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swachata abhiyan

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swachata abhiyan gujarati

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gujarati swachata abhiyan

Last Update: 2017-04-05
Usage Frequency: 1
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Gujarati

swachata abhiyan sutro gujarati

English

gujarati swachata abhiyan

Last Update: 2018-02-18
Usage Frequency: 1
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Gujarati

essay on swachata abhiyan in gujrati

English

the essay on swachata abhiyan in gujrati

Last Update: 2017-10-30
Usage Frequency: 1
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Gujarati

swachata અભિયાન

English

swachata abhiyan

Last Update: 2016-08-31
Usage Frequency: 5
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Gujarati

swachata tya prabhuta

English

swachata tya prabhuta

Last Update: 2020-05-20
Usage Frequency: 1
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Gujarati

swachata અભિયાન suvichar

English

swachata abhiyan suvichar

Last Update: 2016-08-04
Usage Frequency: 1
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Gujarati

swachata tya prabhuta નિબંધ

English

स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत सरकार द्वारा देश को स्वच्छता के प्रतीक के रुप में पेश करना है। स्वच्छ भारत का सपना महात्मा गाँधी के द्वारा देखा गया था जिसके संदर्भ में गाँधीजी ने कहा कि, ”स्वच्छता स्वतंत्रता से ज्यादा जरुरी है” उनके अपने समय में वो देश की गरीबी और गंदगी से अच्छे से अवगत थे इसी वजह से उन्होंने अपने सपनों को पाने के लिये कई सारे प्रयास किये, लेकिन सफल नहीं हो सके। जैसा कि उन्होंने स्वच्छ भारत का सपना देखा था, उन्होंने कहा कि निर्मलता और स्वच्छता दोनों ही स्वस्थ और शांतिपूर्ण जीवन का अनिवार्य भाग है। लेकिन दुर्भाग्य से भारत आजादी के 67 साल बाद भी इन दोनों लक्ष्यों से काफी पीछे है। अगर आँकड़ो की बात करें तो केवल कुछ प्रतिशत लोगों के घरों में शौचालय है, इसीलिये भारत सरकार पूरी गंभीरता से बापू की इस सोच को हकीकत का रुप देने के लिये देश के सभी लोगों को इस मिशन से जोड़ने का प्रयास कर रही है जिससे विश्व भर में ये सफल हो सके। इस मिशन को अपने प्रारंभ की तिथि से बापू की 150वीं पूण्यतिथि (2 अक्दूबर 2019) तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस अभियान को सफल बनाने के लिये सरकार ने सभी लोगों से निवेदन किया कि वो अपने आसपास और दूसरी जगहों पर साल में सिर्फ 100 घंटे सफाई के लिये दें। इसको लागू करने के लिये बहुत सारी नीतियाँ और प्रक्रिया है जिसमें तीन चरण है, योजना चरण, कार्यान्वयन चरण, और निरंतरता चरण। स्वच्छ भारत अभियान क्या है ? स्वच्छ भारत अभियान एक राष्ट्रीय स्वच्छता मुहिम है जो भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया है, इसके तहत 4041 सांविधिक नगरों के सड़क, पैदल मार्ग और अन्य कई स्थल आते है। ये एक बड़ा आंदोलन है जिसके तहत भारत को 2019 तक पूर्णंत: स्वच्छ बनाना है। इसमें स्वस्थ और सुखी जीवन के लिये महात्मा गाँधी के स्वच्छ भारत के सपने को आगे बढ़ाया गया है। इस मिशन को 2 अक्टूबर 2014(145वीं जन्म दिवस) को बापू के जन्म दिवस के शुभ अवसर पर आरंभ किया गया है और 2 अक्टूबर 2019 (बापू के 150वीं जन्म दिवस ) तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है । भारत के शहरी विकास तथा पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के तहत इस अभियान को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लागू किया गया है। इस मिशन का पहला स्वच्छता अभियान(25 सितंबर 2014) भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा इसके पहले शुरु किया जा चुका था। इसका उद्देश्य सफाई व्यवस्था की समस्या का समाधान निकालना साथ ही सभी को स्वच्छता की सुविधा के निर्माण द्वारा पूरे भारत में बेहतर मल प्रबंधन करना है। स्वच्छ भारत अभियान की जरुरत अपने उद्देश्य की प्राप्ति तक भारत में इस मिशन की कार्यवाही निरंतर चलती रहनी चाहिये। भौतिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक कल्याण के लिये भारत के लोगों में इसका एहसास होना बेहद आवश्यक है। ये सही मायनों में भारत की सामाजिक स्थिति को बढ़ावा देने के लिये है जो हर तरफ स्वच्छता लाने से शुरु किया जा सकता है। यहाँ नीचे कुछ बिंदु उल्लिखित किये जा रहे है जो स्वच्छ भारत अभियान की आवश्यकता को दिखाते है। ये बेहद जरुरी है कि भारत के हर घर में शौचालय हो साथ ही खुले में शौच की प्रवृति को भी खत्म करने की आवश्यकता है। अस्वास्थ्यकर शौचालय को पानी से बहाने वाले शौचालयों से बदलने की आवश्यकता है। हाथ के द्वारा की जाने वाली साफ-सफाई की व्यवस्था का जड़ से खात्मा जरुरी है। नगर निगम के कचरे का पुनर्चक्रण और दुबारा इस्तेमाल, सुरक्षित समापन, वैज्ञानिक तरीके से मल प्रबंधन को लागू करना। खुद के स्वास्थ्य के प्रति भारत के लोगों की सोच और स्वाभाव में परिवर्तन लाना और स्वास्थ्यकर साफ-सफाई की प्रक्रियों का पालन करना। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में वैश्विक जागरुकता का निर्माण करने के लिये और सामान्य लोगों को स्वास्थ्य से जोड़ने के लिये। इसमें काम करने वाले लोगों को स्थानीय स्तर पर कचरे के निष्पादन का नियंत्रण करना, खाका तैयार करने के लिये मदद करना। पूरे भारत में साफ-सफाई की सुविधा को विकसित करने के लिये निजी क्षेत्रों की हिस्सेदारी बढ़ाना। भारत को स्वच्छ और हरियाली युक्त बनाना। ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना। स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से समुदायों और पंचायती राज संस्थानों को निरंतर साफ-सफाई के प्रति जागरुक करना। वास्तव में बापू के सपनों को सच करने के लिये ये सब करना है। शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य हर नगर में ठोस कचरा प्रबंधन सहित लगभग सभी 1.04 करोड़ घरों को 2.6 लाख सार्वजनिक शौचालय, 2.5 लाख सामुदायिक शौचालय उपलब्ध कराना है। सामुदायिक शौचालय के निर्माण की योजना रिहायशी इलाकों में की गई है जहाँ पर व्यक्तिगत घरेलू शौचालय की उपलब्धता मुश्किल है इसी तरह सार्वजनिक शौचालय की प्राधिकृत स्थानों पर जैसे बस अड्डों, रेलवे स्टेशन, बाजार आदि जगहों पर। शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता कार्यक्रम को पाँच वर्षों के अंदर 2019 तक पूरा करने की योजना है। इसमें ठोस कचरा प्रबंधन की लागत लगभग 7,366 करोड़ रुपये है, 1,828 करोड़ जन सामान्य को जागरुक करने के लिये है, 655 करोड़ रुपये सामुदायिक शौचालयों के लिये, 4,165 करोड़ निजी घरेलू शौचालयों के लिये आदि। वो कार्यक्रम जिन्हें पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है-खुले में शौच की प्रवृति को जड़ से हटाना, अस्वाथ्यकर शौचालय को पानी से बहाने वाले शौचालयों में परिवर्तन, खुले हाथों से साफ-सफाई की प्रवृति को हटाना, लोगों की सोच में परिवर्तन लाना और ठोस कचरा प्रबंधन करना। ग्रामीण स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण स्वच्छ भारत मिशन एक ऐसा अभियान है जिसमें ग्रामीण भारत में स्वच्छता कार्यक्रम को अमल में लाना है। ग्रामीण क्षेत्रों को स्वच्छ बनाने के लिये 1999 में भारतीय सरकार द्वारा इससे पहले निर्मल भारत अभियान (जिसको पूर्णं स्वच्छता अभियान भी कहा जाता है) की स्थापना की गई थी लेकिन अब इसका पुर्नगठन स्वच्छ भारत अभियान(ग्रामीण) के रुप में किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को खुले में शौच करने की मजबूरी से रोकना है, इसके लिये सरकार ने 11 करोड़ 11 लाख शौचालयों के निर्माण के लिये एक लाख चौतिस हजार करोड़ की राशि खर्च करने की योजना बनाई है। ध्यान देने योग्य है कि सरकार ने कचरे को जैविक खाद् और इस्तेमाल करने लायक ऊर्जा में परिवर्तित करने की भी है। इसमें ग्राम पंचायत, जिला परिषद, और पंचायत समिती की अच्छी भागीदारी है। निम्नलिखित स्वच्छ भारत मिशन(ग्रामीण) का लक्ष्य है: ग्रामीण क्षेत्रों मे रह रहे लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना। 2019 तक स्वच्छ भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में साफ-सफाई के लिये लोगों को प्रेरित करना। जरुरी साफ-सफाई की सुविधाओं को निरंतर उपलब्ध कराने के लिये पंचायती राज संस्थान, समुदाय आदि को प्रेरित करते रहना चाहिये। ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस और द्रव कचरा प्रबंधन पर खासतौर से ध्यान देना तथा उन्नत पर्यावरणीय साफ-सफाई व्यवस्था का विकास करना जो समुदायों द्वारा प्रबंधनीय हो। ग्रामीण क्षेत्रों में निरंतर साफ-सफाई और पारिस्थितिक सुरक्षा को प्रोत्साहित करना। स्वच्छ भारत-स्वच्छ विद्यालय अभियान ये अभियान केन्द्रिय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा चलाया गया और इसका उद्देश्य भी स्कूलों में स्वच्छता लाना है। इस कार्यक्रम के तहत 25 सितंबर 2014 से 31 अक्टूबर 2014 तक केंद्रिय विद्यालय और नवोदय विद्यालय संगठन जहाँ कई सारे स्वच्छता क्रिया-कलाप आयोजित किये गए जैसे विद्यार्थियों द्वारा स्वच्छता के विभिन्न पहलूओं पर चर्चा, इससे संबंधित महात्मा गाँधी की शिक्षा, स्वच्छता और स्वाथ्य विज्ञान के विषय पर चर्चा, स्वच्छता क्रिया-कलाप(कक्षा में, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, मैदान, बागीचा, किचन शेड दुकान, खानपान की जगह इत्यादि)। स्कूल क्षेत्र में सफाई, महान व्यक्तियों के योगदान पर भाषण, निबंध लेखन प्रतियोगिता, कला, फिल्म, चर्चा, चित्रकारी, तथा स्वाथ्य और स्वच्छता पर नाटक मंचन आदि। इसके अलावा सप्ताह में दो बार साफ-सफाई अभियान चलाया जाना जिसमें शिक्षक, विद्यार्थी, और माता-पिता सभी हिस्सा लेंगे। निष्कर्ष इस तरह हम कह सकते है कि 2019 तक भारत को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने के लिये स्वच्छ भारत अभियान एक स्वागत योग्य कदम है। जैसा कि हम सभी ने कहावत में सुना है 'स्वच्छता भगवान की ओर अगला कदम है'। हम विश्वास के साथ कह सकते है कि अगर भारत की जनता द्वारा प्रभावी रुप से इसका अनुसरण किया गया तो आने वाले चंद वर्षों में स्वच्छ भारत अभियान से पूरा देश भगवान का निवास स्थल सा बन जाएगा। चूँकि स्वच्छता से ईश्वर का गर्मजोशी से स्वागत शुरु हो चुका है तो हमें भी अपने जीवन में स्वच्छता को जारी रख उनको बनाये रखने की आवश्यकता है, एक स्वस्थ्य देश और स्वस्थ्य समाज को जरुरत है कि उसके नागरिक स्वस्थ्य रहें तथा हर व्यवसाय में स्वच्छ हो।

Last Update: 2018-08-30
Usage Frequency: 6
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Gujarati

essay on swachata tya prabhuta

English

the essay on swacha tai prabhuta

Last Update: 2018-07-06
Usage Frequency: 5
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Gujarati

swachata thi pragati marathi nibandh

English

swachata chitra pragati marathi nibandh

Last Update: 2020-01-15
Usage Frequency: 1
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Gujarati

ગુજરાતી માં swachata અભિયાન પર નિબંધ

English

essay on swachata abhiyan in gujrati

Last Update: 2016-03-06
Usage Frequency: 5
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Gujarati

swachata ત્યાં ત્યાં prabhuta પર નિબંધ

English

મારી કલ્પના વિશ્વપુર નામનું એક સુંદર ગામ હતું. આ ગામમાં કેયા અને ઘટા નામની બે બહેનપણીઓ રહેતી હતી. તેઓ પાસપાસે જ રહેતી હતી. આ બંને જોડે રમતી, જોડે ખાતી તેમજ જોડે શાળાએ જતી હતી. એક દિવસની વાત છે. રવિવારની રજા હતી અને વાતાવરણ પણ ખુશનુમા હતું. આથી કેયા અને ઘટા પિકનિક પર જવા નીકળ્યા.ગામની નજીકમાં જ પ્રકૃતિથી ભરેલું સરોવર, સુંદર બાગ, પિકનિક માટેનું સુંદર સ્થળ હતું. આ સ્થળનું નામ “વિશ્વવિહાર” હતું. કેયા અને ઘટાએ પિકનિક માટે “વિશ્વવિહાર” સ્થળ પસંદ કર્યું. તેઓએ ત્યાં સવારમાં ઝૂલા ઝૂલ્યા. સરોવરના કિનારે રમતો પણ રમી. ત્યારબાદ બપોરના સમયે જમવા માટે એક વૃક્ષ નીચે બેઠા. તેઓએ ભોજન કર્યા બાદ કચરો ત્યાં જ નાંખ્યો. અચાનક! એ જ રસ્તેથી તેમના ગુરુજી પસાર થઈ રહ્યા હતા તેઓએ આ દૃશ્ય જોઈ લીધું હતું. ગુરુજી કેયા અને ઘટાની પાસે ગયા. કેયા અને ઘટાએ તેમને વંદન કર્યાં. ત્યાર પછી ગુરુજીએ કહ્યું કે, “બેટા! મેં અહીં જોયું કે તમે પિકનિક મનાવી, કચરો અહીંયાં જ નાંખી દીધો અને ગંદકી ફેલાવી. આ યોગ્ય નથી.” ત્યારે કેયાએ કહ્યું, “ગુરુજી! અમારા આટલા કચરાથી શું થશે?” ત્યારે ગુરુજીએ બંનેને સમજાવતાં કહ્યું કે, “બેટા! ગંદકી એ આપણાં દેશનો રાષ્ટ્રીય રોગ છે. જો તમારી જેમ જ બધાં વિચારે તો કેટલી બધી ગંદકી ફેલાય? ગંદકીથી મચ્છર,માખીઓનો ઉપદ્રવ વધે છે. લોકોના સ્વાસ્થ્ય પર માઠી અસર થાય છે. જ્યાં સ્વચ્છતા હોય ત્યાં પ્રભુ નિવાસ કરે છે. સ્વચ્છતા રાખવાથી રોગચાળો અટકે છે, વાતાવરણ પવિત્ર રહે છે અને આપણું મન પણ પ્રફુલ્લિત રહે છે. આ સ્વચ્છતાના કાર્યની શરૃઆત આપણાથી જ કરવી જોઈએ. સમજ્યાં બાળકો!” આ વાત કેયા અને ઘટાને બરાબર સમજાઈ ગઈ. બંનેને પોતાની આ ભૂલ પર પશ્ચાતાપ થવા લાગ્યો. તેઓએ ગુરુજી જોડે માફી માંગી અને ત્યારબાદ કેયા અને ઘટાએ સંકલ્પ કર્યો કે, આજથી અમે કચરો કચરાપેટીમાં જ નાંખીશું અને આ વાત અમે અમારા મિત્રો તેમજ વડીલોને પણ સમજાવીશું. ત્યારબાદ ગુરુજી અને બંને બહેનપણીઓ પોતાના ગામ તરફ પાછાં ફર્યાં. બોધ : મિત્રો, આ વાર્તા પરથી એવો બોધ મળે કે, આપણે કચરો યોગ્ય સ્થાને નાંખી, ગંદકી અટકાવવી. “સ્વચ્છતા ત્યાં પ્રભુતા” વાક્યને યાદ રાખી જીવનમાં આગળ ચાલવું જોઈએ.

Last Update: 2015-08-05
Usage Frequency: 6
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Gujarati

gujarati essay about swachh bharat abhiyan

English

about the author:

Last Update: 2017-12-16
Usage Frequency: 1
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