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(laughter) here we see ylang ylang, the component of many perfumes. i actually smelt someone with some on earlier.
(हँसी) यह है य्लंग य्लंग, कई इत्रों में इस्तेमाल होने वाला. आज किसी ने लगाया भी है. इस पौधे को इतना रंग बिरंगा होने की ज़रुरत नहीं है. यह विलक्षण विस्तार की खुशबुएँ फैला रहा है हर कीड़े के लिए जो सूंघ सकता है. यह वाला इतना अच्छी गंध नहीं देता. यह एक फूल है जो बहुत, बहुत दुर्गन्ध देता है और फिर ऐसे विकसित हुआ है, ताकि या सड़े हुए मांस के जैसे दिखे . तो मक्खिया इसे पसंद करती हैं. यह आती हैं और पुष्प-रेणु फैलाती हैं. यह हेलिकोदिक्रोस है, इससे मृत -घोड़े वाला फूल भी कहते हैं. मुझे पता नहीं, मृत घोड़े की दुर्गन्ध कैसी होती है, मगर इसकी दुर्गन्ध कुछ वैसी ही होती होगी. यह सच में भयंकर है . और यह मक्खी अपने आप को रोक नहीं सकती. वह उड़ कर इसमें पहुँच जाती हैं, और इसमें नीचे तक जाती हैं. इसमें अपने अंडे देती हैं, इसे कोई लाश समझ कर, इससे अनजान कि यहाँ कोई खाना नहीं है अन्डो के लिए, कि अंडे मर जायेंगे, लेकिन पौधे को फायदा हो गया है, क्युंकि बाल खुल गए और मक्खी उड़ गयी दूसरे फूलो में पुष्प-रेणु फैलाने के लिए -- शानदार. यह अरुम है, अरुम मचुलातुम, इसे कहते हैं स्वामी और भद्र-महिला, या फिर कोयल का प्याला ब्रिटेन में. मैंने यह तस्वीर पिछले हफ्ते डोरसेट में ली थी. यह गरम हो जाता है व्यापक तापमान से लगभग १५ डिग्री -- कमाल है. और अगर आप ऊपर से देखेंगे, वहां एक बाँध जैसा है, मक्खियाँ गर्मी से आकर्षित होती है -- जो उबल रहा है रसायनों से, छोटे कीड़े -- इसमें फस जाते हैं. वह यह पराग पीते हैं और फिर वह सब चिपचिपे हो जाते हैं. रात में वह पुष्प-रेणु में लिपट जाते हैं, जो उन पर बरसता है उपर से, और वह बल जो हमने देखे थे, वो लटक जाते है और इन छोटे कीड़ों को बाहर आने देते हैं, पुष्प-रेणु में लिपटे -- शानदार चीज़ . अगर वह शानदार था, तो यह मेरा पसंदीदा है. यह फिलोदेंद्रों सेल्लौम है. अगर आप ब्राजील से हैं, आप इसे जानते होंगे. यह सबसे अद्भुत है . यह कलम जैसी चीज़ एक फूट लम्बी है. और यह कुछ करती है जो कोई दूसरा पौधा नहीं कर सकता जब इसमें फूल खिलता है -- वहां बीच में सूंड है -- करीब २ दिन के लिए, यह इस तरह से पाचन करती है जो कि काफी कुछ स्तन-पायी जानवरों जैसा है. स्टार्च (मादी) की जगह जो पौधों का खाना है यह भूरी वसा (चिकनाई) जैसी एक चीज़े लेती है और उसे ऐसे दर पे जलाती है कि यह वसा जला रही होती है एक छोटी बिल्ली की दर के समान. और यह दो गुणा उर्जा उत्पादन है, वजन के हिसाब से, एक हमिंगबर्ड पक्षी के मुकाबले बिलकुल आश्चर्यजनक . और यह चीज़े कुछ और भी असामान्य करती है. यह अपने आप को ११५ डिग्री फारेनहाईट तक तपा लेती है, ४३-४४ डिग्री सेल्सियस, 2 दिन के लिए, लेकिन यह स्थिर तापमान रखती है. यहाँ एक ताप-विनियमन तंत्र है जो तापमान को स्थिर रखता है. अब यह ऐसा क्यों करता है? आप जानना चाहते होंगे. आप को पता नहीं है, कुछ झींगुर जिन्हें उस तापमान पर संभोग करना बहुत पसंद है वह अन्दर जाते हैं, और शुरू हो जाते हैं.
Last Update: 2019-07-06
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