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Разработчик (инфраструктура)
विकासकर्ता (फ्रेमवर्क)
Laatste Update: 2018-12-24
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Разработчик (инфраструктура, модули)
विकासकर्ता (फ्रेमवर्क, भाग)
Laatste Update: 2018-12-24
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Поддержка порядка показа dn, инфраструктура
डीएन प्रदर्शक अनुक्रम समर्थन, इन्फ्रास्ट्रक्चर
Laatste Update: 2018-12-24
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Разработчик (инфраструктура, javascript, библиотека ввода/ вывода) и текущее сопровождение
विकासकर्ता (फ्रेमवर्क, भाग, जावास्क्रिप्ट, आई/ ओ लाइब्रेरी) तथा मेंटेनर
Laatste Update: 2018-12-24
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(Аплодисменты) (Отрывок из произведения "Миф и инфраструктура") Бруно Джуссани: Вернитесь, пожалуйста.
(तालियाँ) [" मिथक और इंफ्रास्ट्रक्चर" से कुछ अंश ] ब्रूनो गिउस्सानी: वापस आ जाओ। मीवा मात्रेयक !
Laatste Update: 2019-07-06
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"Которая из стран - Китай, а которая - Индия, и экономика какой страны развивается быстрее?" если Вы придерживаетесь теории инфраструктуры, Вы скажете: "Страна 1 - это, должно быть, Китай.
"इनमें से कौन सा चीन है और कौन सा भारत, और किस देश ने ज्यादा तेज तरक्की की है?" अगर आप संरचना-वादी दृष्टिकोण रखते हैं, तो आप कहेंगे, "देश नं ०१ है चीन। निश्चय ही उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया होगा, आर्थिक विकास में। और देश नं० २ पक्क भारत ही है।" असल में ज्यादा टेलीफ़ोन वाला देश है सोवियत संघ, और ये आँकडे हैं १९८९ के। टेलीफ़ोन के इतने बेहतरीन आँकडे देने के ठीक बाद ये देश ही मटियामेट हो गया। और ये तो अच्छी बात नहीं है। ये तस्वीर है ख्रुशचेव की । मुझे पता है कि १९८९ में वो सोवियत संघ पर शासन नहीं कर रहे थे, मगर मैं उनकी इस से बेहतर तस्वीर नहीं ढूँढ पाया। (हँसी) टेलीफ़ोन और सडकों जैसी संरचनायें आर्थिक विकास की गारंटी नहीं देती हैं। देश नं० २, जिसके पास कम टेलीफ़ोन हैं, चीन है। १९८९ से लगातार, चीन ने दस-प्रतिशत विकास दर से ऊपर का प्रदर्शन किया है हर साल, पिछले पूरे २० साल से। अगर आप चीन और सोवियत-संघ के बारे में सिर्फ़ उनके टेलीफ़ोन के आँकडे जानते हों, तो आप गलत अनुमान लगायेंगे उनके विकास के बारे में, जो वो अगले दो दशकों में करेंगे। देश १, जिसके पास ज्यादा विस्तृत रेलवे प्रणाली है, असल में भारत है। और देश २ चीन है। ये बात बहुत कम लोग जानते हैं इन दो देशों के बारे में। हाँ, ये सच है कि आज चीन की पास बेहतर आधारभूत-संरचनायें हैं भारत के मुकाबले। मगर कई सालों तक, ९० के दशक कें अंत तक, चीन इस मामले में भारत से पीछे था। विकासशील देशों में, यातायात का सबसे प्रचलित साधन रेलवे होता है, और अँग्रेजों नें भारत में मीलों लम्बी प्रणाली बनाये थी। भारत क्षेत्रफ़ल में चीन से छोटा है, और फ़िर भी उसका रेलवे चीन के रेलवे से बडा था ९० के दशक के अंत तक। तो ये भी साफ़ है, कि सिर्फ़ आधारभूत-ढाँचा ही कारण नहीं है चीन के बेहतर प्रदर्शन का, ९० के दशक के पहले, भारत के मुकाबले। बल्कि, यदि आप विश्व-भर के आँकडों पर नज़र डालें, तो ये दृष्टिकोण उजागर होगा कि ढाँचे का विकास असल में आर्थिक विकास का कारण नहीं, नतीज़ा है। अर्थ-व्यवस्था विकसित होती है, सरकारों के पास ज्यादा संसाधन आते हैं, और सरकार तब जा कर ढाँचे में निवेश कर पाती है -- ऐसा नहीं कि ढाँचा बनाते ही आर्थिक विकास आ जाता है। और ज़ाहिर है कि ये ही कहानी है चीन के आर्थिक विकास की। चलिये सीधे इस प्रश्न पर ही आता हूँ। क्या प्रजातंत्र आर्थिक-विकास के लिये खराब है? अब फ़िर से एक नज़र दो देशों पर, देश अ और देश ब। १९९० में, देश अ की प्रति व्यक्ति जीडीपी थी करीब ३०० डॉलर और देश ब में प्रति व्यक्ति जीडीपी थी ४६० डॉलर। २००८ आते आते, देश अ ने देश ब को पीछे छोड दिया था, और उस की प्रति व्यक्ति जीडीपी थी ७०० डॉलर प्रतिद्वंदी देश के ६५० डॉलर प्रति व्यक्ति जीडीपी की तुलना में। दोनों देश एशिया में है। यदि मैं आप से पूँछूं,
Laatste Update: 2019-07-06
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