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आसमान बिल्कुल साफ है ।
the sky is clear and cloudless .
Последнее обновление: 2020-05-24
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बात बिल्कुल साफ हो चुकी थी ।
it was as clear as daylight .
Последнее обновление: 2020-05-24
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- बिल्कुल साफ़ तौर से समझा.
- understood it clearly.
Последнее обновление: 2017-10-12
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शीशे का प्रयोग आंख से बिल्कुल साफ देखने के लिए किया जाता है
glasses are used for the clear vision by eye
Последнее обновление: 2020-05-24
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वह प्राधिकार जिसे निश्चित और बिल्कुल साफ साफ रूप से व्यक्त किया गया है ।
the authority which is defined in clear and definite terms .
Последнее обновление: 2020-05-24
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बाड़े के गीले बिछौने को हटाकर स्थान को बिल्कुल साफ और सूखा रखना चाहिए ।
remove the wet bedding from the pen and keep the stall very clean and dry in condition .
Последнее обновление: 2020-05-24
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संयुक्त राज्य अमेरिका की लगभग 20 प्रतिशत झीलें बंजर हो गयी हैं - पीनी बिल्कुल साफ है परंतु जीवनरहित .
about 20 per cent of the united states lakes are sterilelakes are crystal clear , but lifeless .
Последнее обновление: 2020-05-24
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परंतु समय पलट चुका था और मामला बिल्कुल साफ निणार्यक मोड पर तब पहुंचा था जब बदरूद्दीन ने मोहम्मडन एंगलों ओरिएंटन ऐजुकेशनल कांफ्रेस में अपना उदधाटन भाषण दिया था .
but the tide had turned and the turning point was , quite clearly , when badruddin tyabji made his opening speech at the mohammedan anglo - oriental educational conference .
Последнее обновление: 2020-05-24
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इसलिए यह आवश्यक है कि भाई परमानंद जी और हिंदू महासभा इस बात को बिल्कुल साफ कर दें कि किस स्व के लिए वह कोशिश करते हैं , किस हिंदुत्व को वह इस हमारे देश में कायम रखना चाहते हैं ।
it is , therefore , necessary that both bhai parmanand and the hindu mahasabha should clarify their stand about ' self ; which hinduism do they want to maintain in our country ?
Последнее обновление: 2020-05-24
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पिछले महीनों इन सूबों की धारा सभाओं की बहसों में यह बात बिल्कुल साफ हो जाती है जो गांवों के लोगों पर , खास कर पंजाब के गांवों के लोगों पर , कर्ज के बोझ को कम करने के लिए पेश किये बिलों पर हुई .
in recent months this has come out very prominently in the debates on various provincial bills for reducing the burden of rural debt , especially in the punjab .
Последнее обновление: 2020-05-24
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3 . यह बिलकुल साफ है कि अगर परिस्थिति किसी बात की मांग करती है तो वह है दृढ और कडी कार्रवाई की ।
it is quite clear that if anything the situation demands firm and resolute handling .
Последнее обновление: 2020-05-24
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इन सब परिस्थतयों को देखते हुए मुझे उत्कटता से यह लगता है कि वह समय अब आ गया है जग हमें हैदराबाद सरकार से बिलकुल साफ कह देना चाहिये कि हमें बिना शर्त सम्मिलन की स्वीकृति तथा राज्य में संपूर्ण उत्तरदायी सरकार की स्थापना से कम कोई बात स्वीकार्य नहीं होगी ।
in the face of all these , i feel very strongly that a stage has come when we should tell them quite frankly that nothing short of unqualified acceptance of accession and of introduction of undiluted responsible government would be acceptable to us .
Последнее обновление: 2020-05-24
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ओशो ओशो प्रवचन : शब्दों में मुखर मौन ओशो इंटरनेशनल फ़ौंडेशन प्रस्तुत करते हैं ओशो : संवाद इतना मुश्किल क्यों है - खासतौर पर प्रेमियों में ? ये प्रवचन ध्यान की नीव है मेरे साथ इन प्रवचनों में बैठना और कुछ नहीं -आपके अन्दर ध्यान को जगाना है. मैं कुछ सिखाने के लिए नहीं बोल रहा- मैं बोल रहा हूँ कुछ पैदा करने के लिए ये भाषण नहीं -ये मेरा तरीका है आपके अन्दर शांति जगाने का - ओशो संवाद इतना मुश्किल क्यों है? खासतौर पर प्रेमियों में? प्रेमदा ! संवाद अपने आप में मुश्किल है और प्रेमियों में तो और भी मुश्किल. परन्तु पहले आपको समझना होगा संवाद की साधारण मुश्किलों को. हर मन पहले से अलग-अलग माताओं -पिताओं . अलग-अलग शिक्षकों पंडितों और राजनीतिकों के विचारों से संस्कारित है. ये अपने आप में अलग दुनिया है. और जब दो मन संवाद की कोशिश करते हैं, रोज़मर्रा की चीजों के बारे में कुछ कहने में कोई दिक्कत नहीं होती पर जैसे ही बातों का रुख चीज़ों से आगे बढ़ कर विचारों तक पहुंचता है संवाद मुश्किल होता जाता है उदहारण के लिए गौतम बुद्ध के दर्शनशास्त्र में कोई भगवान नहीं है ईश्वर के मामले में वे फ्रेडरिक नीत्से से भी ज्यादा मुक्त हैं कम से कम फ्रेडरिक नीत्से कहते हैं कि ईश्वर मर चुका है मतलब साफ़ है कभी वह जीवित था, अब मर चुका है गौतम बुद्ध तो ईश्वर की बात ही नहीं करते उनके लिए यह विषय इतना अप्रासंगिक है कि वे इसका जिक्र तक नहीं करते अब एक ईसाई, हिन्दू या मुस्लिम के लिए तो ईश्वर के बिना धर्म कि कल्पना करना ही मुश्किल है ज्यादातर धर्मों का केंद्र ईश्वर है केवल तीन धर्म ईश्वर से मुक्त हैं एक गौतम बुद्ध का, दूसरा महावीर का, तीसरा लाओत्से का जब सबसे पहले ईसाई मिशनरी के लोगों ने बौद्ध धर्मग्रंथों को पढ़ा तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ कि ईश्वर के बिना भी किसी धर्म कि संभावना हो सकती है आखिर वह धर्म कैसा होगा -जिसमें ईश्वर ही न हो तुम प्रार्थना कैसे करोगे? किसकी करोगे? कौन भेजेगा अपने दूत और मसीहा ? कौन करेगा तुम्हारा उद्धार ? कौन तय करेगा कि तुम्हें स्वर्ग भेजा जाए या नरक ? ईश्वर हटेगा तो स्वर्ग और नरक भी हट जायेंगे ईश्वर हटेगा- तो दंड और पुरस्कार भी हट जायेंगे ईश्वर हटेगा- जाँच और निर्णय की बात ही ख़त्म हो जायेगी तब न कुछ पाप होगा न पुण्य. और ये सब तय कौन करेगा? ये जान कर उन्हें और आश्चर्य हुआ कि गौतम बुद्ध को भी उनके अनुयाई, और जो उनके अनुयाई नहीं हैं वो भी भगवान् गौतम बुद्ध कहते हैं . अब 'भगवान्' का अर्थ है ईश्वर. ये तो बड़ा अजीब हुआ गौतम बुद्ध 'भगवान्' को नहीं मानते थे आखिर उन्होंने अपने अनुयाइयों को अनुमति कैसे दी उनको 'भगवान' बुलाने की? जैन धर्म का भी यही हाल है वे तो और भी सख्त हैं भगवान् की अनुपस्थिति के बारे में. गौतम बुद्ध तो इस विषय को ही अनदेखा कर देते हैं जैसे इसके जिक्र की भी जरूरत नहीं. जैन धर्म इसको यूँ ही नहीं छोड़ता क्योंकि इसमें ख़तरा है क़ि यह मामला फिर उठ सकता है- महावीर के जाने के बाद. वे यह बात बिलकुल साफ़ कर देना चाहते हैं - कि ईश्वर नहीं है, और कभी कोई ईश्वर नहीं था, कहीं कोई रचना नहीं है- क्योंकि इनका कोई रचयिता नहीं है. सृष्टि एक प्रक्रिया है - जैसा कि चार्ल्स डार्विन ने पाया दो हज़ार साल बाद- यह महावीर को पहले से पता था- कि यह दुनिया किसी ने रची नहीं सृष्टि एक विकासशील प्रक्रिया है. ये हमेशा से ऐसी ही रही है और ऐसे ही चलती रहेगी. रचना और रचने वाले विधाता कि परिकल्पना, एकदम मूर्खतापूर्ण है. ये एक लम्बे 'ओशो टॉक' का प्रीव्यू है जो अब अनुवाद के लिए उपलब्ध है ओशो टॉक विडियो अनुवाद योजना के तहत- www.oshotalks.info पर. sub-titling और अनुवाद का काम पूर्ण होने के बाद पूरा विडियो उपलब्ध होगा. योजना में शामिल हों और इस टॉक के लिए sign up करें. dotsub और ओशो इंटरनेशनल फ़ौंडेशन की संयुक्त योजना ©सर्वाधिकार सुरक्षित ओशो इंटरनेशनल फ़ौंडेशन, स्विटजरलैंड - 'ओशो' ओशो इंटरनेशनल फ़ौंडेशन का रजिस्ट्रीकृत ट्रेडमार्क है.
osho osho talks: silence shared in words osho international foundation presents
Последнее обновление: 2019-07-06
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