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"मुझे आपका उपन्यास अच्छा लगा, पर मुझे उसका अंत पसंद नहीं आया. अब आप उसका सिक्वेल ज़रूर लिखें, और उसमें ऐसा होना चाहिए कि..." (हंसी) और वह मुझे बताने लगी कि सिक्वेल में क्या लिखना चाहिए. उसकी बातों ने मुझे न सिर्फ़ मोहित किया बल्कि भीतर तक छू दिया. वह तो एक साधारण औरत थी, नाइजीरियाई जनता का एक अंशमात्र जिसे हम अपने पाठकवर्ग में नहीं गिनते थे. उसने न सिर्फ़ वह पुस्तक पढ़ी, बल्कि उसे वह उसकी पुस्तक जैसी लगी और मुझे यह बताना उसे तर्कसंगत लगा कि मुझे पुस्तक का सिक्वेल लिखना चाहिए. क्या होता यदि मेरी रूम-मेट को मेरी निडर मित्र फूमी ओंडा के बारे में पता होता, जो लागोस में एक टीवी कार्यक्रम में मेजबान है, और उन कहानियों को सामने लाना चाहती है जिन्हें हम भूलना ठीक समझते हैं? क्या होता यदि मेरी रूम-मेट को हृदय के उस ऑपरेशन के बारे में पता होता जिसे लागोस के अस्पताल में पिछले सप्ताह अंजाम दिया गया? क्या होता यदि मेरी रूम-मेट को समकालीन नाइजीरियन संगीत के बारे में पता होता? जिसमें प्रतिभाशाली गायक अंग्रेजी और पिजिन में, इग्बो में, योरूबा में, और इजो में, जे-ज़ी से लेकर फ़ेला, और बॉब मार्ली से लेकर अपने पितामहों के सुमेलित प्रभाव में गाते हैं. क्या होता यदि मेरी रूम-मेट को उन महिला वकीलों के बारे में पता होता जो हाल में ही नाइजीरिया की अदालत में एक हास्यास्पद कानून को चुनौती देने गईं जिसके अनुसार किसी स्त्री को अपने पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए अपने पति की स्वीकृति लेना आवश्यक किया गया था? क्या होता यदि मेरी रूम-मेट को नॉलीवुड के बारे में पता होता, जहां विशाल तकनीकी कठिनाइयों के बाद भी मौलिकता से तर लोग फ़िल्म बना रहे हैं? इतनी चलने वाली फ़िल्में जो इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है कि नाइजीरियाई लोग अपने ज़रूरत के मुताबिक चीज़ें बना सकते हैं. क्या होता यदि मेरी रूम-मेट को मेरी चोटी बनानेवाली उस ज़बर्दस्त महत्वाकांक्षी लड़की के बारे में पता होता, जिसने हाल में ही बालों के एक्सटेन्शन का व्यापार शुरु किया है? या उन लाखों नाइजीरियाई लोगों के बारे में जो कामधंधा शुरु करते हैं पर कभी-कभी असफल हो जाते हैं, लेकिन अपनी महत्वाकांक्षाओं का पोषण करते रहते हैं? हर बार जब मैं घर जाती हूं तो मेरा सामना होता है नाइजीरियाई लोगों की आम शिकायतों से, जैसेः हमारा बुनियादी ढांचा खराब है, हमारी सरकार नाकारा है. लेकिन मैं उनके अविश्वसनीय जुझारूपन को भी देखती हूं जो शासन व्यवस्था के साए में नहीं बल्कि उसके अभाव में पनपते हैं. मैं हर गरमियों में लागोस में लेखन कार्यशाला में पढ़ाती हूं. और यह देखकर हैरत होती है कि कितने लोग आवेदन करते हैं, कितने सारे लोग लिखने के लिए व्यग्र हैं, अपनी कहानियां कहना चाहते हैं. मैंने अपने नाइजीरियाई प्रकाशक के साथ हाल में ही एक नॉन-प्रॉफ़िट ट्रस्ट बनाया है जिसका नाम फ़ाराफ़िना ट्रस्ट है. और हमारा बड़ा सपना यह है कि हम पुस्तकालय बनाएं और पुराने पुस्तकालयों का नवीनीकरण करें, और उन शासकीय विद्यालयों को पुस्तकें उपलब्ध कराएं जिनके पुस्तकालयों में कुछ भी नहीं है, और पठन-पाठन से संबंधित अनेकानेक कार्यशालाओं का आयोजन करें, ताकि अपनी कहानियां कहना चाहनेवाले व्यक्तियों को अवसर मिलें. कहानियां महत्वपूर्ण हैं. कहानियों के ज़्यादा होने का महत्व है. कहानियों का उपयोग वंचित करने व मलिन करने के लिए होता आया है. लेकिन कहानियां सामर्थ्यवान बनातीं हैं, और मानवीकरण करतीं हैं. कहानियां लोगों की गरिमा को भंग कर सकतीं हैं. पर वे उनकी खंडित गरिमा का उपचार भी कर सकतीं हैं. अमेरिकी लेखिका ऐलिस वॉकर ने उनके दक्षिणी संबंधियों के बारे में लिखा है जो उत्तर में जाकर बस गए थे. उन्होंने अपने संबंधियों को एक पुस्तक सुझाई जिसमें पीछे छूट गए उनके दक्षिणी जीवन का वर्णन था. "वे मेरे इर्द-गिर्द बैठे, खुद उस पुस्तक को पढ़ते हुए, और मुझसे उस पुस्तक को सुनते समय, लगा जैसे स्वर्ग की पुनःप्राप्ति हो गई". मैं इस विचार के साथ समापन करना चाहूंगीः कि जब हम किसी एकलौती कहानी को ठुकरा देते हैं, और जब हम यह जान जाते हैं कि किसी स्थानविशेष की कभी कोई एकलौती कहानी नही होती, तो हम भी अपने स्वर्ग की पुनःप्राप्ति कर लेते हैं. धन्यवाद.
Čoskoro po publikácii môjho prvého románu, som mala interview pre jednu tv stanicu v lagose a prišla ku mne žena, ktorá tam pracovala ako poslíček a povedala, "naozaj sa mi páčil váš román. nepáčil sa mi koniec.