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Хинди

भ्रूण

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embrión

Последнее обновление: 2012-06-02
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Хинди

दो महिलाओं में भ्रूण संकट सूचित किया गया था।

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se informó sufrimiento fetal en dos.

Последнее обновление: 2020-08-25
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Хинди

5,000 जीतने नीशेचीत करे हुए मानव भ्रूण जीनका वजन 900 कीलो से भी कम है.

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más de 5000 óvulos fertilizados que pesan menos de 900 kilos.

Последнее обновление: 2017-10-12
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Хинди

वे यह भी सुझाते हैं कि संदिग्ध या पुष्टि किए गए covid-19 संक्रमित लोगों की निरंतर इलेक्ट्रॉनिक भ्रूण निगरानी होनी चाहिए।

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también sugieren que a las mujeres que se sepa o sospeche que tengan covid-19 se les realicen monitoreos fetales electrónicos continuos.

Последнее обновление: 2020-08-25
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Хинди

यह आमतौर पर माता से भ्रूण में पारित नहीं होता है, इसलिए यह जानने के लिए आगे के शोध की आवश्यकता है कि क्या वायरस गर्भनाल को पार कर गया या अध्ययन में शामिल महिलाओं की गर्भनाल क्षतिग्रस्त या असामान्य थी।

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usualmente, el virus no se transmite de la madre al feto, por lo que se debe investigar más para saber si atraviesa la placenta o si la placenta de las mujeres del estudio estaba dañada o era anormal.

Последнее обновление: 2020-08-25
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Хинди

"हमें थोडी़ थोडी़ देर में सभी प्रकार के नुक्सानों की मरम्मत करनी चाहिये -- जरूरी नहीं पूरी तरह से, पर काफ़ी हद तक उनकी मरम्मत, जिससे हम नुक्सान का स्तर उस दहलीज़ के नीचे रहे जिसका होना ज़रूरी है, जो इसे रोगजनक बना देता है." हमें पता है कि यह दहलीज़ मौज़ूद है, क्योंकि मध्यम आयु में पहुंचने तक हमें उम्र संबंधी बिमारियां नहीं होती, यद्यपि पैदा होने के समय से ही नुकसान इकट्ठा हो रहा है. मैं क्यों कहता हूं कि हम सीमा के अंदर हैं? वो मूलतः इसलिए. इस स्लाइड का सार नीचे है. अगर हम यह कहने की को्शश करें कि चयपचय के कौनसे भाग उम्र बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण हैं, तो हमे सारी रात यहां रहना पडे़गा, क्योंकि मूलतः पूरा चयपचय किसी न किसी तरह से उम्र बढ़्ने के लिए महत्वपूर्ण है, यह केवल उदाहर्ण के लिए है, यह अधूरा है. दाहिने तरफ़ वाली सूची भी अधूरी है. यह सूची उम्र संबंधी अलग अलग विकृतियों की है, और यह सिर्फ़ एक अधूरी सूची है. लेकिन मैं आप से यह दावा करना चाहूंगा कि ये बीच वाली सूची पूर्ण है, ये उन चीज़ों की सूची है जो नुक्सान होने के काबिल कहे जा सकते हैं, चयपचय के दुष्प्रभाव जो अंत में विकृतियं पैदा करते हैं. या जो विकृतियां पैदा कर सकते हैं. और ये केवल सात हैं. ये चीज़ों की श्रेणियां हैं, पर सिर्फ़ सात हैं. कोषिकाओं का नुक्सान, गुणसूत्रों में उत्परिवर्तन, माइटोकॊंड्रिया में उत्परिवर्त,न आदि. सबसे पहले, मैं तर्क देना चाहूंगा कि ये सूची पूर्ण क्यों है. हां, निश्च्य ही हम जैविक बहस कर सकते हैं. हम कह सकते हैं, ठीक है, हम किन चीज़ों के बने हैं? हम कोशिकाओं और उनके बीच के सामान के बने हैं. नुक्सान किन में जमा हो सकता है? जवाब है, दीर्घायु अणु, क्योंकि अगर लघु आयु वाले अणु को नुक्सान होता है, लेकिन अणु बरबाद हो जाता है -- जैसे प्रोटीन प्रोटेओलाइसिस से ध्वस्त हो रहा है -- तो नुक्सान भी खत्म हो जाता है. वह निश्चित ही दीर्घायु अणु होंगे. तो, यह सात चीज़ें ग्रेंटॊलॊजी में काफ़ी समय से चर्चित रही हैं और यह काफ़ी अच्छी खबर है, क्योंकि इसका मतलब है, कि हम इन २० सालों में जीव विज्ञान में काफ़ी प्रगति कर चुके हैं, तो ये बात कि हमनें इस सूची को बढ़ाया नहीं है इस बात का अच्छा सबूत है कि इसे बढ़ाया जाने लायक कुछ नहीं है. बल्कि, इस से भी बेहतर है, हमे असल में पता है कि इन सब को ठीक कैसे करना है चूहों में, सिद्धांत के तौर पे - और सिद्धांत से मेरा मतलब है, कि शायद हम वास्तव में इन उपचारों को एक दशक में लागू कर सकते हैं. इनमें से कुछ, ऊपर वाले, आंशिक तौर पे लागू हो चुके हैं. मेरे पास सब के बारे मे बताने का वक्त नहीं है, लेकिन मेरा निषकर्श यह है कि, अगर हमें इसके लिए उपयुक्त धन मिल जाए, तो शायद हम १० साल में ही मजबूत जन कायाकल्प का विकास कर सकते हैं, लेकिन हमें इसके बारे में गंभीर होना पड़ेगा. हमें कोशिश करनी शुरू कर देनी चाहिए. नि:संदेह, दर्शकों में कुछ जीवशास्त्री हैं, और मैं आपके कुछ संभावित सवालों का जवाब देना चाहूंगा. आप इस वार्ता से असंतुष्ट हुए हो सकते हैं, लेकिन मौलिक तौर पे आप को जाकर इस चीज़ को पढ़ना है. मैने इसपर काफ़ी कुछ लिखा है; मैं उन प्रयोगिक कार्यों का हवाला देता हूं, जिन पर मेरा आशावाद आधारित है, और इन में काफ़ी विस्तृत ब्यौरा है. ये ब्यौरा ही मुझ में आत्मविश्वास जगाता है इन आक्र्मक समय संदर्भों का जिनकी मैं भविष्य वाणी कर रहा हूं. तो अगर आप सोचते हैं कि मैं गलत हूं, तो बेहतर हो आप जाकर पता लगाएं कि आप ऎसा क्यॊं सोचते हैं. नि:सेदेह, मुख्य बात यह है कि आपको उन लोगों पर विश्ववास नहीं करना चाहिए जो अपने आप को ग्रेन्टोलोजिस्ट कह्ते हैं क्योंकि, जैसा कि किसी भी क्षेत्र में पहले की सोच से घोर प्रस्थान में होता है, आप मुख्र्य धारा में लोगों से अपेक्षा करते हैं कि वो अवरोध करेंगे और इसे गंभीरता से नहीं लेंगे. तो, पता है, आप को वास्त्व में अपनी तैयारी करनी पड़ती है, यह समझने के लिए कि क्या यह सच है. और हम कुछ चीज़ों के साथ समापन करेंगे. एक, पता है, अगले सत्र में आप एक शक्स को सुनेंगे जिसने कुछ समय पहले कहा था कि वह मानव जीनोम को कुछ ही समय में अनुक्रम कर सकता है, और सब ने कहा, "ज़ाहिर है यह मुमकिन नहीं है." और आप को पता है क्या हुआ. तो, पता है, एसा होता है. हमारे पास अलग अलग रणनितियां हैं - मतूशेलह माउस पुरुस्कार है, जो मूलतः कुछ नया करने के लिए प्रोत्साहन है, और वो करने के लिए जो आप सोचते हैं काम करेगा, और अगर आप जीत जाते हैं तो आपको उसके लिए पैसे मिलते हैं. एक प्रस्ताव है वास्तव में एक संस्थान तैयार करने का. यही है जिसमें थोडा़ पैसा लगेगा. पर, मेरा मतलब है, देखिए -- इराक युद्द में इतना खर्च करने में कितना समय लगता है? ज़्यादा समय नहीं. ठीक है. ठहाके और यह परोपकारी होना चाहिए, क्योंकि मुनाफ़ा जीवन शास्त्र से ध्यान बंटाता है, पर इसे सफ़ल होने की ९० प्रतिशत संभावना है, मेरे ख्याल से. और मैं सोचता हूं हमें पता है कि यह कैसे करना है. और मैं यहीं रुकता हूं. धन्यवाद. तालियां क्रिस एन्डरसन: अच्छा, मुझे पता नहीं कि कोई सवाल होंगे कि नहीं पर मैने सोचा मैं लोगों को मौका दूं. दर्शक: आपने बढ़ती उम्र और उसे हराने की बात की, पर ऎसा क्यॊं है कि आप अपने आप को एक वृद्ध व्यक्ति की तरह जता रहे हैं? ठहाके ए जी: क्योंकि मैं वृद्ध हूं. मैं दर असल १५८ साल का हूं. ठहाके तालियां दर्शक: नस्लें इस ग्रह पर प्रतिरक्षा प्रणाली के साथ विकसित हुई हैं बिमारियों से लड़ने के लिए जिससे लोग प्रज्न्न हेतु जीवित रह सकें. लेकिन, जहां तक मैं जानता हूं, सभी नस्लें अस्ली में मरने के लिए ही विकसित हुई हैं, तो जब कोषाणुं विभाजित होते हैं, तो तेलोमेरेज़ छोटे होते हैं, और अंततः नस्लें मर जाती हैं. तो क्यों - विकास नें - लगता है अमरता के खिलाफ़ चुनाव किया है, जब कि यह इतनी फ़ायदेमंद है, या विकास अभी अधूरा है? ए जी: उत्तम. एसा सवाल पूछने के लिये शुक्रिया जिसका ज़वाब मैं गैर-विवादास्पद रूप में दे सकता हूं. मैं आपके सवाल का असली मुख्य धारा वाला जवाब देने जा रहा हूं, जिस से मैं भी सहमत हूं. जॊ कि यह है कि, नहीं, उम्र का बढ़ना चुनाव का हिस्सा नहीं है; विकास केवल विकासीय उपेक्षा का परिणाम है. अन्य शब्दो में, हमारी उम्र बढ़ती है क्योंकि उसका न बढ़ने में मेहनत लगती है; आप को अधिक आनुवंशिक राहें चाहिए होती हैं, आप के आनुवंश में अधिक परिषकार अगर उम्र को और धीरे बढ़ना हो तो, और यह सच रहता है जितनी देर तक आप यह चाहें. तो, उस मामले में विकास से कोई फ़र्क नहीं पड़ता, परवाह नहीं करता चाहे आनुवंश व्यक्तियों द्वारा पारित हों, जो लंबे समय तक जीवित रहें, या उत्पत्ति द्वारा, इसमें कुछ मात्रा में समता है, इसलिए अलग नस्लों के अलग जीवनकाल होते हैं, और इसलिए कोई अमर नस्लें नहीं हैं. सी ए: आनुवंश परवा नहीं करते पर हम करते हैं? ए जी: सही. दर्शक: मैंने कहीं पढा़ था कि पिछ्ले २० सालों में, धरती पे किसी का भी औसत जीवनकाल १० साल बढ़ गया है. अगर मैं इसका व्याख्यान करूं, तो मैं सोचता हूं कि अगर मैं अपनी मोटरसाइकल पे टक्कर ना मारूं, तो मैं १२० साल तक जीवित रहूंगा. इसका मतलब है कि मैं आपके उन लोगों में से हूं जो १००० साल के हो सकते हैं? ए जी: अगर आप अपना वजन थोडा़ कम कर लेते हैं तो. ठहाके आपके अंक कुछ गलत हैं. मानक आंकडे़ कहते हैं कि जीवनकाल हर दश्क में एक से दो साल तक बढ़ रहे हैं. तो, यह वैसा नहीं है जैसा आप सोचें - आप उम्मीद करें. पर मेरा इरादा जल्द से जल्द इसे बढा़ कर एक साल प्रति साल करना है. दर्शक: मुझे बताया गया था कि दिमाग के कई कोषाणु जो हमारे पास व्यस्क्ता में होते हैं वो वास्तव में मानव भ्रूण में होते हैं, और दिमाग के कोषाणु ८० साल तक चलते हैं. अगर यह सच है तो, क्या जीवन शास्त्र में इसके कायाकल्प की दुनिया में निहितार्थ हैं? अगर मेरे शरीर में कोषाणु हैं जो पूरे ८० साल जीते हैं, बनिस्प्त साधारण तौर पे, पता है, कुछ महीने? ए जी: इसके तकनीकि निहितार्थ ज़रूर हैं. बुनियादि तौर पे हमें कोषाणु बदलने हैं दिमाग के उन कुछ हिस्सों में जो इन्हे जायज़ दर से खोते हैं, खास तौर से न्युरान, लेकिन हम उन्हें इस से तेज़ बदली नहीं करना चाह्ते या बहुत ज्यादा तेज़ तो नहीं, क्योंकि इन्हे बहुत तेज़ बदलने से संज्ञानात्मक कार्य पर दुष्प्र्भाव पडेगा. पहले मैंने जो कोई बूढ़े न होने वाली नस्ल न होने की बात करी थी वो कुछ ज्यादा ही सरलीकरण था. कुछ नस्लों की उम्र नहीं बढ़्ती - जैसे कि हाइड्रा - पर वे ऎसा करते हैं क्योंकि उनमें नरवस सिस्ट्म नहीं होता - और कोई ऊतक नहीं होती जो अपने कार्य के लिये आश्रित हो लंबे समय तक जीवित रहने वाले कोषाणुओं पर.

Испанский

"vamos a reparar periódicamente todas estas clases de daños... no necesariamente repararlos todos, pero sí bastantes, para así mantener el nivel de daño bajo el límite que debe existir, que hace que sea patógeno." sabemos que este límite existe. porque no tenemos enfermedades relacionadas con la edad hasta que estamos en la mediana edad, aunque el daño se haya acumulado desde antes que naciéramos. ¿por qué digo que estamos en el límite?

Последнее обновление: 2019-07-06
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