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it's true brother but why are you think so deep

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英语

印地语

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英语

why are you think like this?

印地语

आपको ऐसा क्यों लगता है

最后更新: 2022-04-23
使用频率: 1
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英语

but why are you hog

印地语

but y ka matlab kya hoga

最后更新: 2017-09-11
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英语

naught paglu but why are you so sweet

印地语

tumhe sach m pyar ho gya tha

最后更新: 2023-03-26
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英语

but why are you afraid?

印地语

aap dar kyun rahe ho

最后更新: 2023-06-07
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英语

but why are you sitting here ?

印地语

लेकिन आप यहाँ क्यों बैठी हुई हैं ?

最后更新: 2020-05-24
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英语

but why are you thinking i can't understand ?

印地语

मुझे हिंदी में बोलना पसंद है

最后更新: 2024-01-21
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英语

one time a guy was kidding on me why are you so deep so i saidto him

印地语

एक बार एक आदमी मुझ पर मजाक कर रहा था कि तुम इतने गहरे क्यों हो?

最后更新: 2020-07-19
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英语

i got the number but why are you giving me silent treatment it's very hard to understand you

印地语

मुझे नंबर मिल गया लेकिन

最后更新: 2024-06-01
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英语

at that point, the ahamkar feels so much aaghat. [we feel] "i really don't know, but why are you hurting me?" that arises within.

印地语

"मुझे सच में नहीं आता, पर आप मुझे चोट क्यों पहुँचा रहे हो?" अंदर ऐसा लगता है अब यह "मुझे नहीं आता" और "मुझे आता है", वह अहंकार है भोगवटा किसे आ रहा है? अहंकार को आ रहा है अब हमें अहंकार को अलग रखना पड़ेगा कि तुझे भोगवटा आ रहा है हिसाब पूरा हो रहा है जब तक यह समझ में नहीं आता तब तक तप करते रहना है दादा-दादा करो या "दादा भगवान के असीम जय-जयकार हो" बोलो दादा मुझे शक्ति दीजिए, दादा मुझे शक्ति दीजिए अलग रखने की शक्ति दीजिए तप करने की शक्ति दीजिए यह अहंकार जल रहा है और कितनी बार ऐसा भी देखा है कि चार दिनों बाद ऑटोमैटिकली दूसरी चीज़ों में व्यस्त हो जाता है तो अंदर जो भोगवटा आ रहा था वह खत्म हो जाता है बंद भी हो जाता है यानी परमाणुओं का हिसाब है भुगतने का चौबीस घंटे, अड़तालीस घंटे या दो सौ घंटे के लिए भुगतते-भुगतते... लकड़ी जलने लगी है तो जलते-जलते पूरी हो जाएगी लेकिन तब तक डिस्चार्ज अहंकार का भोगवटा खत्म होने तक हमें उसे जुदा रखना है और यदि हमारी बुद्धि खड़ी हो कि "यह कैसा व्यक्ति है, मुझे ऐसा बोल गया" तो वहाँ हमें शुद्ध देखना है कि "हे शुद्धात्मा भगवान आप अलग हो, यह चंदू अलग है यह मंगलदास अलग है, मंगलदास ने चंदू को दुःख दिया है उसमें पूर्व का हिसाब होना चाहिए, इसलिए ऐसा हुआ है जब माइनस थ्री और प्लस थ्री मिलते हैं तब स्पार्क हो जाता है वैसे ही हमें भी स्पार्क होकर भोगवटा आया है अपने ही कॉज़ेज़ की इफेक्ट, उसके निमित्त से आई है और हमें आई है यानी हमारा हिसाब आया है इसलिए तप करते रहो और बुद्धि दिखाए कि "इसने ऐसा क्यों किया?" तब उसे कहना है कि "उसने नहीं किया, शुद्धात्मा अलग है" किस तरह अलग है? भरा हुआ माल किस तरह अलग है? उसकी सेटिंग करते-करते उसे निर्दोष देखना है सामनेवाले को ज़रा भी दोषित देखने का स्पंदन भी खड़ा नहीं होने देना है उससे क्या होगा कि हमारा एक भाग तो साफ हो गया बाकी बचा अंदर का, अंदर का समाधान अभी मिल नहीं रहा है तो दादा की वाणी में से मेरे पास तो यही एक आधार था दादा की वाणी के पृष्ठ पलटते-पलटते एकाध चाबी ऐसी मिल जाती कि ज्ञान सेट हो जाता सुलगता कोयला जब तक राख न हो जाए तब तक उसे अलग रखना है यह तप है तप अभी अगर उसे मान मिले न तो चोट ठीक हो जाती है सामनेवाला आकर समाधान कर ले तो ठीक हो जाता है ठीक हो जाए तो भी अभी अहंकार तो है ही इसलिए सुलगते हुए हिस्से को अगर तप से खाली कर दें वह दो-चार महीने में भी खाली होगा न तो हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा तब तक हमें ज्ञान की नई चाबियाँ सेट करते रहनी हैं कि अहंकार का विलय कैसे करें? यह सिर्फ नासमझी ही है कि "मुझे उसने ऐसा क्यों कहा?" इसलिए मैंने तो लिखा था लिस्ट बनाई थी पचास प्रकार की लिस्ट मुझे क्यों कहा? हर बार क्यों ऐसा ही करता है? मैंने क्या गलती की है? हमेशा मुझ पर ही क्यों दोष लगाता है? "तू किस प्रकार का है, ऐसा मुझे क्यों कहा?" तो हर बार "मुझे" और "किसे?" यानी एक्ज़ेक्ट निश्चय ज्ञान से ही इसको तोड़ते-तोड़ते-तोड़ते जब अंतिम रोंग बिलीफ छूट जाती है तब दुःख परिणाम का अंत आ जाता है तब आनंद और मुक्तता और वह जो खेत तुमने जोता होमवर्क करते-करते... तो फिर भविष्य में, यह जो ज़ख्म दिया था मान लो अस्सी डिग्री का ज़ख्म दिया हो तो अस्सी डिग्री से नीचेवाले सारे अहंकार को ज्ञान से विलय करने की शक्ति प्रकट हो गई फिर जब बड़े ज़ख्म मिलेंगे तब फिर से नई सेटिंग (ज्ञान की) करनी पड़ेगी लेकिन शक्ति इतनी बढ़ जाती है कि फिर ऐसे ज़ख्मों को झेलने की शक्ति, सॉल्यूशन लाने की शक्ति बढ़ जाती है लेकिन वह सॉल्यूशन अगर अस्सी रोंग बिलीफ हैं तो एक-एक को सॉल्व करते जाओ धीरे-धीरे, धीरे-धीरे इसका सॉल्यूशन मुझे ऐसे मिला था कि अगर सामनेवाला चोट पहुँचाए तो "किसे चोट पहुँचा रहा है?" और "मैं कौन हूँ" और "कौन कर रहा है" और "वह कौन है" यह हमारा निश्चय ज्ञान ही है और "निजदोष दर्शन" किताब में इतनी चाबियाँ हैं अपनी ये सभी सत्संग की बातें छठवीं आप्तवाणी में बहुत सी चाबियाँ है फिर "प्रतिक्रमण" की किताब में भी बहुत सारी चाबियाँ हैं और ज़्यादा नहीं मान, अपमान और अहंकार इनके लिए दादा की वाणी में बहुत सी चाबियाँ हैं निश्चय की डायरेक्ट चाबी का ही मैं उपयोग करता रहता था और यह भोगवटा किसे आ रहा है

最后更新: 2019-07-06
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英语

[we casually have an opinion] "this man does not have any hair on his head"; " he looks so young and his hair is gone." "and his is gray [hair]?" but why are you so concerned?

印地语

यों ही किसी को देखकर कहेगा, इस भाई के सिर पर तो बाल ही नहीं है इतनी छोटी उम्र के लगते हैं और बाल झड़ गए इनके तो सफेद हैं अरे! तुझे क्या काम है? तुझे कोई हज़ामत की दुकान खोलनी है कि मेरा एक ग्राहक कम हो जाएगा लेकिन फिर भी चित्रण करता रहता है ऐसे जहाँ-जहाँ नज़र पड़ती है न वहाँ-वहाँ पर्याय उत्पन्न हो जाते हैं आप पहचानों तो सही और उसके दो हिस्से करेंगे जो किसी को नुकसानदेह नहीं हो उसका ज्ञाता-दृष्टा रहकर निकाल (निपटारा) करेंगे और जो किसी को नुकसानदेह हो उनके प्रतिक्रमण करवाएँगे जैसे कि कोई कहेगा इस हॉल में यह गलत है यह पिलर थोड़ा पीछे बनाना चाहिए था थोड़ा आगे की ओर है इसीलिए कई लोग देख नहीं पाते अरे! अब जैसा भी है जितने लोग बैठे हैं उन्हें तो लाभ लेने दे फिर भी कहेगा यह पिलर गलत जगह पर है ये लोग जो बैठे हैं न वे इस तरफ बैठेंगे तो ज़्यादा अच्छा रहेगा यह यों ही जगह रोक रहा है व्यर्थ में कैमरा में देखता ही रहता है और फिर अंदर चित्रण करता ही रहता है दादा ने मुझसे कहा था कि, "क्या तुम्हें ग्रीनरी और पहाड़ ये सब देखना अच्छा लगता है?" मैंने कहा दादा आँखों को तो ये सब अच्छा ही लगेगा न फिर उन्होंने कहा कि बाहर का देखना अच्छा लगता है न, उसे शुद्धात्मा पद चूक गए कहते हैं ये तो बाहर देखना अच्छा लगता है और यहाँ तो हम बाहर देखकर गलतियाँ निकालते हैं तो हम शुद्धात्मा पद कितना चूक जाते होंगे? फिर कहने लगे तुझे यह स्त्री दिखती है? तो मैंने कहा "हाँ" तो कहने लगे, फिर तो आत्मा चूक गए वह शुद्धात्मा है तुझे स्त्री दिखती है हमें शुद्धात्मा दिखता है हमें तो ऐसा दिखता है कि भोजनालय में पूरण हो रहा है शौचालय में गलन हो रहा है और शुद्धात्मा सब का ज्ञाता-दृष्टा है इसके अलावा हमें कोई विशेषता नहीं लगती कि यह कितना अच्छा है यह कितना खराब है, ऐसा नहीं लगता और आपको अगर ऐसा लगता है तो आपकी बुद्धि वर्क कर रही है और अगर बुद्धि है तो आपको उसका निकाल करना पड़ेगा कि तुझे जो दिखता है वह पुद्गल (जो पूरण और गलन होता है) की अवस्था है इसमें कुछ विशेषता नहीं है इसमें स्तंभित (आश्चर्य चकित) होने जैसा कुछ भी नहीं है उससे प्रभावित नहीं हो जाना है उसकी छाया भी नहीं पड़ने देनी है उसे शुद्धात्मा देखो और पौद्गलिक रचना देखो विशेषतः देखने जैसा नहीं है आज कितनी अच्छी मिठाईयाँ बनाई थी मैंने देखा कि कई टोकरे भर के मिठाईयाँ आई इसमें इतना आश्चर्य चकित होने की क्या बात है?

最后更新: 2019-07-06
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