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कृपया गंदगी न करें
littering will garner a fine of 500 rupees
Last Update: 2022-05-08
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गन्दगी न फैलाएं
do not litter here
Last Update: 2020-08-13
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नफरत न फैलाएं, अगर हिजाब से प्यार है तो मदरसा जाएं।
have you ever eat this kulfi
Last Update: 2022-02-17
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और ऐ मेरी क़ौम पैमाने और तराज़ू ऌन्साफ़ के साथ पूरे पूरे रखा करो और लोगों को उनकी चीज़े कम न दिया करो और रुए ज़मीन में फसाद न फैलाते फिरो
" and o my people ! give full measure and weight in justice and reduce not the things that are due to the people , and do not commit mischief in the land , causing corruption .
Last Update: 2020-05-24
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और मदियन के रहने वालों के पास उनके भाई शुएब को पैग़म्बर बनाकर भेजा उन्होंने कहा ऐ मेरी क़ौम ख़ुदा की इबादत करो और रोज़े आखेरत की उम्मीद रखो और रुए ज़मीन में फ़साद न फैलाते फिरो
and to midian we sent shu‘ayb , their brother . he said , ‘o my people ! worship allah , and expect the last day , and do not act wickedly on the earth causing corruption . ’
Last Update: 2020-05-24
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लोगों को डर था कि कही बाह्रय अंतरिक्ष वाले यहॉ हानिकारक जीवाणु न फैला दें जिनसे रहस्यमय और घातक विषाण और बीमारियॉ फैल जाये ।
people had been afraid of harmful bactem from outer space spreading mysterious undiagnosable viruses and diseases .
Last Update: 2020-05-24
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और, जब तक वह यरूशलेम को स्थिर करके उसकी प्रशंसा पृथ्वी पर न फैला दे, तब तक उसे भी चैन न लेने दो।
and give him no rest, till he establish, and till he make jerusalem a praise in the earth.
Last Update: 2019-08-09
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और सातवें दिन याजक उसको देखे, और यदि वह व्याधि जैसी की तैसी बनी रहे और उसके चर्म में न फैली हो, तो याजक उसको और भी सात दिन तक बन्दकर रखे;
and the priest shall look on him the seventh day: and, behold, if the plague in his sight be at a stay, and the plague spread not in the skin; then the priest shall shut him up seven days more:
Last Update: 2019-08-09
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ऐसा भी कोई मोह नहीं और यह गंदगी, यह गटर छलक गई और ये लोग साफ नहीं करवाते हं, कितनी गंदगी अरे! तुझे क्या? उसके मालिक करेंगे आप वीतराग रहकर देखो यानी देखते नहीं हैं, हमें वह आदत डालनी है और अगर आपको लगे कि नहीं, मुझे सजेसन देना है कि ऐसा कर सकते हैं और मैं इन्जीनियर हूँ और उतनी हेल्प कर सकते हो तो करो सजेसन देनेवाला कर सकता है लेकिन किसी की गलती निकाले बगैर लेकिन फिर भी हम जागृति रखना चाहते हैं कि भाई, सौ में से एक-दो बातों में ही खुद को कोई सजेसन या हेल्प करनी होती है बाकी अठानवे बातों में तो सिर्फ कल्पनाएँ ही होती हैं अथवा बुद्धि के बखेड़े ही होते हैं दखलें ही होती हैं और ऐसी बुद्धि की दखलों पर हम स्टडि करेंगे कि कहाँ-कहाँ ऐसा खड़ा हो जाता है कुर्सी पर बैठे हों तो कहेंगे यह कुर्सी कितनी अंदर धँस गई है मज़ा ही नहीं आ रहा वहाँ भी गलती निकालते हैं फिर ये लोग ऐसे हैं, वे लोग वैसे हैं ऐसे कैमरा चलता (घूमता) ही रहता है वास्तव में तो आप लोगों को है न देखने के बजाय लिखने की शुरूआत करनी चाहिए कि सुबह से क्या हुआ तभी आपको दिखेगा और मेल पड़ेगा वास्तव में पता चलेगा पोइन्ट्स लिखते जाओ कि क्या हुआ? वैसे याद भी आएगा उपयोग रखोगे न तो क्योंकि मूल आत्मा ज्ञाता-दृष्टा प्रकाशक थे ही, हैं ही इसीलिए सब पता चलेगा लेकिन हाल ही के वर्तमान का सुबह से अब तक का देखो कल का देखो ट्रेन से यहाँ पहुँचने तक का देखो कुछ देखते रहोगे न तो आपको पता चलेगा कि आपका कैमेरा कितना बाहर ही घूमता रहता है वास्तव में शुद्धात्मा पद उसे कहते हैं कि आँखें व्यक्तियों को देखे और "मैं" आँखें क्या देख रही हैं उस पर जागृति रखे कि यह दीपक क्या देख रहा है? दीपक क्या सुन रहा है? दीपक क्या सूंघ रहा है? दीपक क्या चख रहा है? दीपक क्या बोल रहा है? इन सभी पर मेरी जागृति रहे ऐसा हमें बरतना है उस लेवल तक हमें पहुँचना है कि भई ये बाहर का देखने में मुझे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए हाँ, इसे दिखेगा इसकी बुद्धि शायद खड़ी होगी लेकिन फिर भी उस पर मेरी जागृति रहनी चाहिए कि ये देखने से ऐसी बुद्धि खड़ी हो गई अंतःकरण में इसके आधार पर ऐसे परिणाम उत्पन्न हो गए उसे जाननेवाला मेरा स्वरूप है वह मेरा शुद्धात्मा पद है उस लेवल की जागृति हम लाना चाहते हैं और यह तो सिर्फ जागृति है जागृति जब बढ़कर अनुभव में आएगी तब ज्ञान कहलाएगा जागृति, वह ज्ञान नहीं है ज्ञान तो अभी आगे का भाग है जब दखलें समाप्त हो जाएँगी तब ज्ञान अनुभव में आया कहलाएगा दखलों का पता चलता है उसे जागृति कहते हैं और जागृति के समय तप का पद रहता है कि नहीं, मुझे तन्मयाकार नहीं हो जाना है अच्छे-बूरे पर राग-द्वेष नहीं करना है और अगर हो जाएँ तो हम उसके प्रतिक्रमण करवाते हैं अतः यह जुदापन का, बातचीत का प्रयोग करते हुए हम पूछेंगे कि सुबह उठने के बाद सब से पहले आपने क्या देखा? फिर क्या हुआ, बाद में क्या हुआ? फिर फाइल वन जो बताए उसे हमें नोंध (नॉट करना) कर लेना है उसमें अगर किसी के लिए गलत हो तो कहना है कि इसे अतिक्रमण कहते हैं घंटेभर में एक-दो तो हो ही जाते हैं तो हमें उसके प्रतिक्रमण करवाने हैं फिर क्या हुआ? और फिर कहना है कि तेरा यह ज़रूरत से ज़्यादा खिड़की से बाहर देखकर कि चिड़ियाओं की संख्या बढ़ गई हैं बहुत शोर मचाती हैं और मेरी नींद डिस्टर्ब कर दी ऐसा चित्रण करने की कोई ज़रूरत थी? तब कहेगा, नहीं ज़रूरत तो नहीं थी तो भी मुझ से हो गया इसीलिए अब हे शुद्धात्मा भगवान माफी चाहता हूँ सब व्यवस्थित है मुझे दखल करने की कोई ज़रूरत नहीं थी फिर भी ऐसा हो जाता है तो वह ज्ञेय है और मैं ज्ञाता हूँ खाली (खत्म) कर दो ऐसा करते हुए हर एक चीज़ के लिए चित्रण किए हुए को मिटाते जाओ यह एक बड़ा इसमें जहाँ पर व्यक्तियों को असर हो जाता है उतने हिस्से को ही अतिक्रमण कहते हैं और इसी का प्रतिक्रमण करना चाहते हैं बाकी जहाँ तन्मयाकार रहते हैं वहाँ हम थोड़े अलग रहकर देख सकें, जान सकें अलग रह सकें ऐसा पुरूषार्थ करना चाहते हैं फाइल 1 को ऑब्ज़र्वेशन में रखना चाहते हैं तभी हमारी जागृति बढ़ेगी और जुदापन बढ़ेगा और अगर बातचीत के प्रयोग के साथ करेंगे तो जुदापन की शक्ति और भी बढ़ेगी ये बातें सभी की समझ में आ रही हैं? अभी जहाँ से गुज़रें कल का पूरा दिन, यहाँ आए तब से घर से यहाँ आते वक्त रिक्शावाला जीपवाला, बसवाला, टैक्सी में आए, बाद में किस तरह आए और फिर यहाँ से गुज़रते हुए कहेंगे कि यह तो (हॉल) बहुत बड़ा हो गया यह तो नया बनाया है हमें तो पता ही नहीं चला कब बना लिया चक्कर लगाते हुए अंदर भी कितने चक्कर चलते हैं फिर शाम को वॉक करने निकले हों तो वापस शुरू हो जाता है कि ये स्पीड ब्रेकर यहाँ बनाने के कारण पैरों में चोट लग जाती है इन लोगों ने गलत जगह पर बनाए हैं यहाँ बनाने की ज़रूरत ही नहीं थी यानी यों ही चक्कर चलता ही रहता है फिर, इतना बड़ा लेक है और दो लोग ही घूम रहे हैं ये तो गलत है, ज़्यादा लोगों को यहाँ घूमना चाहिए कोई वॉक करने ही नहीं आता सब अपने घर पर ही बैठे हैं पेड़-पौधे कितने छोटे हैं बड़ें लगाने चाहिए न चलता ही रहता है यानी हम ऐसा नहीं कह रहे हैं कि मशीन बंद कर दो मशीन को देखो एक पुद्गल को पहचानो और हिताहित को समझो कि ये अहित, गलत चीज़ भरी हुई निकल रही है उसका निकाल (निपटारा) करो और अगर किसी को दोषित देखते हैं तो ज़्यादा अतिक्रमण हो रहा है तो ज़्यादा प्रतिक्रमण करवाओ और सामान्य भाव से शुद्ध उपयोग में रह सकें शुद्ध देख सकें निरंतर हमारी दृष्टि ऐसे उपयोग में रहे ऐसा हमारा ध्येय होना चाहिए ऐसा सब हो जाने से उसे चूक जाते हैं उस शुद्ध उपयोग में निरंतर कैसे रह सकें, ऐसा लाना चाहते हैं कि धीरे-धीरे जिसे हम चूक गए हैं उसे पहचानेंगे तो शुद्ध में रहने की दृष्टि और जागृति और धीरे-धीरे हम शुद्ध उपयोग में ज़्यादा रह सकेंगे चलो तो हम विधि करेंगे
then you see that the gutters are overflowing and [say] these people are not cleaning it. it is so dirty! why are you so [worried]
Last Update: 2019-07-06
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