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i think its enough
i think its enough
Last Update: 2016-08-02
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it's enough.
jyada ho gaya
Last Update: 2015-11-23
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i hope it's enough.
मैं यह पर्याप्त है आशा
Last Update: 2017-10-12
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that's it enough for me you come
ok lets talk time
Last Update: 2021-02-28
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i think it's enough for today
मुझे लगता है कि यह आज के लिए पर्याप्त है
Last Update: 2023-03-24
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i don't say it enough to my best friend
मैं इसे पर्याप्त नहीं कहता बीटी आई लव यू
Last Update: 2024-08-25
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the house is small, but it's enough for us.
घर तो छोटा है, किन्तु हमारे लिए पर्याप्त है।
Last Update: 2019-07-10
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wasn ' t it enough to have the whole town full of it ?
क्या यह काफ़ी नहीं कि समूचा शहर मृत्यु की गन्ध से भरा है ?
Last Update: 2020-05-24
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it's enough for you that allah knows what in your heart
अल्लाह जानता है कि आपके दिल में क्या है और यह काफी है
Last Update: 2025-02-10
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your attention means the world to me and it's enough for me
आपका ध्यान मेरे लिए दुनिया का मतलब है
Last Update: 2022-08-16
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for me, it's enough to eat what's called a heartache
मैं खाना नहीं चाहता
Last Update: 2021-10-16
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here its enough to say that due to these disputed matters disiples of prophet mohd also had disputes among themselves and with other religious pandits too but this was disliked by prophet mohd
यहां इतना कहना पर्याप्त होगा कि पैगम्बर मुहम्मद ने अपने अनुयायियों में सेहतमंद विभेद को बढ़ावा दिया किन्तु मतभिन्नता के आधार पर कट्टरपन और गुटबंदी को आपने पसंद नहीं किया ।
Last Update: 2020-05-24
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i don't want world attention. your attention means the world to me and it's enough for me
मैं नहीं चाहता कि दुनिया पर आपका ध्यान पर्याप्त हो
Last Update: 2023-07-17
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thank you for always being a shoulder to lean on. i might not say it enough, but i love you from the bottom of my heart. happy birthday!
जन्मदिन मुबारक हो, माँ! मैं केवल यह आशा कर सकता हूं कि मैं एक दिन आपके जैसा अच्छा काम करूं।
Last Update: 2024-04-08
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bullshit , carry on , definitely , anymore , forget it , let it pass , how come , is it so ! it's enough.
बकवास, जारी रखो, निश्चित रूप से, अब और, इसे भूल जाओ, इसे जाने दो, कैसे आया, क्या ऐसा है! बहुत हो गया।
Last Update: 2021-09-21
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maybe all your life, you are living with an assumption of who you are, and it's kind of enough. it's not enough but it's enough, because you can make it somehow based upon an identity and live the rest of this bodily existence with that identity. you can do it but you have a choice to go beyond all of this into the truth of your being because all this time you are still only the being but you are unaware.
शायद तुम सारा जीवन तुम कौन हो की एक धारणा के साथ जी रहे हो तुम कौन हो कि एक धारणा के साथ जी रहे हो. और यह सोचते हो की यह पर्याप्त है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है, पर काफी है , क्योंकि तुम इसे एक पहचान के आधार पर जान सकते हो. और अपना बाकी जीवन इस शारीरिक अस्तित्व के पहचान सहारे जी सकते हो. तुम ये कर सकते हो. पर तुम्हारे पास एक विकल्प है, जो इसके परे भी ले जा सकता है अपने अस्तित्व की सच्चाई में . क्योंकि तुम हमेशा से केवल एक अस्तित्व ही हो . लेकिन तुम अनजान हो। जैसा मैं किसी को कहता हूँ, तुम्हारे घर के नीचे धन छिपा है, लेकिन तुम बेखबर हो. तुम्हारे पति या पत्नी , तुम्हे छोड़ गए हो या कहीं और चले गए या उनकी मृत्यु हो गयी और तुम्हारे लिए घर के नीचे यह धनराशि छोड़ गए , लेकिन तुम इससे अनजान हो. और फिर तुम्हारे जानकारी में जो पैसे हैं, वो समाप्त हो गया है। किसी और को इस छिपे धन के बारे में पता है। पर तुम इसके बारे में अनजान हो . और तुम्हे भीख मांगना पड़ रहा है . क्योंकि तुम गरीब हो चुके हो , तुम भीख मांग रहे हो . और फिर कोई तुम्हारे पास आता है और कहता है सुनो, तुम भीख क्यों माँग रहे हो ?यह सब धन तुम्हारा है। तुम किस धन के बारे में बात कर रहे हो ? यह सब धन देखो. मैं तुम्हें दिखाता हूँ. और फिर हम एक साथ खुदाई करते हैं . मैं कहता हूँ तुम खुदाई करो और खोदो . और फिर तुमको यह धन मिल जाता है। तो यद्यपि यह धन वहाँ हर समय था , पर क्या तुम अमीर थे ? नहीं, क्योंकि तुम्हे इसके बारे में पता नहीं था . अतः सत्संग तुम्हे इस धन के बारे में अवगत कराता है . यह कौन सा धन है ? जो तुम्हे अवगत कराता है कि तुम धनवान हो . तुम इस दुनिया का चक्कर इस तरह लगा रहे हो जैसे तुम सबसे जुदा हो जैसे कि तुम अनाथ हो . जैसे की तुम्हारे पास कुछ भी शेष नहीं . हाय मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है ये सब क्या हुआ ..... और मै कहता हूँ , तुम राजा हो , तुम रानी हो अपने राज्य के . तुम अपनी प्रजा के पास क्यों जा रहे हो? और उनसे पैसे उधार क्यों मांग रहे हो ? तुम अपने देश की रानी हो . यह तुम्हे क्या हो गया ? तो तुम कहती हो , मैं रानी कैसे हूँ ? तुम क्या बात कह रहे हो ? ' मैं तो हमेशा से गरीब रही हूँ ', और अब मैं तुमसे कहता हूँ कि ये मेरा कर्तव्य है कि ये साबित करूँ कि तुम गरीब नहीं हो . क्या तुम यह खोज करना चाहते हो कि तुम गरीब हो या नहीं ? तुम चाहे कुछ भी कहो पर मैं तो गरीब हूँ , मेरे कपड़े देखो , देखो मैं कहाँ रहता हूँ . पर मैं यह कहता हूँ कि इन सबसे तुम गरीब नहीं कहलाते , तुम मुझे वो सब दिखा रहे हो जो तुम्हारे पास नहीं है , पर मैं तुम्हे वो दिखा रहा हूँ जो तुम्हारे पास है . लेकिन तुम वो खोज रहे हो जो तुम सोचते हो कि तुम्हारे पास नहीं है और जो तुम्हारे पास नहीं है उसके लिए तुम कुछ नहीं कर सकते . और जो तुम्हारे पास है उसके लिए तुम्हे कोई सहायता नहीं चाहिए . तो ये बताओ कहानी कि शुरुआत कहाँ से करूँ ? क्या तुम्हे मैं एक गरीब व्यक्ति , प्रताड़ित बच्चे की तरह संबोधित करूँ ? जब मैं सामने देखता हूँ , मैं कुछ नहीं देखता , प्रताड़ना भी नहीं . मैं तो केवल पवित्र आत्मा देखता हूँ . केवल शुद्ध अस्तित्व देखता हूँ . तुम इस सम्पूर्ण से उदयमान हो और इस शरीर में अस्तित्व की भावना को महसूस कर रहे हो . जो कि अभी भी पवित्र है अपनी जगह पर ,उस जगह, जहाँ महसूस करता हूँ मेरी आत्मा को .वह अभी भी पवित्र है. यह अभी भी किसी का पुत्र ,पत्नी या पति नहीं है. इसका न कोई धर्म ,न मान्यता न कोई दर्शन है न इसका कोई ईरादा , न भूत ,न भविष्य और न कोई स्मृति है . इसे इन सब की जरूरत नहीं है। यह अपने से स्वयं अच्छी तरह चमक रहा है. लेकिन तब यह शरीर को चुनता है और कहता है, मैं शरीर हूँ, क्योंकि यह शरीर के साथ काम कर रहा है. हमे अनुभव प्राप्त करने के लिए शरीर की जरूरत है. शरीर मासूम है. यह केवल साधन है जिसके माध्यम से संपूर्ण प्रकटीकरण, मैं हूँ की भावना से , इसके स्वाद को चख सकते हैं और आनंद का अनुभव कर सकते हैं। अतः मैं यह बार बार कहता हूँ , क्योंकि यह स्पष्ट हो जाना चाहिए. जिससे तुम सही स्तिथि को समझ सको , कि तुम कहाँ हो , वर्तमान में हम परिभाषित कर रहे हैं या वर्णन कर रहे हैं जैसे तुम केवल एक कर्म के रूप में हो, यह विश्वसनीय और अनुकूल नहीं है , यह मन की दशा और अन्य बातों पर निर्भर है जिनका हमें पता नहीं और जो अपनी अभिव्यक्ति में क्षणिक है. अपनी आत्मा को इस तरह क्यों परिभाषित करते हो ? यह सब आ और जा रहा है यह अपने आप को भी याद नहीं करता है. तुम छींकते हो . पर क्या इसे लिखने की जरुरत है?कल 2:30 बजे मै छींका था . क्या छींक यह याद रखता है कि ओह,कल मैं छींका गया था. कुछ भी याद रखने योग्य नहीं है ,तो फिर यह क्या है जिसे तुम याद करते हो कि यह घटित हुआ था . कुछ भी नहीं हो रहा है जब तक कि मन कहता है कि कुछ हुआ है, प्रभावी ढंग से कुछ भी नहीं हुआ. मन का कहना है कि कुछ हुआ है और फिर हम इसे अपनी यादास्त में संजो कर रख लेते हैं। लेकिन ये तुम्हारी धारणा है , वास्तव में सब लोगों की कई चीजे तुम्हारी आँखें देखती पर तुम याद नहीं रखते हो . कई चीजों का तुम स्पर्श करते हो, स्वाद लेते हो, सूंघते हो, पर तुम इसका कोई हिसाब नहीं रखते , और इसलिए उस हद तक तुम्हे परेशान नहीं होना पड़ेगा . तुम केवल उसीसे परेशान होते हो जिसे तुम याद रखते हो। और जो तुम्हे महत्वपूर्ण लगता है. और जिसको तुमने अर्थ दिया हो, ये चीजों तुम्हे कष्ट दे रही है . तुम अपने आप को इन सबसे मुक्त क्यों नहीं कर लेते ? क्योंकि वह महत्वपूर्ण नहीं हैं. जब तुम वहाँ नहीं होते हो , उस समय तुम महासुखी होते हो, तुम्हे बड़ा अचम्भा लगता होगा जब तुम वहाँ नहीं होते हो, उस समय तुम महासुखी होते हो, और यह अपनी पहचान को बनाये रखने की एक प्रक्रिया है। जब मै चार साल का था तब ये घटित हुआ था , और जब मैं छह साल का था ...... इसलिए ये सब मुझे 'मैं ' बनाते हैं तुम्हारी आत्मा के इस रूप को जन्मा देता है , इससे ही मन जीता है शर्तों के साथ तब तुम यह समझते हो कि तुम कुछ हो जितना ज्यादा तुम यह समझते हो कि तुम कुछ हो, उतना ही तुम 'कुछ नहीं ' से दूर होते हो . तब तुम इस कुछ नहीं होने के लाभ से ,खालीपन होने से,वंचित होते हो। कुछ नहीं मतलब ना - चीज , नाचीज तुम कोई वस्तु नहीं हो, बल्कि तुम बुद्धि हो , एक आत्मा जिसके समक्ष समस्त का उदय होता है जिस तरह दृश्यों का एक छणिक प्रकटीकरण होता है और फिर शांत हो जाता है तुम उन सबके साक्षी होते हो तो कुछ भी कष्टदायक नहीं होता है, प्रेत कहता है कृपया मेरी अनिद्रा का इलाज करो . कृपया मेरी अनिद्रा का इलाज करो . ठीक है . और फिर मेरी अनिद्रा के चिकित्सा के बाद , मुझे यह दिखाओ कि मैं कुछ नहीं हूँ मैं कहता हूँ नहीं, नहीं, नहीं . चलो कुछ समय की बचत करते हुए , तुम्हे पहले यह बताता हूँ कि तुम कुछ नहीं हो. फिर यह देखना कि अनिद्रा के इलाज की जरुरत है . क्योंकि जबतक तुम ये विश्वास करोगे की तुम यह सब हो तब तुम इस बीमारी में भी विश्वास करोगे यह जल्दबाजी होगी .
Last Update: 2019-07-06
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