Обучается переводу с помощью примеров, переведенных людьми.
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लिखती हूँ
i write
Последнее обновление: 2021-03-02
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मै पत्र लिखती हूं
we do laundry
Последнее обновление: 2021-12-21
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मै कहानी लिखती हूं
i write a tale
Последнее обновление: 2021-01-20
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मैं.................. पर ....................... से लिखती हूँ|
i write on ……………… from ………………….
Последнее обновление: 2020-06-30
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मैं हर रोज़ अपनी डायरी में लिखती हूँ ।
i keep my diary every day .
Последнее обновление: 2020-05-24
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मैं कहानी लिखती हूं
क्या मैं कहानी लिखती हूं
Последнее обновление: 2022-11-09
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इसलिए मैं आपको लिखती हूं
so i text you
Последнее обновление: 2023-06-08
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में क्यों कहानियां लिखती हूं
do you write a story
Последнее обновление: 2021-06-28
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मैं लगभग हर रोज़ खत लिखती हूं।
i write letters almost every day.
Последнее обновление: 2019-07-10
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मैं लिखती हूं जैसा कि मैं लिखना चाहती हूं ।
i write as i wish to write .
Последнее обновление: 2020-05-24
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लक्ष्मी :तो कल्कि , हम पहचान के बारे में बात करेंगे. कल्कि: अच्छा लक्ष्मी: आपके लिए पहचान क्या है? मेरा मतलब है के आप बहुत ही मिले जुले पृष्ठभूमि से हैं, तो हमें कुछ अपनी पृष्ठभूमि के बारे में बताइये और अपनी मिली जुली पहचान के बारे में कल्कि: अगर मुझे समझ में आ जाए तो आपको बता दूंगी । लक्ष्मी:(हँसी) कल्कि: अभी मुझे कोई अंदाज़ा नहीं है, आप जानते हैं मेरा जन्म दक्षिण भारत में हुआ और मेरे माँ-बाप दोनों ही फ़्रांसीसी हैं पर मै भारत में बड़ी हुई, यहाँ मैंने पूरा जीवन बिताया है, और मेरे माँ-बाप चालीस साल यहाँ रहे हैं तो मेरा शरीर गोरा और दिल भूरा है. लक्ष्मी: कुछ बोलिये उस भाषा में जिस्मकी आप आदि हैं कल्कि: तमिल, आप तमिल समझती हैं?(तमिल में ) लक्ष्मी: अह्ह्ह ! कल्कि:तो आप समझती हैं, थोड़ा-थोड़ा (तमिल में ) लक्ष्मी: थोड़ा-थोड़ा कल्कि:आप कहाँ से आ रहे हो?(तमिल में ) लक्ष्मी: तो आपके साथ ऐसा कभी होता है की कोई आपको तमिल में कुछ बोलता है कल्कि: हाँ लक्ष्मी: न जानते हुए के आप समझती हैं कल्कि: हाँ अक्सर, मैंने बहुत मज़ेदार बाते होते हुए सुनी हैं मेरी आँखों के सामने । दो लड़के मुझपे कुछ टिप्पणी करते हुए, इसे प्रशंसा की तरह भी लिया जा सकता है. पर, थोड़ी अश्लील टिप्पणियां मेरे बारे में कर रहे थे. कल्कि:और उनके बात करने के बाद , मै कुछ तमिल में बोलती थी और वो हैरान रह जाते थे , और सोचते की -हे भगवान् ! तो हाँ, ये होता है, अक्सर लक्ष्मी: तो आप यहाँ पाली-बढ़ीं और बोर्डिंग स्कूल में गयीं. आप कैसी बच्ची थीं? मतलब, एक्टर्स को हम हमेशा बहुत ज़िंदादिल और कलात्मक सोचते हैं. क्या आप लोक प्रसिद्ध लड़की थीं स्कूल में? आप बचपन में कैसी थीं ? कल्कि: बिलकुल नहीं, मै बहुत ही शर्मीली लड़की थीं. मै दक्षिण के ब्रिटिश स्कूल में पढ़ी हूँ. पहले मेरी बोली फ़्रांसिसी भाषा से प्रभावित थीं, मै ६ साल की थीं और घर में फ्रेंच बोलती थीं. तो मै "कुमकुम्बर " बोलती थीं कुकुम्बर को,इस तरह से बोलती थीं लोग इसका बहुत मज़ाक उड़ाते थे.तो मैंने जल्द ही अपनी बोली को बदली और दूसरों की तरह बोलने लगी. और मै तमिल कम बोलने लगी क्योंकि अंग्रेजी का ही प्रचलन था ये सब बाते थीं ,बहुत छोटे से मै बहुत कोशिश कर रही थीं सबके तरह बनने की. मै बहुत चुप रहती थीं, और शर्मीली थीं. और मै क्या महसूस कर रही हूँ बोलती नहीं थीं. मेरे दांतों में ब्रेसेस लगे थे ५ सालों के लिए, तो ज़्यादा लड़के मुझे पसंद नहीं करते मै अपने आप को बचाती थीं लोगों के बीच जोकर बनके, लोगों को हंसा के ये मेरा सुरक्षा कवच था, ये मेरा तरीका था दोस्त बनाने का और अपनी कमज़ोरियों को और खुद को लोगों से छुपाने का. लक्ष्मी:इतनी शर्मीली लड़की से, इतनी साहसी रोले देव डी में..मतलब तो क्या था की अपने अभिनेत्री बनने का फैसला किया इसके बारे में थोड़ा बताइये, क्या आपको संघर्ष करना पड़ा या आप अभिनेत्री बनना चाहती थी कल्कि: ये लंबा संघर्ष था बहुत समय लगा इसके लिए माँ को मनाने में की मै पागल नहीं हूँ,सचमुच छोटी उम्र से ही मैंने स्टेज पे काम किया है,स्कूल में हमारा अपना प्रोडक्शन होता था मुझे नहीं पता था की मै कौन हूँ और मै अचानक बड़ी हो गई और मुझे बड़ा बनना बड़ा, और ज़िन्दगी में कुछ मै अपनेआप को गंभीरता से नहीं लेती, और अब कुछ गंभीरता से सोचना है ,तो मैंने जो किया उसमे मज़ा आया मै अपनेआप को गंभीरता से नहीं लेती मै खुद पर हंसने वाली पहली होती थी तो मेरे दिमाग में पहला कुछ रचनात्मक आया, ड्रामा और मै गोल्डस्मिथ गई,और वहाँ ड्रामा पढ़ा, और मुझे नहीं पता मै कहा जा रही थी मै अचानक ऐसे देश में थी जहाँ सबको लगता मै वहाँ से हूँ वो सोचते मै इंग्लैंड या फ्रांस से हूँ और मै जब बोलती मै भारतीय हूँ वो बोलते तुम भारतीय दिखती नहीं हो, पर तुम अंग्रोजों जैसा नहीं बोलती और मेरे पास अब भी इसका जवाब नहीं है तो मै क्या बोल रही थी, मै भूल गई लक्ष्मी: हाँ कोई बात नहीं, आप बताइये.. आपका पहला ऑडिशन.. कल्कि:लन्दन में थिएटर स्टडीज पढ़ के, और फिर मै आगे बढ़ी मै वापिस घर आई और यहाँ थिएटर करना शुरू किया, मैंने बहुत फिजिकल थिएटर किये और मुझे पता नहीं था मै कहाँ जा रही हूँ, पर मुझे एक बात पता थी की मै भूखी हूँ कहानियाँ सुनाना , कोई और इंसान बनना, मुझे समझ आने लगा अभिनय थेरेपी है, जैसे आप किसी और के दिमाग में जा रहे हैं, और आपको बहुत कम् महसूस होता है क्योंकि क्या फर्क पड़ता है अगर कोई और वही नहीं सोचता या अजीब बर्ताव करता है बहुत सारी चीज़ें हैं जो आप पहले सोचेंगे, क्योंकि ये आसान है आप जब अभिनय को गंभीरता से लेने लगते हैं तब, अब छोटी छोटी बाते देखते हैं आप इंसानियत और लोगों को इसके ज़रिये देखते हैं .ये मुझे अच्छा लगता है मैंने भारत आ कर बहुत थिएटर किया, फिर मै इस ऑडिशन में गई देव डी का ऑडिशन था, मुझे कॉल किया और कहा मैंने स्क्रिप्ट देखा और वो हिंदी में था, मैंने कहा माफ़ कीजियेगा आपको ग़लत मेरी हिंदी बहुत खराब है मुझे नहीं लगता मई ये कर सकती हूँ तो मुझे स्क्रिप्ट इंग्लिश में मिला और मैंने किया, १० मिनट बाद जब मैं ऑफिस से निकली मुझे अनुराग का फ़ोन आया, इस फिल्म के डायरेक्टर उन्होंने कहा चूकि ये वैश्या का रोल है, सारे लोग जो ऑडिशन में आए उन्होंने 2 चीज़ें की उन्होंने स्क्रिप्ट के बारे में या तो जज किया की ये गन्दा है, पोर्नोग्राफिक है आप ऐसे कैसे फिल्म बनाएंगे या उनके हिसाब से वैश्या का रोल करना, जैसे एक फ़ोन सेक्स सीने था लक्ष्मी: हाँ कल्कि: वो इसे बहुत अधिक सेक्सुअल तरीके से अभिनय करती जैसे,"ओ माय गॉड, ये बहुत अच्छा है " ये और असल में अगर कोई ये काम हर रोज़ करती है तो वो ऐसे नहीं करेगी वो शायद कुछ और भी करती होगी और ये कॉल सेण्टर कॉल की तरह है, वो कुछ और भी साथ करती होगी और बोलती होगी, "हाँ हाँ बेबी, ये अच्छा है " और वो शायद कंप्यूटर पर होगी दूसरा काम करती और मैंने इस सीन को इसी तरह समझा था इसी लिए मुझे ये रोल मिला लक्ष्मी: हाँ तो आप एक रोल के लिए कैसे तैयार होती हैं? कल्कि: मुझे लगता है की मैं कुछ ज़्यादा ही उत्साहित हो जाती हूँ सीन मिलने पर मैं बहुत काम करती हूँ मैं मेहनत करने में भरोसा करती हूँ मैं खोज-बीन करने में विश्वास रखती हूँ और अपने डायरेक्टर को परेशान करने में और उन्हें रोज़ फोन कर के ये बोलने में, मैं और क्या कर सकती हूँ बताइये, बताइये क्या मुझे कोई फिल्म देखनी चाहिए, कुछ किताबें पढ़नी चाहिए, इसे करने के लिए मैं अपना रिसर्च अच्छे से करती हूँ और मेरे पास बहुत अधिक जानकारी होती है, जो मैं कभी इस्तेमाल नहीं कर सकती फिर मैं इन सबको जाने देती हूँ जब मैं सेट पर होती हूँ तब मुझे लगता है, आपको बहुत अधिक तैयार होना चाहिए और फिर सरप्राइज के लिए इंतज़ार करना चाहिए जीजों को सुर्प्रीज़ करने दे दुसरे एक्टर्स को सरप्राइज करने दे या अपने डायरेक्टर को बताने दे की मैं ऐसा नहीं चाहते ,मैं चाहता हूँ की आप ऐसे करें लक्ष्मी: सारे लोग आपको अभिनेत्री के तौर पर जानते हैं तो कुछ बताइये अपने दुसरे अवतारों के बारे में एक लेखिका, एक कवियित्री के रूप में दूसरी क्या चीज़ें हैं, जिसमे आपको रुचि है कल्कि: मुझे पैर मोड़कर बैठना पसंद है मुझे लिखना पसंद है पर मुझे नहीं पता मुझे सचमुच लिखना पसंद है या नहीं मैं बहुत अनिच्छुक लेखक हूँ मैंने अपने पूरे जीवन लिखा है पर मैंने महसूस किया है मैं तभी लिखती हूँ जब मैं दुखी होती हूँ या काम नहीं कर रही होती तो मुझे नै पता मुझे सचमुच लिखना पसंद है या नहीं लक्ष्मी: आप आजकल कुछ लिख रही हैं? कल्कि: हाँ मैं कुछ लिख रही हूँ , कुछ महीनो से लक्ष्मी: ये कौन सा है, दुखी वाला या बेरोज़गार वाला? कल्कि: दोनों, या ऊबी हुई, शायद वो दूसरा था पर हाँ मैंने एक नाटक लिखा है पर शायद ये , चीज़ों को खुद से बाहर निकालने की ज़रूरत की तरह है मेरा लिखना बहुत निजी है मेरे लिए ये कुछ ऐसा नहीं जो मैं किसी और के लिए करती हूँ जब आप नाटक करते हैं, तो आप इसे दर्शकों के लिए करते हैं पर जब मैं लिखती हूँ ये बस बाहर निक्कलने के लिए होता है शरीर से लक्ष्मी: तो आपके पास कुछ है जो आप कुछ हमें बताना चाहे अपने नाटक के बारे में? कल्कि: आपने मुझे दुर्भाग्य से कहा था कुछ प्रिंट कर लेने के लिए लक्ष्मी: हाँ, मैं चाहूँगी आप अपनी कविता पढ़ें मैंने इसे आपके हाथो में नहीं देखा कल्कि: मुझे नहीं पता की इसे कविता बोल सकते हैं, क्योंकि ये कुछ भी नहीं है लेकिन ये बस एक बात है जो मैंने लिखा है और हाँ, मैं पढ़ती हूँ (लेख शुरू होता है ) "हम लोग है धरत के, समूह के, भीड़ के पूंजीवाद,सांप्रदायिक ,तानाशाही हम आप हैं हम तैयार हैं क्रिया के लिए, त्रासदी, क्रूरता ,विरोध और फैशन के लिए हम हैं अवैयक्तिक हमें अच्छी फिल्मे पसंद हैं , पर हम अच्छा जीवन नहीं जीते हमने नाटक बनाया पर असल ज़िन्दगी से दूर भागते हैं हम भेड़ों की फ़ौज हैं हम समस्याओं के लिए लड़ते और सड़क पर खड़े होते हैं हम विचारों के लिए लड़ते हैं, पत्थर और बम फेकते हैं फिर पैरों से मक़बरा बनाते हैं हम अनाकार गोला हैं हम लालची मोटे लोग हैं कतार में अज्ञात खड़े,और कोई मुर्ख नहीं हम बेनाम हैं ताके हम बेशर्म हो सकें हम झुण्ड हैं, बिना सिर वाले भगवान्, हम निर्दोष हैं बहस, बात-चीत वाले शोज, जनता का वोट और अपने कोई विचार नहीं ऑनलाइन अतिभोग , टाइप करना सोच जो उधार लिया हो ऋणी से चुना, शिक्षिक, और पूर्ण रूप से नकली विचार, करना -न करना, लिखित सोच जो हमने नक़ल किया, सोच जो हमने अपना बताया, सोच जो हमारी है और सोच जो सब लिखते हैं, सोचते हैं, और बोलते हैं लेकिन अगर कोई वो सचमुच करे तो वो नहीं स
lakshmi : so kalki i wanna talk about identity kalki :
Последнее обновление: 2019-07-06
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