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मै खाना खा रहा हूँ
હું ખોરાક ખાઈ રહ્યો છું
Son Güncelleme: 2023-02-06
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आपने खाना खा लिया
kha se ho
Son Güncelleme: 2022-01-29
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तुमने खाना खा लिया
Son Güncelleme: 2021-01-16
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मैं एक पत्र लिख रहा हूँ
main ek patra lek rah hu
Son Güncelleme: 2021-11-22
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मैं एक किताब पढ़ रहा हूँ
i am reading a book
Son Güncelleme: 2021-02-22
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मैं खेल रहा हूं
હુ રમુ છુ
Son Güncelleme: 2022-02-14
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खाना खाने जा रहे है
khana khane ja rahe hai
Son Güncelleme: 2024-02-28
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मैं गुजरात आ रहा हूं
main gujarat aa raha hoon
Son Güncelleme: 2022-09-30
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क्या आप जानते हैं कि मैं क्या कर रहा हूं?
maru man mohi gayu che
Son Güncelleme: 2023-10-24
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यीशु ने उस से कहा, मैं जो तुझ से बोल रहा हूं, वही हूं।।
પછી ઈસુએ કહ્યું, “જે વ્યક્તિ હમણાં તારી સાથે વાત કરે છે. હું તે મસીહ છું.”
Son Güncelleme: 2019-08-09
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सो उस ने उसे बुलाकर कहा, यह क्या है जो मै तेरे विषय में सुन रहा हूं? अपने भण्डारीपन का लेखा दे; क्योंकि तू आगे को भण्डारी नहीं रह सकता।
તેથી તેણે તેને અંદર બોલાવ્યો. અને તેને કહ્યું; ‘મેં તારા વિષે ખરાબ વાતો સાંભળી છે. તેં મારા પૈસાનું શું કર્યુ છે તેનો હિસાબ મને આપ. હવે તું મારો કારભારી રહી શકીશ નહિ!’
Son Güncelleme: 2019-08-09
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जब वे खा रहे थे, तो उस ने कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम में से एक मुझे पकड़वाएगा।
તેઓ બધા જમતા હતા. પછી ઈસુએ કહ્યું, “હું તમને સત્ય કહું છું. તમારા બારમાંનો એક જે અહીં છે તે મને જલ્દીથી દુશ્મનોને સુપ્રત કરશે.”
Son Güncelleme: 2019-08-09
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जो लोग गांवों में रहते हैं उन्हें शहरी जीवन अत्यधिक अरूचिकर लगता है । वहाँ का शोर-शराबा, धूल और धुँआ, भागदौड़ और अशांति उन्हें चका-चौंध कर देती है । वे लोग आराम से जीवन को व्याप्त करने के आदी होते हैं इसलिए वे ऐसा समझते है जैसे विदेश में आ गए हों । वहाँ के निरंतर शोर को वे सह नहीं सकते और बड़े तनाव की स्थिति में रहते है । परंतु शहर में जन्मे और वहीं पर पले व्यक्ति की स्थिति बिल्कुल भिन्न होती है । यह भीड़-भाड़ और लोगों की गहमा-गहमी उसको निरंतर शक्ति प्रदान करती है । इससे वह लोगो के संपर्क में आता है और उसमें मानवीय भाईचारे की भावना पैदा होती है । वह हमेशा उत्साहपूर्ण रहता है और इससे अच्छा अनुभव करता है । प्रत्येक दिन उसके सामने नई समस्याएं और उलझनें लाता हैं और उसे इनमें जल्दी से जल्दी तालमेल बिठाना होता है जिसके लिए उसे काफी परिश्रम करना पड़ता है । जीवन उसके लिए साहसपूर्ण, नवीनता से परिपूर्ण और हर कदम पर अप्रत्याशित होता है । शहरी जीवन की अपनी ही एक विशेष पद्धति होती है । सवेरा होते ही फेरी लगाने वालों और मोटरगाड़ियों के भोंपुओं की आवाजें आने लगती है । जैसे-जैसे दिन चढ़ता जाता है यह शोर और हलचल बढ़ती ही जाती है । जब दोपहर होती है तो कुछ घंटो के लिए रिहायशी क्षेत्रों में कुछ शांति हो जाती है । दोपहर बाद यह शोर बढ़ने लगता है । बच्चे स्कूलों से आते हैं और जल्दी-जल्दी खाना खाकर खेलने के लिए मैदानों में चले जाते हैं । दफ्तर के बाबू और कारखानों के मजदूर थके-मांदे और उदासीन घर को लौटते हैं, आराम से चाय-पानी पीते है और समूहों में बैठकर एक दूसरे से बातें करते और सुनते हैं । मोटर कारों के भोंपू एक बार फिर गलियों में गूँजते है । दुकानों पर स्त्री-पुरूषों की भीड़ खरीदारी के लिए इकट्ठा हो जाती है । सभी सिनेमाघरों में मनोरंजन के इच्छुक लोगों की भीड़ लग जाती है और फिर धीरे-धीरे यह तेजी घटती जाती है और रात्रि के अंधकार में समा जाती है । प्राय: लोग शहरों में रहना पसंद करते है । जॉनसन ने एक बार कहा था कि ” जब कोई व्यक्ति लंदन से ऊब जाता है तो वह जीवन से ही ऊब जाता है । ” यही बात सब शहरों के बारे में कही जा सकती है । शहरों के प्रति प्रेम के कई कारण है । शहरों में बहुत से लोगों को रोजगार मिलता है और इसीलिए वे शहरों की हानियों को भी सहन कर लेते है । शहरों में हजारों व्यवसाय हैं । advertisements: वहाँ पर आधुनिक जीवन की सभी सुख-सुविधाएं मिलती है, जो हमारे गांव में उपलब्ध नहीं होती । शहरों मे हर प्रकृति और स्वभाव के लोगों के लिए स्थान है । यहाँ पर नीरसता और उदासीनता की भावना कभी भी उत्पन्न नहीं होती । इन सभी कारणों से जो लोग शहरों को अच्छा नहीं समझते वे भी शहरों की ओर खिंचे आते हैं । नगर वास्तव में उन लोगों के लिए विश्वविद्यालय होते हैं जो अनुभव और अवलोकन से कुछ सीखना चाहते हैं । किसी ने ठीक ही कहा है कि ”यदि आप चाहते हैं कि आपको सभी जाने और आप कुछ न जाने तो गांव में रहें, परन्तु यदि जानना चाहते हैं और आपको कोई न जाने, तो शहर में रहो ।”
Son Güncelleme: 2020-10-13
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