हैं. साथ ही बहुत अधिक लोगों के औपचारिक क्षेत्र होने की नीति बनाये, और लाखों लोगों के लिए नौकरियों बनाएँ जो हमें करने की जरूरत है. तीसरी बात हमारी उच्च शिक्षा है. भारतीय उच्च शिक्षा पूरी तरह नियंत्रित है. बहुत मुश्किल है एक निजी विश्वविद्यालय शुरू करना. बहुत मुश्किल है एक विदेशी विश्वविद्यालय के लिए भारत में आना. परिणाम स्वरुप हमारी उच्च शिक्षा भारत की मांगों के साथ तालमेल नहीं रख रही है. इससे बहोत परेशानिया उत्तपन हो रही हैं. लेकिन सबसे महत्वपूर्ण वह विचार हैं जिनका हमें अंदाजा होना चाहिए. यहाँ भारत पश्चिम की ओर देख सकता है और कहीं और, और देख सकते है कि क्या किया जाना चाहिए. पहली बात है, हम बहुत भाग्यशाली हैं कि प्रौद्योगिकी ऐसे बिंदु पर है जहां यह और अधिक उन्नत है अन्य देशों की तुलना में जब उनका विकास हुआ. तो हम शासन के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सकते हैं. हम प्रत्यक्ष लाभ के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सकते हैं. हम पारदर्शिता, और कई अन्य चीजों के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सकते हैं. दूसरी बात है, स्वास्थ्य के मुद्दे. भारत में उतना ही भयानक है हृदीय मुद्दे की स्वास्थ्य समस्याएँ, मधुमेह की, मोटापे की. तो कोई फायदा नहीं है वहाँ गरीब देश के रोगों को बदल अमीर देश के रोगों को लाने का. इसलिए हमें पूरी तरह से स्वास्थ्य पर पुनर्विचार करना है. हमें वास्तव में एक रणनीति बनाने की आवश्यकता है ताकि हम स्वास्थ्य की अन्य चरम की और न जाये. इसी प्रकार पश्चिम में आज आप देख रहे हैं पात्रता की समस्या - सामाजिक सुरक्षा, चिकित्सा, चिकित्सा-सहायता की लागत. इसलिए जब आप एक युवा देश हैं, आप के पास मौका है एक आधुनिक पेंशन प्रणाली बनाने का ताकि आप पात्रता समस्याएं नहीं बनाएँ आने वाले समय के लिए. और फिर, भारत के पास आसान विकल्प नहीं है अपने वातावरण को गन्दा बनाने का, क्योंकि यहाँ पर्यावरण और विकास को साथ चलाना है. सिर्फ एक विचार देने के लिए, दुनिया को स्थिर होना है प्रति वर्ष २० गिगाटन पर. नौ अरब की आबादी पर हमारी औसत कार्बन उत्सर्जन प्रति वर्ष दो टन होनी चाहिए. भारत प्रति वर्ष दो टन पर आ चूका है. लेकिन अगर भारत आठ प्रतिशत पर बढ़ता है, प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति आय २०५० तक १६ गुना बाद जाएगी. तो हम कह रहे हैं:
20 years back the political slogan was, "roti, kapada, makaan," which meant, "food, clothing and shelter." and today's political slogan is, "bijli, sadak, pani," which means "electricity, water and roads." and that is a change in the mindset where infrastructure is now accepted.
Последнее обновление: 2019-07-06
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