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जीवन का कोई संकेत नहीं है.
வாழ்க்கை எந்த அடையாளமும் இல்லை.
Senast uppdaterad: 2017-10-13
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जीवन का तत्व , huh?
உயிர்க்கூறா?
Senast uppdaterad: 2017-10-13
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हम अपने जीवन का धमकी दी गई पता है! .
உன் வாழ்வில் நாங்கள்'s அச்சுறுத்தினார் என்று எனக்கு தெரியும்.
Senast uppdaterad: 2017-10-13
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मेरे जीवन का बेस्ट साल.
எனது வாழ்க்கை சிறந்த ஆண்டுகள்.
Senast uppdaterad: 2017-10-13
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मेरे जीवन का प्रेरक अध्याय होगा।
என்னுடைய வாழ்க்கை பாடத்தை தூண்டுவது.
Senast uppdaterad: 2017-10-13
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जीवन का सबसे अच्छा सबक चोट करते हैं.
வாழ்க்கை சிறந்த படிப்பினைகள் புண்.
Senast uppdaterad: 2017-10-13
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मैं यहाँ मेरे जीवन का बाकी खर्च करना चाहता था.
நான் இங்கே என் வாழ்க்கை ஓய்வு கழிக்க வேண்டும்.
Senast uppdaterad: 2017-10-13
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तुम्हें पिंजरों में बंद जीवन का पता चलेगा।
கூண்டு வாழ்க்கை என்னன்னு புரியும்.
Senast uppdaterad: 2017-10-13
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वे जीवन का एक तरह से अपमान करना के लिए आया था.
அவர்கள் வாழ்க்கை ஒரு வழி அசுத்தமாக்கு வந்தது.
Senast uppdaterad: 2017-10-13
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मुझे लगा जैसे मैं अपने जीवन का सबसे अच्छा विकल्प मिल गया।"
நான் ... நீங்கள் முத்தமிட வேண்டும்."
Senast uppdaterad: 2017-10-13
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मेरे जीवन का वह क्षण जब तुम मुझसे कहते हो कि तुम मुझसे प्यार करते हो।
moment of my life is when you told me you love me
Senast uppdaterad: 2023-01-17
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(हंसतेहुए) "मेरे जीवन का मार्गदर्शन कर सकते हैं जो कुछ भी देवता,"
(chuckles) "என் வாழ்க்கையில் வழிகாட்டும் இருக்கலாம் என்ன தெய்வம்,"
Senast uppdaterad: 2017-10-13
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"मैं अपनी चार बेटियों को दुनियों के चार कोनों में देखना चाहता हूँ" मुझे नहीं पता की वे यही चाहते थे या नहीं परन्तु येही हुआ मैं अकेली हूँ जो भारत में बची हूँ! एक ब्रिटेन में है, दूसरी अमेरिका में और तीसरी कनाडा में तो हम चारों दुनिया के चार कोनों में है और क्योंकि मैंने कहा वे मेरे आदर्श हैं मैंने उनकी दो बातें हमेशा याद रखी एक , उन्होंने कहा , "जीवन हमेशा झुका रहता है " या तो आप ऊपर जाओगे , और या नीचे की ओर और दूसरी बात, जो मेरे साथ आज भी है , जो मेरे जीवन का मूल बनी जिसने मुझे यहाँ तक पहुँचाया वह थी अगर आपके जीवन में सौ चीज़े होती हैं अच्छी या बुरी उनमे से नब्बे आप खुद बनाते हैं अगर वे अच्छी है, आपने बनाई हैं उनका आनंद लें! और बुरी हैं तब भी आपने बनायीं हैं उनसे सीखें दस ऐसी होती हैं, जो प्रकृति बनती है , जो आपके नियंत्रण से बाहर हैं जैसे किसी रिश्तेदार की मृत्यु या कोई तूफ़ान , या कोई बवंडर या भूकंप आप इनका कुछ नहीं कर सकते आप केवल परिस्थितियों के अनुसार कार्य कर सकते हैं लेकिन वो प्रतिक्रिया उन्ही ९० प्रतिशत चीज़ों से आती है ! क्योंकि मैं इस सिद्धांत का नतीजा हूँ ९०/१० और दूसरी बात की जीवन हमेशा झुकाव रहता है मै ऐसे ही बड़ी हुई हूँ ! उन चीजों का आदर करना जो मुझे मिली है ! मैं नतीजा हूँ उन अवसरों का उन बिरले अवसरों का जो पचास और साठ के दशक में जो दूसरी लड़कियों को नहीं मिलते थे ! और मुझे इस बात का अहसास था की मुझे मेरे परेंट्स जो दे रहे हैं , वो अनोखा था! क्यूंकि मेरे सारे पक्के दोस्तों को सजाया जा रहा था , ताकि उनकी शादी हो सके बहुत सारे दहेज़ के साथ , और मैं यहाँ थी , एक टेनिस के राच्केट के साथ और स्कूल जाती हुई , और सारे तरह के खेल कूद करती हुई ! मुझे लगा मुझे ये जरूर बताना चाहिए आप लोगों को , मैंने क्यूँ कहा की ऐसा मेरा अतीत है तो ये है जो अब अगला भाग आता है मैंने भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुई एक सख्त महिला की तरह एक अजेय बलवाली महिला क्यूंकि मुझे आदत थी अपने टेनिस शीर्षक के लिए दौड़ने की .. लेकिन मैं भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुई और उसके बाद निगरानी करने में एक नए तरह का नमूना आ गया मेरे लिए निगरानी करना का मतलब था सही करने की शक्ति रोकने की शक्ति और पहचानने की शक्ति ये कुछ ऐसा था की भारत में पोलिसिंग को नयी परिभाषा दे दी गयी हो.. रोकने की शक्ति क्यूंकि जादातर के यही कहा जाता था , की पहचानने की शक्ति , और बस या दण्डित करने की शक्ति लेकिन मैंने निश्चय किया , नहीं , ये रोकने की शक्ति है , क्यूंकि यही मैंने सीखा जब मैं बड़ी हो रही थी तो मैं कैसे रोकूँ चीजों को १० (जिनपे मेरा नियंत्रण नहीं है ) पे और इससे कभी भी १० से बढ़ने ना दूं ? तो ये ऐसे मेरे सेवा में आ गया! और ये बिलकुल अलग था पुरुषो से मैं नहीं चाहती थी की यह पुरुषो से अलग हो लेकिन ये अलग था ! क्यूंकि ये वोही तरीका था जिससे मैं अलग थी और मैंने भारत में पोलिसिंग के कांसेप्ट को नयी परिभाषा दी ! मैं आप लोगों को दो यात्रयों पे ले जाउंगी , मेरी पोलिसिंग की यात्रा और मेरी जेल के समय की यात्रा . जब आप देखते हैं , अगर आप शीर्षक पढेंगे , जो कहता है , "प्रधान मंत्री की कार रोक ली गयी " ये पहली बार था की भारत के प्रधान मंत्री को एक पार्किंग टिकेट दिया गया ! हंसी भारत में ये पहली बार हुआ, और मैं बता सकती हूँ , ये आखिरी बार है आप ऐसी घटना के बारे में सुन रहे हैं ! ये भारत में दुबारा कभी नहीं होगा , क्यूंकि अब ये एक बार हमेशा के लिए हो गया है और नियम था , क्यूंकि मैं संवेदनशील थी मुझमे करुना थी , मैं संवेदनशील थी अन्याय के लिए और मैं बहुत बड़ी समर्थक थी न्याय की यही कारण था की , महिला होने पर भी , मैं भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुई ! मेरे पास दुसरे विकल्प भी थे लेकिन मैंने उन्हें नहीं चुना . तो अब आगे बढ़ते हैं ! ये पूरी बात है कठोर पोलिसिंग और समान पोलिसिंग की अब मैं जानी जाती थी एक महिला है जो किसी की नहीं सुनेगी तो (परिणाम स्वरुप ) मुझे सारे अविवेकपूर्ण स्थानों पर पद मिले ऐसे स्थान जहाँ जाने से दुसरे तुरंत "नहीं " कह दे मैं गयी थी एक पुलिस अधिकारी के तौर पे एक जेल के कार्य पे सामान्यतः पुलिस ऑफिसर जेल में काम नहीं करते हैं! उन्होंने मुझे जेल (के एक पद ) में भेज दिया (ताकि मैंने वहीँ रह जाऊं) ये सोचते हुए की अब कोई कारें नहीं होंगी और कोई भी vip नहीं मिलेगा (पार्किंग ) टिकेट देने को उसे वही रहने दो . तो यहाँ मुझे जेल का कार्य मिला ! ये एक जेल का कार्य था जिसमे बहुत बड़ा समूह था मुजरिमों का बिलकुल , ये था लेकिन दस हज़ार आदमी , जिसमे केवल ४०० ही महिलाये थी -- सो दस हज़ार में ९००० और ६०० करीब आदमी थे आतंकवादी , बलात्कारी चोर , गुंडे , कुछ ऐसे थे की मैंने खुद उन्हें जेल भेजा था पुलिस ऑफिसर होने के नाते . और मैंने कैसे उनका सामना किया पहले दिन जब मैं अन्दर गयी (जेल के ) मुझे नहीं पता था उनको देखू कैसे और मैंने कहा , "क्या तुम प्रार्थना करते हो ? " जब मैंने समूह की तरफ देख कर कहा , "क्या तुम प्रार्थना करते हो ? " उन्होंने देखा की एक नयी महिला , छोटी (ऊंचाई ) में भूरे कपडे पहने हुए और मैंने कहा , "क्या तुम प्रार्थना करते हो ?" और उन लोगों ने कुछ नहीं कहा ! मैंने कहा , "तुम तुम प्रार्थना करते हो ?" , "क्या तुम प्रार्थना करना चाहते हो ?" उन्होंने कहा "हाँ " , और मैंने कहा " बढ़िया , चलो प्रार्थना करते हैं " मैंने उनके लिए प्रार्थना की और चीज़ों में बदलाव की शुरुआत होने लगी . ये एक दृश्य था जेल के अन्दर शिक्षा का! दोस्तों , ये कभी नहीं हुआ , जहाँ हर एक आदमी जेल में पढता है मैं इसे समाज के सहारे से शुरू किया सरकार के पास कोई budget नहीं था ये अपने आप में एक बहुत ही उम्दा , और बड़ी स्वयं सेवा थी दुनिया के किसी भी दुसरे जेल की तुलना में इसकी शुरुआत हुई थी देल्ही जेल में तुम एक नमूना देख सकते हो की एक मुजरिम एक कक्षा को पढ़ा रहा है और वो सौ की संख्या में कक्षाए थी ९ से ११ , हर एक मुजरिम शिक्षा प्रोग्राम में आ गया उसी अद्ददे (जेल ) में जहाँ कभी वो लड़ते थे वो मुझे सलाखों के पीछे छोड़ देते और चीज़ें हमेशा के लिए भुला दी जाती (ऐसा भी हो सकता था) हमने इसे आश्रम में बदल दिया एक जेल से आशरम में शिक्षा के सहारे मैं सोचती हूँ ये एक बड़ा बदलाव है ! ये बदलाव की शुरुआत है! शिक्षक ही मुजरिम थे ! शिक्षक स्वयम सेवक थे ! किताबें दान में दी हुई स्कूल किताबों से आती थी stationary भी दान से आती थी ! हर चीज़ दान से आती थी ! यूँ की इस जेल के लिए कोई budget नहीं था (सरकार के पास ) अब अगर मैंने ये नहीं किया होता तो ये नरक का घर ही रहता . ये दूसरा चिह्न है! मैं आप लोगों को मेरी यात्रा के अतीत के कुछ पलो को दिखाना चाहूंगी जो शायद तुम्हे कहीं , कभी भी किसी दूसरी जगह इस दुनिया में देखने को ना मिले पहला तो जो आंकड़े हैं जो आपको कभी देखने को ना मिले दूसरा ये कांसेप्ट ये जेल के अन्दर एक ध्यान का कार्यक्रम था ! जिसमे हजारों मुजरिम थे !
"என் நான்கு மகள்களையும் உலகின் நான்கு மூலைகளுக்கு அனுப்பபோகிறேன்" என்று. அவர் என்ன நினைத்து சொன்னாரோ தெரியவில்லை ஆனால் அது பலித்தது நான் ஒருவள்தான் இந்தியாவில் இருக்கிறேன் ஒருவர் இங்கிலாந்து நாட்டவர் ஒருவர் அமெரிக்கர் மற்றொருவர் கனடா நாட்டவர் நாங்கள் நால்வரும் உலகின் நான்கு மூலையில் வசிக்கிறோம் எனது பெற்றோர்கள்தான் எனக்கு முன்னோடிகள் என்றேன் அல்லவா அவர்கள் சொன்ன இரண்டு விஷயங்களை பின்பற்றினேன் அவர்கள் கூறியதில் ஒன்று "வாழ்கை ஒரு சாய்வுதளம்" நீ அதில் மேலே போகலாம் இல்லை கீழே வரலாம் அவர்கள் சொன்ன இரண்டாவது விஷயம் என் வாழ்க்கை கோட்பாடாக மாறிவிட்டது பெரும் மாற்றத்தையும் அது ஏற்படுத்தியது நல்லதோ கெட்டதோ உன் வாழ்வில் ஏற்படும் நூறு விஷயங்களில் தொண்ணூறு நீ உறுவாக்குவது அந்த நல்லவைகளை நினைத்து மகிழ்ச்சியுறு அவை கெட்டவைகளாயின் அதிலிருந்து கற்றுக்கொள் 10 விஷயங்கள் தானாக ஏற்படுவது, நீ ஒன்றும் செய்ய முடியாது அவை ஒரு உறவினரின் இறப்பாகவோ அல்லது புயலாகவோ, சூறாவளியாகவோ, பூகம்பமாகவோ இருக்கலாம் அதற்கு நீ ஒன்றும் செய்ய முடியாது சூழ்நிலைக்கு ஏற்றவாறு நீ செயல்படவேண்டும் அதற்கான செயல்திறன் அந்த தொண்ணூறு விஷயங்களிலிருந்துதான் உருவாகும் இந்த 90/10 எனது வாழ்க்கை சித்தாந்தம் ஆனது மேலும் வாழ்க்கையும் ஏறுமுகமாயிற்று இவ்வாறுதான் நான் வளர்ந்தேன் எனக்கு கிடைத்ததை மதித்தேன் எனக்கு கிடைத்த வாய்ப்புகளினால் நான் வளர்ந்தேன் 50 /60 ஆம் ஆண்டுகளில் மற்ற பெண்களுக்கு கிடைக்காத ஒன்று. எனது பெற்றோர்கள் எனக்கு கொடுத்தவை அனைத்தும் தனித்தன்மை வாய்ந்தது என்பதை உணர்ந்தேன். ஏனென்றால் எனது பள்ளி தோழிகள் அனைவரும் அதிக வரதட்சனை கொடுத்து திருமணம் செய்விப்பதற்காகவே வளர்க்கபட்டனர் நானோ டென்னிஸ் மட்டையுடன் பள்ளிக்கு சென்றேன் எல்லா போட்டிகளிலும் கலந்து கொண்டேன் நான் இவை அனைத்தையும் உங்களுக்கு சொல்வதன் காரணம் என்னவென்றால் நான் இந்திய காவல் துறையில் ஒரு கட்டுறுதியான பெண்ணாக சேர்ந்தேன் அவ்வாறு நான் கட்டுறுதியான பெண்ணாக திகழ்ந்ததற்க்கு மூல காரணம் நான் முன்பு டென்னிஸ் விளையாட ஓடிய ஓட்டம்தான் ஆனால் நான் இந்திய காவல் துறையில் சேர்ந்தேன். அதன் பிறகு காவல் துறையின் தன்மையே மாறிவிட்டது என்னை பொறுத்தவரை காவல் துறை என்பது தவறுகளை திருத்துவதற்கும், தடுப்பதற்கும், துப்பறிவதற்கும் கொடுக்கப்பட்ட அதிகாரமாக கருதுகிறேன். இந்தியாவில் முதல் முறையாக தவறுகளை தடுப்பதற்கு காவல்துறை பயன்பட வேண்டும் என்று கருதினேன். ஏனென்றால் குற்றங்களை துப்பறிவதற்கும் தண்டனைக்கும் மட்டும்தான் காவல்துறை என்று கருதப்பட்டது. நானோ அதை தடுக்கும் சக்தியாக எண்ணினேன். ஏனென்றால் நான் அப்படிதான் வளர்க்கப்பட்டேன் நான் எவ்வாறு 10 குற்றங்களை தடுப்பேன், அது முடியாமல் போனால்? இதையே நான் பின்பற்ற ஆரம்பித்தேன் எனவே நான் ஆண்களிலிருந்து மாறுபட்டேன் நான் அவ்வாறு நினைக்காவிட்டாலும் மாறுபட்டே இருந்தேன் ஏனென்றால் எனது சுபாவமே அதுதான். இந்திய காவல்துறைக்கு ஒரு புதிய வரைபிலக்கணம் கொடுத்தேன். நான் உங்களை இரு பயணங்களுக்கு அழைத்து செல்ல போகிறேன் ஒன்று காவல்துறை மற்றொன்று சிறைத்துறை நீங்கள் தற்போது என்ன பார்க்கிறீர்கள், தலைப்பை பாருங்கள் "பிரதமரின் கார் பிடிபட்டது" இந்தியாவிலேயே முதன் முறையாக பிரதமரின் காரிற்கு நிறுத்து சீட்டு அளிக்கப்பட்டது (சிரிப்பொலி) அதுவே முதன் முறை நீங்கள் கேட்பதும் அதுவே கடைசி முறையாக இருக்கும். இதே போல் இந்தியாவில் இனி ஏற்படாது ஏனெனில் அதுவே முதலும் கடைசி முறையுமாகும். நியதி என்னவென்றால் நான் எளிதில் உணர்சிவசப்படுபவள், கருணை உள்ளம் கொண்டவள் மேலும் அநியாயத்தை கண்டு துடிப்பவள் ஆகையால் நான் எப்போதும் நியாயத்தின் பக்கமே இருப்பேன். இந்த காரணத்திற்காகத்தான் ஒரு பெண்ணாக இந்திய காவல் துறையில் சேர்ந்தேன். எனவேதான் எனக்கு மற்ற வாய்ப்புகள் இருந்தும் நான் அதை தேர்ந்தெடுக்கவில்லை. நான் மேலும் தொடர்கிறேன். இது ஒரு உறுதியான அதே சமயம் சீரான காவல் துறை பற்றியது. யார் சொல்வதையும் கேட்காதவள் என்று நான் பெயர் பெற்றேன். எனவே எனக்கு பாரபட்சமான பதவிகள் அளிக்கபட்டது மற்றவர்களாயின் அப்பதவிகளை வேண்டாம் என்று சொல்லி இருப்பார்கள் ஒரு சிறைச்சாலைக்கு நான் காவல் அதிகாரியாய் மாற்றப்பட்டேன். சாதரணமாக காவல் அதிகாரிகள் சிறைச்சாலை பதவிகளை விரும்புவதில்லை. என்னை முடக்குவதற்காக சிறைச்சாலைக்கு அனுப்பினார்கள் முக்கிய புள்ளிகளுக்கு என்னால் அங்கு வாகன நிறுத்து சீட்டு அளிக்கமுடியாது என எண்ணி என்னை முடக்கினர். இவ்வாறு தான் நான் சிறை பதவிக்கு வந்தேன். இந்த சிறைச்சாலையானது பல பயங்கர குற்றவாளிகளின் கூடாரமாக திகழ்ந்தது. அது வெளிப்படையாகவே தெரிந்தது. மொத்தமாக இருந்த 10,000 கைதிகளில் 400 பேர் பெண்கள் மற்ற 9 ,600 பேரும் ஆண்களே, தீவிரவாதிகள், கற்பழித்தவர்கள், கொள்ளையர்கள், தாதாக்கள்-- அதில் ஒருசிலர் நான் காவல் அதிகாரியாய் அனுப்பிவைத்த குற்றவாளிகள். அவர்களை எவ்வாறு நடத்தினேன் என்று பாருங்கள் நான் முதல் நாள் உள்ளே சென்றபோது அவர்களை எப்படி பார்க்கவேண்டும் என்று எனக்கு தெரியவில்லை. "நீங்கள் வழிபடுவீர்களா?" என்று அந்த கூட்டத்தை பார்த்து கேட்டேன் . "நீங்கள் வழிபடுவீர்களா?" மறுபடியும் கேட்டேன் சாயம்போன உடையணிந்த, குட்டையான யுவதியாக என்னை அவர்கள் கண்டனர். "நீங்கள் வழிபடுவீர்களா?" மறுபடியும் கேட்டேன் அதற்கு அவர்கள் பதில் அளிக்கவில்லை. "நீங்கள் வழிபட ஆசைப்படுகிறீர்களா?" என்று கேட்டேன் "ஆம்" என்றார்கள் நானும் அதற்கு "சரி வழிபடலாம்" என்றேன் நான் அவர்களுக்காக வழிபட்டேன், அதன் பின் மாற்றங்கள் தெரிய ஆரம்பித்தன. சிறைக்குள் கல்வி கற்பதின் காட்சி நண்பர்களே சிறைச்சாலைக்குள் கல்வி கற்பது என்பது இதற்குமுன் நடந்ததே கிடையாது. சமூகத்தின் உதவியுடன்தான் நான் இதனை ஆரம்பித்தேன். அரசிடமோ இதற்கான செலவு திட்டம் எதுவும் கிடையாது. இது சிறைச்சாலையில் நடந்த உலகிலேயே மிகபெரிய, அற்புதமான தன்னார்வ தொண்டாகும். இது டெல்லி சிறையில் துவங்கப்பட்டது ஒரு கைதி பாடம் எடுக்கும் காட்சியை பார்க்கிறீர்கள். இதே போல் நூற்றுக்கணக்கான வகுப்புகள் உண்டு.
Senast uppdaterad: 2019-07-06
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