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essay on raspberry fruit
रास्पबेरी फल पर निबंध
Last Update: 2016-09-11
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star fruit
कच्चा नारियल
Last Update: 2020-10-08
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chicken fruit
गाजर का रंग नारंगी होता है
Last Update: 2021-01-19
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[blows raspberry]
[वार रास्पबेरी]
Last Update: 2017-10-12
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(it's a seed) radishes? raspberries?
(यह एक बीज है) मूली? रास्पबेरी? टोफू? आप इन चीजों के विज्ञापन टीवी पर नहीं देखते हैं . इनके स्थान पर आप क्या देखते हैं? आओ थोडा मांस खा लो, पनीर खा लो! अपने मांस पर कुछ और पनीर लो! मांस, पनीर, डबल पनीर, अतिरिक्त पनीर, अपने गोश्त पर और थोडा पनीर ले लो? गाय का और दूध पी लो, कुछ अंडे और खा लो! इन विज्ञापनों के बीच मैं आप और क्या देख रहे हैं??? क्यों? क्या आप कुछ अच्छा नहीं महसूस कर रहे हैं? क्या कैंसर विशेषज्ञ या दिल के डॉक्टर से मिलना चाहते हैं? क्य lipitor, zocor, crestor, plavix की जरूरत है?? कुछ आहार गोलियों की जरूरत है? किसी उर्जा दायक पेय पदार्थ की आवशयकता है क्या आपको? पेपटो बिस्मोल .. आपको बेवकूफ बनाया जा रहा है. वे तुम्हें मार रहे हैं, वे जानवरों को मार रहे हैं, और वे इस ग्रह को मार रहे हैं. और आपकी आँखों पर कस कर पट्टी बंधी हुई है, पर आज आपसे बस यही प्रार्थना है की खुले दिमाग से मेरी बात सुनिए, मैं आपकी आँखों पर पड़ी पट्टी को हटा दूंगा! मेरा एक ही लक्ष्य है. मैं इंसानों को जानवरों के साथ फिर से जोड़ना चाहता हूँ. मैं उन भावनाओं और तर्कों को जाग्रत करना चाहता हूँ जिन्हें हमारे समाज ने जान बूझ कर दबाया या धरती के नीचे दफ़न कर दिया है. मैंने 'जोड़ना' शब्द इसलिए चुना है क्योंकि एक दिन ऐसा था जब इस कमरे में बैठा हर व्यक्ति पशु अधिकारों का समर्थक हुआ करता था, हम सब जानवरों से प्रेम करते थे और उनके सच्चे मित्र थे. बचपन मैं हम ऐसे ही थे. जब हम छोटे थे, बच्चे थे, यार हम जानवरों से प्रभावित रहते थे. जानवर हमें हंसाते थे, हम उनके साथ मुस्कुराते थे. वो हमें बहुत आनंद देते थे! और एक समय ऐसा था जब हम भी उन्हें खुश देखने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते थे. उन्हें क्रूरता से बचाने के लिए! या कम से कम उन पर होने वाले अत्याचार को हम स्वीकार करते थे, नकारते नहीं थे. मेरा मतलब है जब हम बच्चे थे अगर हमारे सामने कोई किसी जानवर को तंग करता था, तो हम चीखते या रोते थे. क्योंकि तब हम जानवरों के प्रति सही और गलत व्यव्हार के बीच का अंतर समझते थे. उसके बाद हमें कुछ और सिखाया गया. आप इस बात को मानिये की किसी ने आपको सिखाया होगा जानवरों की पीड़ा को अनदेखा करना चाहिए! उनका जीवन, दर्द और तकलीफ मजाक का विषय हैं. उनका अस्तित्व एक मजाक है. आज आप इस बात पर अपना ध्यान केन्द्रित कीजिये - आज, कल और भविष्य में...... हम इतना कैसे बदल गए बचपन से आज तक? हमें किसने सिखाया इतना नीच, बुरा और घृणास्पद होना? और जानवर जो हमारे दोस्त हुआ करते थे उनसे उदासीन कैसे हो गए हम? वो तो निर्दोष प्राणी हैं जिन्होंने हमारा कुछ भी नहीं बिगाड़ा है!! मुझे यकीन है की एक बात पर तो हम सब अभी सहमत हो सकते हैं ... घृणा, एक सीखा हुआ व्यवहार है. कोई अपने दिल मैं इसे ले कर पैदा नहीं होता. नस्लवाद. लींगवाद. समलैंगिकवाद. यहूदियों से नफरत, जाति से द्वेष ... ये सब हमें सिखाया जाता है! जब बच्चे दो, तीन, चार वर्ष के होते हैं, मैदान में खेल रहे होते हैं, तो उन्हें अपने मित्रों के धर्म या उनकी त्वचा के रंग से कोई मतलब नहीं होता मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है की नफ़रत करना हमें सिखाया जाता है प्रजाति वाद भी ऐसी ही चीज़ है. बहुत से लोगों के लिए ये एक नया शब्द है, यह यहाँ स्क्रीन पर शब्द "वीगन" से नीचे है, यहाँ " प्रजाति " शब्द के साथ " वाद " को जोड़ा गया है, और मैं इस शब्द का " अनैतिकता से सम्पूर्ण सोच " की परिभाषा के रूप मैं प्रयोग करूंगा , अनैतिक सोच के अनुसार मनुष्य को अन्य प्रजातियों की हत्या करने और उनका फायदा लेने का पूरा अधिकार है. और वो इसलिए की हम अपनी प्रजाति को बहुत ख़ास मानते हैं, मनुष्य अन्य प्रजातियों की तुलना मैं अपने को अत्यंत श्रेष्ट समझता है, और ये सोचता है की बस हम ही हैं जो किसी गिनती मैं आते हैं - " एको अहम् द्वितीयो नास्ति " . आप ही बताइए क्या मैं गलत कह रहा हूँ? इस प्रकार की सोच, भेदभाव के सभी रूपों का आधार है. एक गुट का यह कहना की वो सबसे बढ़ कर है या विशेष है, उसके उपरांत औरों का शोषण करना, उन पर अत्याचार करना और उनकी स्वंतन्त्रता को नष्ट करना. अक्सर उन्हें संपत्ति समझना और अपना गुलाम बना कर रखना, उनकी जान बूझ कर हत्या करना और इसके लिए कोई दंड नहीं भुगतना. भेदभाव के बारे में एक बात समझना आवश्यक है! किसी भी प्रकार का भेदभाव गलत है और ये सोचना ठीक नहीं की किस प्रकार के भेदभाव का विरोध करना चाहिए और किसका नहीं ..... और किस प्रकार का भेदभाव बुरा होता है - नस्लवाद? और किस प्रकार का भेदभाव सही है - प्रजाति वाद? भेदभाव की तो नींव ही या तो गलत है या फिर सही है. इसमें दो मत नहीं हो सकते हैं ... अब मैं आपसे सहानुभूति की प्रार्थना करता हूँ. और जब मैं सहानुभूति मांगता हूँ तो यह कहता हूँ: " आप अपने आप को जानवरों की जगह रख कर देखिये " ,
Last Update: 2019-07-06
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