전문 번역가, 번역 회사, 웹 페이지 및 자유롭게 사용할 수 있는 번역 저장소 등을 활용합니다.
कल गर्मी थी
yesterday was hot.hear
마지막 업데이트: 2022-07-22
사용 빈도: 1
품질:
추천인:
कल बहुत गर्मी थी।
it was very hot yesterday.
마지막 업데이트: 2024-01-11
사용 빈도: 8
품질:
추천인:
कल बहुत गर्मी थी और
it was very
마지막 업데이트: 2023-12-01
사용 빈도: 1
품질:
추천인:
कमरे में बहुत गर्मी थी
कमरे में बहुत गर्मी थी
마지막 업데이트: 2021-03-18
사용 빈도: 2
품질:
추천인:
कल बहुत गरमी थी
yesterday was very hot
마지막 업데이트: 2020-09-18
사용 빈도: 1
품질:
추천인:
उस दिन जब यह घटना घटी सुबह से ही तेज गर्मी थी ।
the day it happened , it had been very hot since morning .
마지막 업데이트: 2023-08-01
사용 빈도: 1
품질:
추천인:
बहुत गरमी थी।
it was very hot.
마지막 업데이트: 2019-07-10
사용 빈도: 1
품질:
추천인:
वहां काफी गर्मी थी और दीपू को पसीना आना और प्यास लगन शुरू हो गयी ।
it was hot and dipu began to feel sweaty and thirsty .
마지막 업데이트: 2020-05-24
사용 빈도: 1
품질:
추천인:
सबसे ज़्यादा असह्रय गर्मी थी जो पहले तीन साल कानुपर व बरेली में वह झेलते रहें .
the most oppressive was the summer heat . he had to stand it for the first three years in kanpur and bareilly .
마지막 업데이트: 2020-05-24
사용 빈도: 1
품질:
추천인:
very good morning friend . आज का दिन बहुतअच्छा नहीं रहा आज बहुत ज्यादा उमस और गर्मी थी जिसके कारण बहुत थक गया हूं
very good morning friend today was not a very good day, today it was very hot and humid, due to which i am very tired.
마지막 업데이트: 2023-07-09
사용 빈도: 1
품질:
추천인:
और उस दिन काफी गर्मी थी , मेरे दोस्त ने मुझसे पूछा , “ क्या तुम ताज़ा नारियल पानी पीना चाहोगे ? ”
and it was a hot day and he said , “ hey , would you like some fresh coconut water ? ”
마지막 업데이트: 2020-05-24
사용 빈도: 1
품질:
추천인:
भूमध्यरेखा के पास बहुत गरमी थी , इस कारण हम पसीने से नहा रहे थे ।
it had become very hot near the equator and we sweated profusely .
마지막 업데이트: 2020-05-24
사용 빈도: 1
품질:
추천인:
वह उसकी बाँह पर सिरहाना लिये लेटी थी - वह साँस भी ले रही है या नहीं , इसका अनुमान लगाना भी असम्भव था । उसकी देह हलकी - सी गरम थी ।
he could hardly hear her breathing in the crook of his arm ; a slight warmth came from her body .
마지막 업데이트: 2020-05-24
사용 빈도: 1
품질:
추천인:
' लाइटनिंग काल' के लिए. हमारे देश में तब बिजली(ligthning) भी धीरे ही गिरती थी. उस ' लाइटनिंग काल' के लिए भी हमे आधा घंटा इंतज़ार करना पड़ता था. यह इनती खस्ताहाल थी की, एक सांसद ने १९८४ में संसद में शिकायत भी कर थी. और तब के हमारे संचार मंत्री ने गर्वित लहजे में उत्तर दिया, की हमारे जैसे विकासशील देश में, संचार एक विलासिता है न की अधिकार, और यह की सरकार बेहतर सेवा देने का कोई दायित्व नहीं है, और अगर माननीय मंत्री महोदय अपने फोन से संतुष्ट नहीं है, तो वे अपना फोन लौटा दे, क्योकि वैसे ही यहाँ पे आठ साल की प्रतीक्षा सूची है भारत में फोन के लिए. अब वापस आज में आते हुए आप देखते है की, देश में एक महीने में १.५ करोड़ मोबाईल. परन्तु, जो सबसे ज्यादा चोकाने वाली बात है, वह यह है की उन मोबाईल को कोन इस्तेमाल कर रहे है. क्या आप जानते है की अगर आप दिल्ली के किसी उपनगर में अपने मित्र से मिलने जाते है, तो सड़क के किनारे आप एक ठेले वाले को पाएंगे, जिसे देखने पर ऐसा लगेगा की वह सोहल्वी सदी के लिए बना है, वह एक कोयले की इस्त्री चलाता है, जिसका शायद अट्ठार्वी सदी में आविष्कार हुआ होगा, उसे इस्त्रिवाला पुकारा जाता है. लेकिन वह एक इक्कीसवी सदी का यन्त्र रखता है. उसके पास मोबाईल है, क्योकि आने वाली कॉल मुफ्त है, और इसी तरह वो अडोस-पड़ोस से कार्य लेता है, की कहा से कपडे इस्त्री के लिए उठाने है. कुछ दिनों पहले मैं केरल गया हुआ था, मेरे गाँव, एक दोस्त के खेतों me, जिसके २० किलोमीटर तक आस पास कोई शहर जैसा कुछ नहीं है, और उस दिन काफी गर्मी थी, मेरे दोस्त ने मुझसे पूछा, "क्या तुम ताज़ा नारियल पानी पीना चाहोगे?" वह सबसे अच्छी चीज़ है और सबसे ज्यादा पौष्टिक और तरोताज़ा करने वाली चीज़ जो आप पी सकते है जर्मी के उन दिनों में, इसलिए मैंने हाँ कर di. और उसने बिना देर किये अपना मोबाइल निकाला, और नंबर मिलाया, और आवाज़ आई,"मैं यहाँ ऊपर हूँ." और एक पास के नारियल पेड़ के ऊपर, एक हाथ में दरांती और दुसरे में मोबाईल पकडे हुए , एक स्थानीय ताड़ी था, जो हमें नारियल देने के लिए नीचे आने लगा. मछुँरे समुद्र में जा रहे है और अपने मोबाईल भी साथ लिए जा रहे है. जब वे मछलिया पकड़ लेते है तो वे तटीय बाजारों में फोन कर लेते है, पता करने के लिए की किधर उन्हें सबसे सही कीमत मिलेगी. किसान , जो की आधा दिन कड़ी कमर तोड़ मेहनत में निकाल देते थे, यह जानने में की कस्बे का बाज़ार खुला है की नहीं, की बाज़ार चालु है या नहीं, की जो फसल उन्होंने काटी है वह बिकेगी या नहीं, उनकी कीमत क्या होगी. वे कई बार एक आठ साल के बच्चे को ऊबड़-खाबड़ रस्ते पर बाज़ार भेज देते थे, यही सब जानकारी के लिए, उसके बाद ही वो अपनी गाडी में सामान रखते थे. आज वे यही आधे दिन का काम दो मिनट में ही मोबाईल से कर लेते है. यह नीचली वर्गों का सशक्तिकरण भारत के संपर्क में रहने की वजह से हुआ है. और यह परिवर्तन केवल उसका हिस्सा है जहाँ भारत जा रहा है. लेकिन, बेशक भारत में सिर्फ एक यही चीज़ नहीं है जो तेज़ी से फल-फूल रही है. आपके पास फिर बॉलीवुड है. मेरा बॉलीवुड की तरफ दृष्टिकोण बहुत सारांशित है दो बकरियों की एक कहानी बॉलीवुड के कचरे के ढेर में, शेखर कपूर को यह मालूम है, माफ़ करिएगा, और वे बॉलीवुड की किसी भवन से फेंके हुए सल्लुलोइड के डिब्बे खा रहे थे, और पहली बकरी खाते हुए बोलती है,"तुम्हे पता है, ये फिल्म उतनी बुरी नहीं है." और इस पर दूसरी बकरी जवाब देती है, " नहीं, किताब ज्यादा अच्छी थी."
or you could pay eight times the going rate for something called a lightning call. but, lightning struck rather slowly in our country in those days, so, it was like about a half an hour for a lightning call to come through. in fact, so woeful was our telephone service that a member of parliament stood up in 1984 and complained about this.
마지막 업데이트: 2019-07-06
사용 빈도: 4
품질:
추천인:
경고: 보이지 않는 HTML 형식이 포함되어 있습니다