Results for why this why that why then why now translation from English to Hindi

English

Translate

why this why that why then why now

Translate

Hindi

Translate
Translate

Instantly translate texts, documents and voice with Lara

Translate now

Human contributions

From professional translators, enterprises, web pages and freely available translation repositories.

Add a translation

English

Hindi

Info

English

then why this ? ” “

Hindi

तो फिर यह क्यों ? ”

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

and then why that even matters .

Hindi

और यह हमारे लिए अहमियत क्यों रखता है ।

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

each other . so that’s why this formula has the form

Hindi

एक - दूसरे के साथ . तो यही कारण है कि यह सूत्र रूप है

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

that's why that old boy back there scared the shit out of you.

Hindi

कि पुराने लड़का वापस वहाँ आप की गंदगी बाहर डर क्यों यही है.

Last Update: 2017-10-12
Usage Frequency: 1
Quality:

English

i perceive you are within me then why this feeling of your remaining outside ?

Hindi

मैं तुम्हें अपने भीतर पाता हूँ फिर क्यों ऐसा महसूस होता है कि तुम मुझसे अलग हो ?

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

if the heart were not meant to love , then why mast thou filled the morning sky with songs , why this wonder of the stars in the sky , why this profusion of flowers on this earth , why these whispers in the wind ?

Hindi

“ अगर हृदय प्रेम के लिए नहीं बना तो तुम भोर का आकाश गानों से क्यों भर देते हो , यह धरती ढेर सारे फूलों के साथ क्यों खिल उठती है और हवा में मीठी गुनगुनाहट - सी क्यों तिरती रहती है ?

Last Update: 2020-05-24
Usage Frequency: 1
Quality:

English

[interferences] related to people, that why do they give this to dimplebhai to handle? why are they doing this? why are you using your intellect to interfere?

Hindi

"व्यक्तियों के" या "ये लोग डिम्पल भाई को ये काम क्यों सौंप देते हैं?" "ऐसा क्यों करते हैं?" अरे! दखल करने के लिए बुद्धि का उपयोग क्यों करते हो? कितना ज़्यादा एडजस्टमेन्ट लेकर ये सब सॉल्यूशन... और हमारा हेतु क्या है? कि सभी को सत्संग का लाभ मिले ज्ञान का लाभ मिले, दर्शन का लाभ मिले तो सब व्यवस्था करने के लिए किसी न किसी निमित्त की ज़रूरत पड़ती है तो हमने अगर किसी का नाम लिया हो तो दूसरे व्यक्ति की बुद्धि खड़ी हो जाती है अब किसी के भी निमित्त से... अंत में तो व्यवस्थित के हिसाब से ही होगा और देव-देवियों के आशीर्वाद से होगा उसे हम मुख्य समझते हैं व्यवस्थित, दादा, नीरू माँ को ऊपर रखते हैं यानी ये सारी व्यवस्था नैमित्तिक सेट होती है और उसमें भी हम कोई पहले से अनुभवी थोड़े ही है ऐसे एडजस्टमेन्ट लेते हुए आगे बढ़ रहे हैं हम सभी की भावना है कि हर एक, सब से छोटा और सब से देर से आया हो न कोई दो-ढ़ाई बजे भी आता है और कहते हैं कि इसे दर्शन नहीं हो पाए तो उसे भी दर्शन मिले वैसी व्यवस्था की गई होती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सब लोग दो-ढ़ाई बजे आना न, दर्शन मिलेंगे ही कोई नहीं आ पाया हो तो उसके लिए सेटिंग कर देते हैं सभी को पर्सनल मिलने के लिए भी सेटिंग करते हैं कोई नहीं मिल पाए, ऐसा करते ही नहीं है उसके लिए हम खास तौर से व्यवस्था करते हैं कि, आप पत्र देंगे तो मिलने का समय सेट कर देंगे, ताकि आपको भी सुविधा रहे और हम फ्री टाइम में आपके साथ बात कर सकें यानी इस प्रकार की व्यवस्था यहाँ सेट की गई है इतने सारे प्रश्न आते हैं, सभी का जवाब हम नहीं दे पाते इसके लिए भी व्यवस्था की गई है आप्तपुत्रों और आप्तपुत्रियों द्वारा "सहायता केन्द्र" की व्यवस्था की गई है कि उस निमित्त से उनसे मिलकर आप अपने जीवन के छोटे-बड़े प्रश्नों का सॉल्यूशन कर सकते हो ये सारी व्यवस्थाएँ हमने इसलिए रखी हैं ताकि हर एक को उसकी प्रगति की लिंक मिल सके फिर भी अगर आपकी बुद्धि कभी दखल करती हो तो उसे ही आज हम सामायिक में लेना चाहते हैं कि सत्संग के लिए या महात्माओं के लिए या ज्ञानी के लिए, देव-देवियों और भगवंतों के लिए कि "अन्य सभी के रखे हैं तो हमारे भगवान क्यों नहीं रखे हैं?" ऐसी तरह-तरह की बुद्धि खड़ी होती है और अगर आज नहीं हुई होगी तो पहले कभी हुई होगी सत्संग में आने से पहले हमें कितना नेगेटिव-पॉज़िटिव हुआ होगा, बाद में हमने सत्संग में आना शुरू किया होगा तो आज हम इस पर (सामायिक) करेंगे कि जब से इस सत्संग में आना शुरू किया तब से हमें दादा-परिवार की किसी भी सेवा या कार्य या मंदिरों या व्यवस्था के लिए हमें किसी भी प्रकार के नेगेटीव हुए हों तो सभी के प्रतिक्रमण-प्रत्याख्यान करेंगे और ऐसी भावना करेंगे कि चाहे कुछ भी हुआ हो तो भी व्यक्ति को गुनहगार देखना ही नहीं है किसी भी प्रॉब्लेम के सॉल्यूशन के लिए बुद्धि का उपयोग करो लेकिन व्यक्ति को गुनहगार देखने के लिए बुद्धि का उपयोग मत करो और यह सिद्धांत हम हमेशा के लिए पकड़ कर रखेंगे कि चाहे कोई भी प्रॉब्लेम आए तो सब मिलकर उसे कैसे सॉल्व करें? हम सब एक हैं और सभी हमारे हैं, सब मिलकर सॉल्व करेंगे लेकिन व्यक्ति को... कि यह देर से आया, यह ऐसा है और तुम ऐसा नहीं कर सकते, उसको निकाल दो व्यक्ति के लिए कोई भी दखल... क्योंकि व्यक्ति, मूल स्वरूप में सभी आत्मा हैं मूल स्वरूप में सभी भगवान ही हैं हमें किसी को दोषित भी नहीं देखना है, किसी को गुनहगार भी नहीं देखना है किसी पर आक्षेप भी नहीं लगाना है, किसी की गलतियाँ भी नहीं निकालनी हैं किसी के नेगेटिव भी नहीं देखने हैं प्रॉब्लेम के सॉल्यूशन के लिए सब मिलकर बुद्धि का उपयोग करो अगर कोई नया तरीका मिल जाएगा तो हम सभी के लिए मददरूप होगा लेकिन अगर हमारी बुद्धि का उपयोग व्यक्ति को दोषित देखने में हुआ हो, तो उसे आज खास तौर से सामायिक में लेंगे कि किसी भी प्रॉब्लेम के कारण व्यक्ति को दोषित देख लिया हो वह गलत है हमारे सभी महात्मा "ज्ञानी महात्मा" कहलाते हैं

Last Update: 2019-07-06
Usage Frequency: 4
Quality:

Warning: Contains invisible HTML formatting

English

we thought, "well look it's just obvious, everything should just fall down, that's just the way the universe is. to think otherwise would just be crazy." and that's why this guy, this guy right over here, is one of the greatest geniuses of all time.

Hindi

hum sab ne soocha, "deekho, har kissi cheeze ko ghirna he chaihey, ye to sadharan hai aur is ke vipareet soochna pagalpanti hai" aur is lie ye insaan, ye insaan, sabse bade buddhimanno me se ek hai.

Last Update: 2019-07-06
Usage Frequency: 4
Quality:

Warning: Contains invisible HTML formatting

Some human translations with low relevance have been hidden.
Show low-relevance results.

Get a better translation with
9,247,611,903 human contributions

Users are now asking for help:



We use cookies to enhance your experience. By continuing to visit this site you agree to our use of cookies. Learn more. OK