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i was listening.
मैं सुन रहा था.
Последнее обновление: 2017-10-12
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i was listening to my favorite song
मैं अपना पसंदीदा गाना सुन रहा हूं
Последнее обновление: 2021-02-09
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when i met him, he was listening to the song
मैं जब उनसे मीला था वो गाना सुन रहे थे
Последнее обновление: 2021-08-02
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she was listening to the songjxnkejkr
वह गाना सुन रही थी
Последнее обновление: 2023-04-25
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was listening to song while sleeping
सोते समय गाना सुन रहा था
Последнее обновление: 2023-04-25
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you didn't think i was listening,
आप, मैं सुन रहा था नहीं सोचा था
Последнее обновление: 2017-10-12
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sahdev was listening to him while cutting the coal .
सहदेव कोयला काटते उसकी बातें भी सुन रहा था ।
Последнее обновление: 2020-05-24
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listening to your reply i was ignoring you
तुम्हारा जवाब सुनकर मैं तुम्हे अनदेखा कर रहा था
Последнее обновление: 2020-11-17
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he was listening to paul speaking, who, fastening eyes on him, and seeing that he had faith to be made whole,
वह पौलुस को बातें करते सुन रहा था और इस ने उस की ओर टकटकी लगाकर देखा कि इस को चंगा हो जाने का विश्वास है।
Последнее обновление: 2019-08-09
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ottakootar , who was listening to this yarn , knew that kamban had not even commenced the first canto .
ओत्त्कूतर , जो इस मनगढ़न्त कहानी को सुन रहे थे , जानते थे कि कम्बन् ने तो अभी पहला सर्ग लिखना भी शुरू नहीं किया है ।
Последнее обновление: 2020-05-24
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so could art change the world? a year later, i was listening to all the noise about the middle east conflict.
तो क्या कला दुनिया को बदल सकती है? एक साल बाद, मैं सारा शोर सुन रहा था मध्य-पूर्वी क्षेत्र के संघर्ष के बारे में. मेरा मतलब, उस समय, सही मानिए, सब लोग सिर्फ इजराइल और फिलिस्तीन के संघर्ष की बात ही कर रहे थे. तो अपने दोस्त मार्को के साथ मैंने वहाँ जाने का निर्णय लिया ताकि हम देख सकें कि कौन असली फिलिस्तीनी हैं और कौन असली इजराइली. क्या वो इतने अलग हैं? जब हम वहाँ पहुंचे, तो गलियों में निकल गए, और हर जगह लोगों के साथ बात करने लगे, और हमने जाना कि असली स्थिति काफी फ़र्क थी उस प्रचार से जो हमने मीडिया में सुना था. तो हमने निश्चय किया कि हम तसवीरें लेंगे फिलिस्तीनी और इजराइली -- दोनों लोगों की -- जो एक ही धंधे में हैं -- टैक्सी-चालक, वकील, बावर्ची. और हमने उनसे एक ख़ास तरह का चेहरा बनाने को कहा, वायदे के तौर पर. मुस्कान नहीं -- उससे वाकई नहीं पता चलता कि आप कौन हैं और कैसा महसूस कर रहे हैं. सबने मंज़ूर कर लिया कि एक दूसरे के साथ उनकी तस्वीर लगाई जाए. मैंने उन तस्वीरों को चिपकाने का निर्णय लिया आठ इजराइली और फिलिस्तीनी शहरों में और सरहद के दोनों तरफ. इस तरह हमने सबसे बड़ी गैरकानूनी कला- प्रदर्शनी शुरू कर दी. हमने उसे नाम दिया -- प्रोजेक्ट आमने-सामने. विशेषज्ञों ने कहा, "कभी नहीं. लोग कभी नहीं स्वीकार करेंगे. फ़ौज तुम पर गोली चलाएगी, और हमस वाले तुम्हारा अपहरण कर लेंगे." हमने कहा, "चलो, कर के तो देख ही लेते हैं कि कहाँ तक पहुँचते हैं." मुझे बहुत अच्छा लगता है जब लोग पूछते हैं,
Последнее обновление: 2019-07-06
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in a room adjoining the hall where the audience was listening to music , a feast of choice muslim dishes which included beef was laid on the table .
श्रोतागण जिस सभा - कक्ष में संगीत का आनंद ले रहे थे , उसके बगल वाले कमरे में ही दस्तरखानों पर पसंदीदा मुस्लिम पकवान रखे हुए थे , जिनमें गोमांस भी था .
Последнее обновление: 2020-05-24
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considering the simplicity and directness of these songs , credit must be given to both the singer and the rural listener for never getting bored of listening to these compositions .
इन गीतों की सरलता और ऋतुता को देखते हुए गायकों की भी तारीफ की जानी चाहिए और ग्रामीण श्रोताओं को भी जो इन रचनाओं को सुनते - सुनते कभी उकताते नहीं हैं ।
Последнее обновление: 2020-05-24
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at a time when hindi like panjabi is written i felt i was listening to some heart - touching utterences written in chaste panjabi by someone born and brought up in the air , water and dust of punjab .
आजकल लिखी जा रही हिन्दीनुमा पंजाबी के वातावरण में ऐसे लगा , जैसे पंजाब की मिट्टी के हवा - पानी में जन्मी और पली किसी पंजाबन के पास बैठकर ठेठ पंजाबी में दिल से निकली हुई दिल को छूने वाली बातें सुन रहा हूँ ।
Последнее обновление: 2020-05-24
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listening to these words , would it be wrong to ask if the biggest rat - lrb - i use the word metaphorically - rrb - in the ship is also planning to desert ?
यह पूछना क्या गलत होगा कि जहाज का सबसे बड़ चूहा भी भागने की तैयारी कर रहा है ?
Последнее обновление: 2020-05-24
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these activities , and the ones you will design along these lines on your own , will offer many connecting points with the activities described in the next two chapters on reading and writing .
इन गतिविधियों और इनसे प्रेरित उन तमाम संभावानाओं को , जिन्हें आप स्वयं रचेंगे , अगले दो अध्यायों में दी गई गतिविधियों से जोड़ने के कई उपयुक्तब बिंदु आपको आसानी से नजर आएंगे ।
Последнее обновление: 2020-05-24
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god has certainly heard the words of the woman who disputed with you about her husband and who complained to god . god was listening to your argument . he is all - hearing and all - aware .
ऐ रसूल जो औरत तुमसे अपने शौहर के बारे में तुमसे झगड़ती और ख़ुदा से गिले शिकवे करती है ख़ुदा ने उसकी बात सुन ली और ख़ुदा तुम दोनों की ग़ुफ्तगू सुन रहा है बेशक ख़ुदा बड़ा सुनने वाला देखने वाला है
Последнее обновление: 2020-05-24
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"it's not?" "no," he said, "it's a bill about the freedom to connect." now i was listening.
"ये नहीं हॆ?" "नहीं" उसके कहा, "ये विधेयक हमारे एक दूसरे के साथ जुड़ने कि आजादी के बारें में हॆ।" अब मॆं ध्यान से सुन रहा था। और वह इसके बारे में थोडी देर सोचा और फ़िर बोला, "ठिक हॆ।" और उसने जाकर "प्रगति मांगें (demand progress)" कि स्थापना कि।
Последнее обновление: 2019-07-06
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i was listening to niruma's satsang this afternoon, at 3:30 pm, and a lady was saying that when i walk on grass, i feel a lot of suffering niruma doesn't say a word, and then she says [in such a way that]... not a single foundation would be hurt of the jain religion the lady believed in. the satsang went on for about 15 minutes but niruma guiding her in accordance with the jain principles did not show her a single mistake of the principles she believed in.
आज दोपहर 3:30 बजे मैं नीरू माँ का सत्संग सुन रहा था तो एक बहन कह रही थी कि जब मैं घास पर चलती हूँ तो मुझे बहुत दुःख होता है उसके जैन धर्म का एक भी प्रमाण न दुभे उस हेतु से नीरू माँ ने एक शब्द भी नहीं कहा 15 मिनटों तक सत्संग चला लेकिन जैन धर्म के सिद्धांत के अनुसार समझाते हुए, उसके एक भी सिद्धांत की भूल नहीं बताई कहा कि तुम आत्म जागृति में आ जाओ तो ऐसा होगा धीरे-धीरे बातें करते रहे लेकिन उसका प्रमाण न दूभे उस बहन की मान्यता थी कि हम जैन धर्म का पालन करते हैं हमारा यह उच्च है, यह उच्च है लेकिन कहीं भी उसका प्रमाण नहीं दूभे, ऐसी वाणी निकली यानी हम ऐसा लाना चाहते हैं कि, ऐसा कुछ... नीरू माँ की बातें सुन रहे हो, प्रश्नोत्तरी सुन रहे हो तो बहुत कुछ जानने मिलता है दादा की वाणी में भी बहुत कुछ मिलता है कि, किसी का प्रमाण... किसी ने कहा न कि, मैं मेडिटेशन करता हूँ तो दादा ने कहा कि, "ठीक है लेकिन उसका परिणाम ऐसा आएगा।" गलत तो किसी को नहीं कहते अगर तुझे यह पकड़ना हो तो ऐसा परिणाम आएगा और अगर तुझे इस मार्ग पर चलना है तो यह रास्ता पकड़ यानी किसी का प्रमाण न दूभे मतलब हम ऐसी वाणी लाना चाहते हैं लेकिन ऐसा कब होगा? तो जब हम गलत वाणी को पहचानेंगे तब करेक्ट वाणी कैसी होनी चाहिए उस पक्ष में जा सकेंगे इसलिए आज हम खास तौर पर बिगड़ी हुई गलतवाणी को रीपेयर करेंगे यानी दूसरा कुछ रीपेयर नहीं करना है लेकिन अपना अभिप्राय बदलना है ताकी किसी को दुःख न हो किसी का प्रमाण न दूभे, किसी के साथ बहस न हो वैसे तो हम अच्छी बातें ही कहते हैं, लेकिन जब टकराव हो जाता है और सामनेवाला बहस करता है तब हमारी वाणी गलत निकलने लगती है उसके लिए भी दादा पाँचवी कलम बोलने के लिए कहते हैं कि कोई कठोर भाषा, तंतीली भाषा बोले तो मुझे मृदु-ऋजु भाषा बोलने की शक्ति दीजिए हमें तो नम्र, सरल ऐसा ही रहना है हमेशा के लिए लेकिन जब अहंकार प्रतिकार करता है न, तब उलटे शब्द निकलने लगते हैं इसलिए हम तय करेंगे कि वाणी से किसी को दुःख न हो, किसी का प्रमाण न दूभे और जो कह दिया है उसके प्रतिक्रमण, प्रत्याख्यान करेंगे इस तरह खुद की कमज़ोरियाँ खोजेंगे तो धीरे-धीरे वाणी की प्योरिटी आएगी और यह सब से उच्चतम बात है और इसकी ज़रूरत है, एक भी शब्द किसी को दुःख हो ऐसा... द्रोपदी के शब्द "अंधे के अंधे" पर से तो महाभारत शुरू हो गया था पता नहीं कोई भी एक शब्द किसी को कैसे उल्टा पड़ जाए और उससे कितने राग-द्वेष और बैर बँध जाएँगे और इन बड़े परिवारों में, मैंने देखा है कि बड़े परिवारों में अगर एक-दो शब्द ऐसे निकल जाएँ...क्योंकि अंदर अभिप्राय तो भरे पड़े हैं और फिर कोई बात निकले तो किसी के लिए कुछ गलत बोल देते हैं और फिर वे नेगेटिव शब्द उस तक पहुँचे तो वह याद रखता है कि, मेरे बारे में ऐसा कहा, मैं तुझे देख लूँगा यानी हमारे शब्द... ये सब हम सीधा उससे कहते हैं या और किसी से कहते हैं लेकिन अंत में उसके आत्मा तक पहुँच ही जाते हैं और उसके साथ हम हिसाब में बँध जाते हैं इसलिए हर एक शब्द पर हम जागृति रख सकें ऐसा हमारा पुरूषार्थ होना ही चाहिए दूसरी बात, उस पर प्रतिक्रमण करो और बिगड़ी हुई बात को सुधार लो दादा कहते हैं न कि जब हमासे मतभेद होने लगा तो हम पलट गए जब हमसे पूछा कि परिवार में क्या देंगे? तब हमने कहा कि, चाँदी की थाली और बाकी इतना दे दो तब हीराबा ने कहा, आपके... तब दादा को लगा कि हमने गलती कर दी, हीराबा को "आपके" शब्द बोलना पड़ा इसलिए उन्होंने कहा कि, "ऐसा करो, 500 रु. नकद और साथ में चाँदी के बर्तन भी दे दो" तब हीराबा ने कहा, "नहीं, नहीं इतना ज़्यादा नहीं दे सकते।" तो सोल्युशन आ गया लेकिन मतभेद नहीं होने दिया यानी, सही शब्द दुःख नहीं देते और मतभेद भी नहीं होने देते और गलत शब्द दूरियाँ खड़ी करते हैं और अंदर गहराई में खुद के खराब भाववाले अभिप्राय रहते ही हैं इसीलिए दूरियाँ पैदा होती है इसलिए पहले हम अंदर का साफ करना चाहते हैं बाहर क्या हो रहा है उस पर से हम अंदर क्या चल रहा है वह सिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर बाहर गलत वाणी निकल रही है तो उस पर से अंदर के दोषों को खोजकर उन्हें साफ करेंगे तो फिर वाणी भी अच्छी निकलेगी इसलिए अच्छे से सामायिक करेंगे अंदर के शब्द और वाणी पर से किसी व्यक्ति के साथ जो बातचीत होती हैं या फिर उस व्यक्ति के बारे में किसी और के साथ जो बातें करते हैं तब जो गलत शब्द बोलते हैं, उस पर से उस व्यक्ति के बारे में अपने गलत अभिप्राय खोज निकालो और उन्हें डिज़ोल्व करना है कि मुझे किसी के लिए गलत अभिप्राय नहीं रखने हैं मुझे कोई अभिप्राय नहीं रखने हैं सब में पॉज़िटिव ही देखना है और शुद्धात्मा ही देखना है और किसी भी उल्टे शब्द का बहुत प्रतिक्रमण करके उसे साफ कर लेंगे इसकी बहुत आवश्यकता है फिर अपनी करीबी व्यक्तियों में अभेदता और प्रेम और बढ़ जाएगा और सहाध्यायिओं के लिए तो इसकी खास ज़रूरत है एक शब्द आज सुबह प्रेम की बात में यही था कि यदि कोई उसके लिए कुछ उल्टा बोले तो भी हमें उसके लिए अच्छा ही बोलना है हमारे सामने ही उल्टा बोल रहा हो तो भी हमें प्रेम ही रखना है और अगर हमारा किसी से टकराव हो जाए और कोई उसके लिए उल्टा-सीधा सिखाएँ तो भी हमें वैसा नहीं करना है हमें फिर भी उसके लिए प्रेम ही रखना है उसमें वाणी सब से बड़ा आधार है, कि हमें एक भी गलत शब्द नहीं बोलना है हमने अगर किसी के लिए नेगेटिव कहा हो और जब वह बात उसे मालूम पड़ती है तब दूरियाँ बहुत बढ़ जाती हैं और अगर हमने प्रेमवाले शब्द कहे हों... हमारे साथ ऐसा हुआ था नीरू माँ के सत्संग में एक लड़की ने पौने घंटे तक बहस की, कि मेरी मम्मी मेरी छोटी बहन का पक्ष लेती है मेरे साथ ऐसा है, वैसा है नीरू माँ के साथ ज़बरदस्त बहस की फिर सत्संग चल रहा था और मेरे ख्याल से अंत में कुछ डिम्पल को पता था कि उसकी मम्मी ने उसके लिए क्या कहा था इसलिए डिम्पल ने बीच में कहा कि, तेरी मम्मी ने तेरे बारे में क्या बातें कही हैं तुझे पता है?
Последнее обновление: 2019-07-06
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