Versucht aus den Beispielen menschlicher Übersetzungen das Übersetzen zu lernen.
von: Maschinelle Übersetzung
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vale will speak in hindi
sex ko hindi me kya bolenge
Letzte Aktualisierung: 2018-04-25
Nutzungshäufigkeit: 3
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i will speak to you in hindi from now on
i will speak to you in hindi from now on
Letzte Aktualisierung: 2023-11-07
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here after we will speak in hindi
यहाँ बाद में हम हिंदी में बोलेंगे
Letzte Aktualisierung: 2020-08-24
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hereafter i will speak in english
i will speak in english (मैं अंग्रेजी में बात करूँगा)
Letzte Aktualisierung: 2022-03-29
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repost if u are against rape i see who view this if u don't repost i will lose all respect for u translate in hindi
अगर आप बलात्कार के खिलाफ हैं, तो रेपोस्ट
Letzte Aktualisierung: 2021-04-06
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"my soul is weary of my life. i will give free course to my complaint. i will speak in the bitterness of my soul.
मेरा प्राण जीवित रहने से उकताता है; मैं स्वतंत्राता पूर्वक कुड़कुड़ाऊंगा; और मैं अपने मन की कड़वाहट के मारे बातें करूंगा।
Letzte Aktualisierung: 2019-08-09
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"therefore i will not keep silent. i will speak in the anguish of my spirit. i will complain in the bitterness of my soul.
इसलिये मैं अपना मुंह बन्द न रखूंगा; अपने मन का खेद खोलकर कहूंगा; और अपने जीव की कड़ुवाहट के कारण कुड़कुड़ाता रहूंगा।
Letzte Aktualisierung: 2019-08-09
Nutzungshäufigkeit: 1
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therefore i will not refrain my mouth; i will speak in the anguish of my spirit; i will complain in the bitterness of my soul.
इसलिये मैं अपना मुंह बन्द न रखूंगा; अपने मन का खेद खोलकर कहूंगा; और अपने जीव की कड़ुवाहट के कारण कुड़कुड़ाता रहूंगा।
Letzte Aktualisierung: 2019-08-09
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(lakshmi pratury)this session is going to be a little different because, mansukhbhai wants to speak in hindi. so, we're going to have a little conversation. and i will do the best to translate it.
लक्ष्मी प्रतूरी: ये सेशन थोड़ा अलग होगा क्योंकि मनसुखभाई हिंदी में बोलना चाहते हैं तो हम थोड़ा बातचीत करेंगे और मै ट्रांसलेट करने की पूरी कोशिश करूंगी. पर बात ये है, की हम चाहते है की आप अलग भाषा सुनें और समझे की वो क्या बोल रहे हैं उनके बोन के अंदाज़ से थोड़ा मनसुखभाई के बारे में , की इनका परिवार कुम्हारों का परिवार है ये मिटटी के बर्तन बनाया करते थे इनका पूरा परिवार साथ में काम करता था और लगभक 100 मिटटी के तवे प्रति माह बनाते थे पर वो इस व्यापार में रहना नहीं चाहते थे तो इनके पिताजी ने इन्हें चाय की दूकान खोलने दी पर तब इन्होंने शादी करने का फैसला किया इनके ससुर जी इस बात से खुश नहीं थे आप चाय की दूकान चलाते थे ना? वो अपनी बेटी की शादी नहीं कराना चाहते थे जिसकी चाय की दूकान हो तो इन्होंने व्यवसायी बनने का फैसला किया और एक मिटटी की चीज़ों की फैक्ट्री शुरू की (मानसुखभाई को) मेरी हिंदी अछि नहीं है,तो मानसुखभाई आप बताइये आप मिटटी से क्या क्या करते थे? मेरे पिताजी बर्तन बनाते थे मिटटी से ये जो हम प्रोडक्ट करना चाहते थे वो कुछ नया इनोवेशन करना चाहते थे क्योंकि हमारे पूर्वज जो मिटटी से काम करते थे एक दिन में सौ तवा बनाते थे और मैंने एक, मेरे दिमाग से एक ऐसा मशीन बनाया की एक दिन में 600 से ज़्यादा तवा बनने लगे तो हमारे जो पूर्वज थे वो ये काम छोड़ने लग गए थे क्योंकि मिटटी के बर्तन में कुछ मिलता नहीं था हम जो मेहनत करते थे इतना पैसा नहीं मिलता था तो हमारे जो पूर्वज ,जो काम करने वाले कुम्हार लोग हैं जो काम छोड़ने लगे थे वो वापस हमारे बिज़नस में आ गए और इसके अलावा, हम जो मिटटी का मटका बनाते थे ये मटका में कुछ नया डिजाईन किया मैंने लक्ष्मी ): तो ये कह रहे हैं,इन्होंने मशीन बनाई जिससे 100 प्रति माह ही नहीं 600 तवा प्रति दिन बनते थे तो बहुत सारे लोग ये मशीन खरीदना चाहते थे तो इन्होंने इसका आविष्कार किया भारत में ये रिवाज है पानी को ठंढा रखने के लिए मटके में रखने का पर ये आम भूर मटका है पर इन्होंने कुछ डिज़ाइन्ज़ बनाए और नए मटके बनाए नए डिज़ाइन्ज़ (मनुखभाई को): तो इसके बारे में बोलिये जो मटके हम बनाते थे लेकिन इसमें नार्मल पानी बस हम भर सकते थे तो मैंने सोचा की बड़े लोग होते हैं,पैसे वाले लोग होते हैं वो तो, पानी फ़िल्टर वाला पी सकते हैं लेकिन ग़रीब लोग होते हैं इनके लिए फ़िल्टर वाला पानी कैसे उन्हें मिलेगा तो मैंने इसमें ०.९ माइक्रोन वाला अपने हाथ से मिटटी वाला कैंडल बनाया और इसमें से पानी फ़िल्टर होके साफ़ पानी आने लगे जो बैक्टीरिया हमारे हेल्थ को जितनी ज़रुरत है उतना मिलता है इसमें और जो नहीं ज़रुरत है वो बड़ा बैक्टीरिया १ माइक्रोन से बड़ा बैक्टीरिया सब निकल जाता है लक्ष्मी: तो इन्होंने कहा पैसे वालों के पास वाटर फ़िल्टर होते हैं तो इन्होंने मिटटी से वाटर फ़िल्टर बनाया और इन्होंने कहा की 0.9 माइक्रोन तकनीक इस्तेमाल किया गया ताकि जितने बैक्टीरिया हमारे लिए ठीक हैं वो आ जाए ताकि हम कुछ ज़्यादा ही ना हो जाएं, स्वस्थ पर ये इनके लिए अच्छा है और ये इन्हें स्वस्थ रखता है क्योंकि ज़रूरी बैक्टीरिया आ रहे हैं और इन्होंने ये फ़िल्टर बनाया की सारे लोग खरीद पाएं मनसुखभाई:तो इसमें क्या होता है पानी ठंडा भी मिलता है मिटटी की वजह से तो पाचन शक्ति में प्रॉब्लम होता है और हेल्थ को कोई, ज़्यादा ठंडा होता है तो पाचन शक्ति में प्रॉब्लम होता है मिटटी के बर्तन में जो पानी होता है वो हेल्थ के लिए और हमको पीने में , बहुत आसानी से पि सकते हैं (मानसुखभाई को) तो ये क्या है?हमें बताइये मानसुखभाई : हम जो बर्तन बनाते थे मटका बनाते थे वो 2001 में जब गुजरात में भूकंप आया तो भूकंप के वजह से सारे मटके टूट गए तो हमारे आस पास के लोकल अखबारों वालों ने लिखा की ग़रीबों का फ्रिज टूट गया तो मेरे दिमाग में आया की मटका जो गरीबो का फ्रिज होता है तो ग़रीबों का भी कुछ स्वप्न होता है की हमारे घर में अगर फ्रिज हो तो बहुत अच्छा है लेकिन फ्रिज लेने का पैसा उनके पास नहीं होता है अगर फ्रिज भी ले लिया तो बिजली का बिल भरने का पैसा नहीं होता है तो मैंने ग़रीबों का स्वप्न पूरा करने के लिए मिटटी का फ्रिज बनाने का सोचा हाँ, तो (तालियां) तो 2001 में जब गुजरात में भूचाल आया सारे मिटटी के मटके टूट गाएं और सब ये बोलने लगे की गरीबों का फ्रिज टूट गया तो इन्होंने सोचा की इन्हें सचमुच फ्रिज बनाना चाहिए गरीबों के लिए इसी लिए इन्होंने उसे मिटटी से बनाया जो चीज़ों को ताज़ा रखे गरीबों के लिए अगर कोई फ्रिज खरीद भी ले तो बिजली में बहुत पैसे जाएंगे इसी लिए इन्होंने उसे मिटटी से बनाया जो चीज़ों को ताज़ा रखे और आपको बिजली के पैसे भी नहीं देने होंगे मानसुखभाई:इसमे ऊपर के हिस्से में पानी आता है, पिने के लिए १० लीटर ,और अंदर ५-७ दिन सब्ज़ियां और फ्रूट बिगड़ते नहीं हैं और इसमें कोई बिजली की ज़रूरत नहीं है मेंटेनन्स की ज़रुरत नहीं है इसके अंदर जो सब्ज़ियां और फ्रूट रहते हैं, वो हमको जितनी ज़रूरत है जैसे हम काट के इसको कुकर में डालेंगे तो ये ज़्यादा कूलिंग के वजह से वो थोड़ा टाइम लगता है लेकिन ये फ्रिज के अंदर से निकाल के वो जो हम सब्ज़ी बनाते हैं,कुछ भी खाने के लिए जैसे फ्रूट हम खाते हैं तो इसका टेस्ट ओरिजिनल मिलता है लक्ष्मी:तो फ्रिज चीज़ों को बराबर ठंडा रखता है और स्वाद नहीं खोता आप बहुत बार फ्रिज में चीज़े डालते हैं तो वो स्वाद खो जाता है और इसके ऊपर पानी है आपको इससे ठंडा पानी मिलेगा और इसमें फल और सब्ज़ियां भी रखते हैं जो बराबर ठंडा रहे, 5-7 दिनों तक चले (मनसुखभाई को)तो, आपने इसके बाद क्या किया? मानसुखभाई: इसके बाद, हम नार्मल तावा बनाते थे इसके ऊपर नॉन-स्टिक कोटिंग लगा दिया और छोटे लोगों की ज़रुरत पूरी हो गई, की हमारे घर में नॉन-स्टिक तावा है ये मैंने जब २००५ में स्टार्ट किया तपो सिर्फ २५ रुपीस में स्टार्ट किया था , अभी इसके ऊपर मैंने हैंडल लगा दिया नया इनोवेशन किया तो हम ५०-१०० रूपए में अभी बेच रहे हैं लक्ष्मी: तो इन्होंने मुझे बताया कल जब हम बातें कर रहे थे की इनकी बीवी ने इनसे नॉन-स्टिक पैन लाने को कहा तो ये दूकान में गए खरीदने तो वो ४५० रूपए का था तो उन्हें वो बहुत महंगा लगा तो इन्होंने जाकर सीख नॉन-स्टिक कोटिंग कैसे करते हैं तो इन्होंने मिटटी का तअवा जो उनके पास था उसपर नॉन-स्टिक काटिंगकर दिया और 450 के बजाय उसे 25 रुपये में बेचने लगे अब उसपर हैंडल वग़ैरा लगा कर उसे 100 रुपये में बेचते हैं.
Letzte Aktualisierung: 2019-07-06
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hindi
Letzte Aktualisierung: 2020-04-01
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