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essay on summer afternoon
गर्मियों की दोपहर का निबंध
Last Update: 2019-10-31
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the guy was actually on duty .
कि वो शख़्स दरअसल ड्युटि पर था .
Last Update: 2020-05-24
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an essay on summer vacations
garmiyon ki chuttiyan essay
Last Update: 2016-08-03
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actually, on his protection detail.
अपनी ही सुरक्षा में।
Last Update: 2017-10-12
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essay on summer afternoon in hindi
essay on summer afternoon in gujarati language
Last Update: 2017-09-19
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30 days diary entry on summer holidays
गर्मी की छुट्टियों पर 30 दिन की डायरी प्रविष्टि
Last Update: 2023-07-16
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some are actually on the brink of extinction .
कुछ तो प्रलुप्त होने के कगार पर हैँ ।
Last Update: 2020-05-24
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essay on summer afternoon in hindi language
हिन्दी भाषा में गर्मी की दोपहर पर निबंध
Last Update: 2016-10-23
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marathi essay on summer vacation marathi language
गर्मी की छुट्टी पर मराठी निबंध, मराठी भाषा
Last Update: 2018-04-17
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marathi essay on summer vacation enjoy in writing
गर्मी की छुट्टी पर मराठी निबंध लेखन में आनंद आता है
Last Update: 2020-03-05
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this time he was actually on his way to kashmir on a holiday .
इस बार वे छुट्टी मनाने के लिए कश्मीर जा रहे थे ।
Last Update: 2020-05-24
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your skin produces vitamin d in sunlight , therefore sit for some time in the sun on summer days ; it does not matter if your body is covered except hands face and cervical region .
थोड़े समय वाले परन्तु नियमित अनावरण भी सहायता कर सकते हैं ।
Last Update: 2020-05-24
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his first important poem of the new type bapani pipar on the pippal tree , composed in 1845 , forming a part of a long descriptive poem on summer , was a literary innovation that did not easily fit in with anything previously done in gujarati poetry .
नई शैली में उनकी पहली कविता बापनी पीपर १८४५ में लिखी ऐसी रचना थी जो गुजराती काव्य में अनूठी थी ; ग्रीष्म पर एक लंबी कविता का अंश पीपल के वृक्ष को केंद्र में रखता है ।
Last Update: 2020-05-24
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right, well, i'm actually on my way to another meeting right now so if you want to fix up an appointment with sarah, we'll discuss this another time, okay?
-दरअसल मैं... मीटिंग के लिए जा रहा हूं... यदि आप चाहते हैं तो सारा से अपॉइंटमेंट ले लें...
Last Update: 2017-10-12
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we may note incidentally that while the latter is a lyric of joy , it is also - an example of grim dramatic ironywhile the song is celebrating aswatthaman ' s supposed decision to live , he is actually on his way to death !
प्रसंगवश हम यह भी देखें कि उक्त दूसरा गीत आनंद के बारे में है , पर उसमें गहरी नाटकीय विडंबना भी छिपी हैगीत में अश्वत्थामा के जीवित रहने के कथित निर्णय पर आनंद मनाया जा रहा है , जबकि वास्तव में वह मृत्यु के पथ पर है ।
Last Update: 2020-05-24
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for me they normally happen, these career crises, often, actually, on a sunday evening, just as the sun is starting to set, and the gap between my hopes for myself and the reality of my life starts to diverge so painfully that i normally end up weeping into a pillow. i'm mentioning all this -- i'm mentioning all this because i think this is not merely a personal problem; you may think i'm wrong in this, but i think we live in an age when our lives are regularly punctuated by career crises, by moments when what we thought we knew -- about our lives, about our careers -- comes into contact with a threatening sort of reality.
मेरे अनुसार ये चीजे सामान्य रूप से होती हैं.. जिन्हें हम करियर संकट कह सकते हैं और ये ज्यादातर,वास्तव में , रविवार के शाम से ठीक सूर्य अस्त के शुरूआत के समय हॊते है , और मेरी खुद के लिए मेरी उम्मीदों का अंतर , और मेरे जीवन की सच्चाई ऐसे दर्दनाक तरीके से बिखरने लगती है कि मैं अंत मे तकिया ले कर रो पड़ता हूँ । मैं इस सब का उल्लेख कर रहा हूँ , इस सब का उल्लेख कर रहा हूँ, क्योकि मुझे लगता है कि यह महज एक व्यक्तिगत समस्या नहीं है । . आप सोच सकते है की मैं इस बारे में गलत हूँ, लेकिन मुझे लगता है कि हम एक ऐसे युग मे रहते है जहाँ हमारा जीवन नियिमत रूप से, कैरियर संकट से घिरा रहता है कितने पल जब हम सोचते थे की हम जानते हैं हमारे जीवन के बारे मे .... अपने कैरियर के बारे मे एक भयावह कर देने वाली सच्चाई हमारे सामने आ जाती है! जबकि अगर देखा जाये तो पहले की तुलना में एक अच्छा जीवन पाना आज शायद ज्यादा आसान है। लेकिन ये पहले की तुलना में शायद कहीं ज्यादा मुश्किल है की हम, की हम शांत रह पायें और करियर की चिंताओं से खुद को मुक्त रख सकें मैं देखना चाहता हूँ, अगर मैं कर सकता हूँ तो.. कि वो कौनसे कारण हैं , जिनकी वजह से हम अपने करियर (व्यवसाय) में चिंताएं महसूस कर रहे हैं । हम इन कैरियर संकटों के शिकार क्यों हो सकते है, जबकि हम धीरे से तकिये में सर रख कर रो रहे हों... हमारे दुखों के कारणों मे से एक हो सकता है कि.. हम मिथ्याभिमानी (झूठा अभिमान करने वाले) लोगों से घिरे हैं । अब...., एक तरह से, मेरे पास कुछ बुरी खबर है.. मुख्य रूप से उसके लिए जो बाहर से ऑक्सफोर्ड आ रहा है, वहां पर लोगो को कम आंकना एक मुख्य समस्या है क्योकि ब्रिटेन से बाहर के लोग कभी कभी.. कल्पना करते है कि दंभ मुख्य तौर पे ब्रिटेन में होने वाली एक घटना है जो कि वहां के घरों और खिताबों पर छपी हुयी हैं बुरी खबर यह है कि ये सच नहीं है दंभ एक वैश्विक घटना है _bar_ हम एक वैश्विक संगठन हैं _bar_ यह एक वैश्विक घटना है. यह मौजूद है _bar_ एक मिथ्याभिमानी (झूठा अभिमानी ) क्या है? एक मिथ्याभिमानी वो है जो आपका एक छोटा सा हिस्सा लेता है और उसका प्रयोग करके आपकी पूरी छवि बना लेता है ये दंभ है और दंभ का प्रमुख प्रकार जो आज कल मौजूद है , नौकरी की दंभ है किसी भी पार्टी में आप इससे कुछ ही पलों में रूबरू हो जाते हैं जब आपसे वो मशहूर और एकलौता प्रश्न पुछा जाता है २१वी सदी कि शुरुवात का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न.."आप क्या करते हैं?" और आप इस प्रश्न का किस प्रकार से उत्तर देते हैं उसी अनुसार लोग या तो आप को देख कर अविश्वनीय रूप से खुश होते हैं या फिर अपनी घडी में देख कर कुछ बहाना बनाना शुरू कर देते हैं.. (हँसी) अब एक घमंडी/मिथ्याभिमानी का विपरीत है, आपकी माँ (हँसी) जरुरी नहीं है कि आप कि और कहने को मेरी माँ हो.. बल्कि यहाँ हम एक आदर्श माँ कि कल्पना कर रहे हैं कोई ऐसा जो आपकी उपलब्धियों के बारे में कोई परवाह नहीं करता लेकिन दुर्भाग्यवश , हर कोई इस दुनिया में माँ जैसा नहीं होता ज्यादातर लोग एक खास सहसंबंध बनाते है की कितना समय और यदि आपको पसंद हो , प्यार ,.. प्रसंगयुक्त प्यार नहीं, हालाँकि वह कुछ भी हो सकता है लेकिन सामान्य रूप से प्यार , आदर जो कि वो लोग हमें खुद से दे सकते हैं, उसकी कड़ी परिभाषा हमारी सामाजिक स्तर से निर्धारित होगी _bar_ और यही एक सबसे बड़ा कारण है जिसकी वजह से हम अपने करियर के बारे में इतना अधिक सोचते हैं और वास्तव में भौतिक वस्तुओं का इतना ज्यादा ख्याल रखने लगते हैं आपको मालूम है , हमें अक्सर कहा जाता है की हम भौतिक समय में रह रहे हैं जहाँ हम सब कि सब लालची हैं पर मैं ऐसा नहीं सोचता कि हम सभी भौतिकवादी हैं, बल्कि मुझे ऐसा लगता है कि हम एक ऐसे समाज में रहते हैं जहाँ हमने अपने आप को कुछ ऐसे भावनात्मक सुखों से जोड़ रखा है जिसे आप भौतिक वस्तुओं का संग्रह बोल सकते हैं वास्तविकता में हम ये वस्तुएं नहीं चाहते, बल्कि हम इनके होने से मिलने वाले आदर को चाहते हैं और ये एक नया तरीका है, विलासी (महंगी) वस्तुओं के हमारे पास होने को देखने का तो अगली बार अगर आप किसी को फेर्रारी (एक बहुत महंगी कार) चलाते हुए देखें तो ये न सोचें कि "ये व्यक्ति तो लालची लगता है" बल्कि सोचें "ये वह व्यक्ति है जो कि अंदर से बहुत अकेला है और इसे प्यार कि बहुत ज्यादा जरुरत hai" दुसरे शब्दों में --(हँसी) हमदर्दी रखे , घृणा नहीं . कुछ और कारण भी हैं हँसी कुछ और भी कारण हैं जिसकी वजह से शायद आज ये बहुत मुश्किल है कि पहले कि तुलना में शांत महसूस कर पाना इनमे से एक, देखा जाये तो भ्रमित करने वाला है, क्यूंकि यह कुछ अच्छी चीज के साथ जुड़ा हुआ है और वह है हमारे करियर के लिए हमारी आशाएं इससे पहले कभी ये आशाएं इतनी ऊँची नहीं रहीं कि एक इंसान अपने जीवन कल में क्या क्या पा सकता है हमें कहा जाता है, बहुत सारे स्थानों पर, कि कोई इंसान कुछ भी पा सकता है हम जातिवाद का अंत कर चुके हैं अब हम एक ऐसी सभ्यता में हैं जहाँ कोई भी ऊपर उठ सकता है उस स्थान तक, जिसे वो पसंद करते हैं और यह एक बहुत ही अच्छा विचार है और इसके साथ साथ एक समानता का भाव भी है; हम सब वास्तव में एक समान हैं जहाँ पर कोई भी कड़ाई से लिखा हुआ पदों का क्रम नहीं है पर इसके साथ जुडी हुयी एक बड़ी समस्या भी है और वो समस्या है, ईर्ष्या इर्ष्या , इर्ष्या की चर्चा करना प्रतिबंधित माना जाता है परन्तु अगर आज के समाज में कोई प्रमुख भाव बचा है, तो वो भाव ईर्ष्या का है और यह समानता की भावना से जुड़ा हुआ है , चलिए मैं आपको समझाता हूँ मुझे लगता है कि यह किसी के भी लिए बहुत असामान्य होगा जो यहाँ पर उपस्तिथ है या इसे देख रहा है . इंग्लैंड कि महारानी से इर्शयालु होना हालाँकि वो आप में से किसी कि भी तुलना में बहुत अमीर है. और उनके पास एक बहुत ही बड़ा घर है. हम उनसे ईर्ष्या क्यों नहीं करते है ,इसका कारण है क्योंकि वह बहुत अजीब है. वह बस बहुत अजीब है हम अपने आप को उन से जोड़ कर नहीं देख पाते,वह बहुत अजीब तरीके से बोलती है. वह एक विशिष्ट जगह से आयीं हैं तो हम खुद को उनसे जोड़ कर नहीं देख पाते हैं और जब आप किसी से संबंधित नहीं हो सकते हो, तो आप उन्हें ईर्ष्या नहीं करते हो. जितना लोग करीब होते हैं , उम्र में,प्रष्ठभूमि में, पहचानने की प्रक्रिया में ,वहां पर ईर्ष्या का और अधिक खतरा होता है. संयोग से भी, आप में से किसी को भी,कभी भी,एक स्कूल के छात्रों के पुनर्मिलन के लिए जाना नहीं चाहिए. क्योंकि वहाँ कोई मजबूत सन्दर्भ बिंदु नहीं है. उन लोगो के अलावा जो कि आपके साथ स्कूल में पढ़े थे लेकिन समस्या, आमतौर पर, आधुनिक समाज की है, जो इस पूरी दुनिया को बदल देती है एक स्कूल में, हर कोई जींस पहन रहा है, हर कोई एक सामान है लेकिन फिर भी, वो नहीं हैं तो वहां पर समानता के भाव के साथ एक गहरी असमानता जुडी हुयी है जो एक बहुत ही तनावपूर्ण स्थिति को पैदा कर सकता है आजकल के समय में ये शायद असम्भव है कि कोई उतना ही अमीर और प्रसिद्ध हो पाए जितना कि बिल गेट्स हैं ऐसा १७ वीं सदी में होने कि संभावना नहीं थी. कि आप फ्रेंच अभिजात वर्ग के रेंक को स्वीकार करोगे. लेकिन मुद्दा यह है, कि इसे उस तरह से महसूस नहीं करते हैं इसे पत्रिकाओं और अन्य मीडिया आउटलेट के द्वारा महसूस कराया जाता है, यदि आपके पास ऊर्जा और प्रोधोगिकी के बारे में कुछ उज्जवल विचार हैं , चाहे वो एक गेराज हो, आप भी कुछ बड़ा शुरू कर सकते हैं (हँसी) और इस समस्या के परिणाम स्वरुप खुद को किताबों कि दुकान में महसूस करा रहे हैं जब आप एक बड़ी किताबों वाली दुकान में जाते हो और स्व-सहायता वाले वर्गों को देखते हो, जैसा मैं भी कभी कभी करता हूँ, यदि आप स्व-सहायता वाली उत्पादित कि गयी किताबों का विश्लेषण करते हो आजकी दुनिया में मूलतः दो प्रकार हैं पहला प्रकार आपको बताता है , "आप यह कर सकते हो! आप यह बन सकते हो! कुछ भी संभव है!" दूसरा प्रकार आपको बताता है कि आप कैसे निपट सकते हैं जिसे हम विनम्रता से कह सकते हैं "आत्म-सम्मान की कमी" और अविनम्रता से से बोल सकते हैं "अपने बारे में बहुत बुरा महसूस करना" यहाँ पर एक वास्तविक संबंध है, एक वास्तविक संबंध एक समाज के बीच में जो कि लोगों को बताता है कि वे कुछ भी कर सकते है और साथ में, कम आत्म सम्मान का अस्तित्व. तो यह एक दूसरा तरीका है जिसमें कुछ है जो काफी सकारात्मक है लेकिन जिसके नतीजे काफी ख़राब हो सकते हैं कुछ और कारण हैं जिनकी वजह से हो सकता हैं हम बहुत उद्विघन महसूस कर रहे हों पहले से बहुत ज्यादा , अपने करियर के बारे में, आज कि दुनिया में अपनी स्थिति के बारे में, और यह, फिरसे किसी अच्छी चीज के साथ जुड़ा हुआ है और यह अच्छी चीज है जिसे हम मेरिटॉक्रसी (ऐसी स्तिथि जहाँ बुद्धि को सम्मान दिया जाता है- प्रतिभाशाली) कह सकते हैं सभी लोग, सभी राजनेता बाएँ और दाएँ पर सहमत है कि meritocracy एक बड़ी बात है, और हम सभी को अपने समाज को वास्तव में एक प्रतिभाशाली (meritocratic) समाज बनाने की कोशिश करनी चाहिए. दूसरे शब्दों में, एक "meritocratic" समाज क्या है ? प्रतिभाशाली (meritocratic) समाज वो है जिसमे अगर आपके पास प्रतिभा और ऊर्जा और कौशल है, तो आप बहुत ऊँचाइयों तक जायेंगे, कोई चीज आपको रोक नहीं सकती यह एक सुंदर विचार है. समस्या यह है, अगर आप सच में एक ऐसे समाज में विश्वास करते हो जिसमें अगर किसी में प्रतिभा है, और उसे ऊपर जाना चाहिए, वही ऊपर जाता है उसी तरीके से, आप को उस समाज में भी भरोसा करना चाहिए, हालाँकि ये काफी बुरा लग सकता है जहाँ कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो हमेशा बिलकुल
Last Update: 2019-07-06
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