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la comisión electoral ha puesto a disposición del público un largo documento que en sus 333 páginas lista 3423 candidatos quienes han sido descalificados de participar en las elecciones.
आयोग द्वारा जारी 333 पृष्ठों की एक सूची में 3423 ऐसे प्रत्याशियों के नाम हैं जिन्हें आयोग ने अयोग्य ठहराते हुये उनके चुनाव में भाग लेने पर रोक लगा दी है।
la comisión electoral de la india ha puesto a disposición del público una amplia gama de información sobre cómo registrarse como votante y quienes han sido descalificados de las elecciones generales.
चुनाव आयोग ने भी मतदाताओं के लिये अनेक जानकारियाँ अपने जालसथल पर रखी हैं, मतदान के लिये पंजीकरण कैसे करायें से लेकर आम चुनाव में अयोग्य ठहराये गये उम्मीदवारों की सूची तक।
de acuerdo con la comisión electoral de la india hay más de 1.000 partidos políticos participando a nivel local y nacional de acuerdo con su larga lista de partidos y sus símbolos políticos.
चुनाव आयोग के मुताबिक 1000 से ज्यादा दल स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव लड़ रहे हैं।
esperamos que vote report india no solo incremente la transparencia y responsabilidad en el proceso electoral de india, sino que también provea el retrato más completo de la opinión pública en india durante las elecciones.
हमें उम्मीद है कि वोट रिपोर्ट इंडिया भारतीय चुनावों में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व बोध को बढ़ाने में सहायक तो होगी ही, साथ में चुनावों के दौरान जनता की आम राय के बारे में एक परिपूर्ण परिदृश्य गढ़ने में सहायक होगी।
vote report india, una plataforma de monitoreo electoral enfocada en la colaboración ciudadana basada en el motor ushahidi, supervisará las elecciones parlamentarias en india, las cuales empezarán en unas cuantas semanas desde ahora.
उशाहिदी इंजिन पर आधारित, जनता के सहयोग से प्रचालित, चुनावों पर नज़र रखने का एक मंच वोट रिपोर्ट इंडिया बनाया गया है जो भारत में होने जा रहे आम चुनावों पर नज़र रखेगा।
(risas) pero la cuestión es que cuando pongo ese ejemplo, no se trata de que esté hablando de la india, no es propaganda. porque al final, ese resultado electoral no tiene nada que ver con el resto del mundo.
(हंसी) लेकिन, मुद्दा यह है की जब लोग इस उदहारण की बात करते है, वे सिर्फ भारत के बारे में बात नहीं करते है, यह कोई मुद्दा नहीं है. क्योकि अंत में, उस चुनाव के परिणाम से दुनिया को कोई फर्क नहीं पड़ता. भारत स्वयं भारत ही बन रहा था. और अंत में, जैसा की मैं देख रहा हु, यह एक मुद्दे से ज्यादा बेहतर ही काम करता है. सरकार कहानिया सुननाने में अव्वल नहीं है. लेकिन, लोग समाज को उसी नज़र से देखते है जो की वह समाज है, और यह, जैसा की मैं सोचता हु, अंत में, अंतर लाएगा, आज के इस सूचना के युग में, इस "टेड" युग में. तो भारत अब, जाती, धर्म और भाषा के राष्ट्रवाद से परे है, क्योकि हमारे यहाँ सभी जातिया, जो की मानव को ज्ञात है, है, वास्तव में, हमारे यहाँ वे सभी धर्म है जो जो की मानव को ज्ञात है, शिन्तो धर्म को छोड़ कर. यद्यपि उसमे में कही हिन्दू तत्त्व है. हमारे संविधान में २३ अधिकारिक भाषाओ को मान्यता प्राप्त है. और जिन लोगो ने यहाँ अपने पैसे दिए है, वे यह जान कर आश्चर्यचकित हो जायेंगे यह देख कर की, एक रूपए के नोट पर कितनी भाषाओ से उसका मूल्य लिखा गया है. हमारे पास यह सब कुछ है. हमारी भोगोलिक स्तिथि भी एक भांति की नहीं है. क्योकि यहाँ उपमहाद्वीप का प्राकृतिक भूगोल, पहाड़ो और समुद्र से तराशा हुआ, खंडित कर दिया गया, १९४७ के पाकिस्तान के बंटवारे की वजह से. वास्तविकता में, आप इस देश का नाम भी सिर्फ बोलने के इए नहीं बोल सकते. क्योकि यह नाम "इंडिया", इंडस नदी से लिया गया है, जोकि अब पाकिस्तान से होकर गुज़रती है. लेकिन पूरा मुद्दा यह है की भारत एक कल्पना का राष्ट्रवाद है. यह एक कल्पना है सदा-सर्वदा-भूमि की, एक प्राचीन सभ्यता से उभरती हुई, इतिहास के योगदान से संगठित हुई वि, और इन सबसे ऊपर, बहुवाद लोकतंत्र से निरंतर स्थिर बनी रही. यह एक इक्कीसवी सदी की कहानी है, और एक प्राचीन कहानी भी हैं. और यह उस कल्पना का राष्ट्रीयकरण है जो कहता है की आप भिन्न भिन्न प्रकार की जाती, पंथ, रंग, संस्कृति, खान-पान, प्रथा एवं पहनावे को मानते है, औए फिर भी एक आम सहमति बना लेते है. और यह सहमती एक बहुत ही सरल सिद्धांत पर है, की भारत जैसे इस अनेकता के लोकतंत्र में आपको हमेशा एक ही बात पर सहमती नहीं बनानी पड़ती, जब तक आप उस नियम कायदे क़ानून मानते रहे की आप कैसे असहमति जताते है. यह भारत की सफलता की कहानी है, एक देश जिसके बारे में पंडित विद्वानों और पत्रकारों ने यह सोच लिया था की वह खंडित हो जायेगा, ५० व ६० के दशक में, लेकिन इन्होने इस बात पर सहमती बना ली की असहमति में भी कैसे जिया जाये. अब यही वो भारत है जो इक्कीसवी सदी में उभर रहा है. और मैं यही कहना छह रहा था की, अगर भारत के बारे में कुछ उल्लासपूर्ण hai, तो वह ना तो सेन्य शक्ति है, न ही आर्थिक ताकत. और वो जो कुछ भी आवश्यक है, लेकिन हमारे पास अभी भी बहुत सारी समस्याएं है सुलझाने के लिए. किसी ने कहा था की हम अति दरिद्र है और अति शक्तिशाली भी. हम वास्तव में ये दोनों साथ में नहीं हो सकते. हमे अपनी दरिद्रता को हराना है. हमे अभी समाधान करने है विकास के हार्डवेयर का, बंदरगाहों का, सडकों का, हवाईअड्डो का, और सभी बुनियादी ढांचों एवं सुविधायों का, और विकास के सोफ्टवेयर का, मानव संसाधन का,एक आम आदमी की जरूरत का की वह दो वक्त की रोटी खा सके, अपने बच्चो को भेज सके एक अच्छे विद्यालय में, और एक ऐसी नौकरी की khwaish जो उन्हें जिंदगी में ऐसे अवसर दे सके की वे अपने आप को परिवर्तित कर सकें. लेकिन, यह सब हो रहा है, यह एक महान रोमांचक यात्रा है इन सभी चुनौतियों पर काबू पाने की, उन वास्तविक चुनौतियों पर जिनका हम सभी दिखावा करते है की वे हैं ही नहीं. लेकिन, ये सब एक खुले समाज में हो रहा है, एक संपन्न और विविध और अनेकाताओ से भरी सभ्यता में, उसमे जिसने ढृढ़ निश्चय कर लिया है स्वतन्त्र होने का और लोगो की रचनात्मक बल को पूरा करने का. और इसलिए भारत 'टेड'(ted) में है, और इसीलिए 'टेड'(ted) भारत में है. बहुत बहुत धन्यवाद.