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slogan of wheat in hindi
हिंदी में गेहूं का नारा
Última actualización: 2022-10-25
Frecuencia de uso: 2
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Referencia:
slogan of women's education
nari shiksha ka slogan
Última actualización: 2016-05-30
Frecuencia de uso: 2
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Referencia:
or to feed in times of famine
या भूख के दिन रिश्तेदार यतीम या ख़ाकसार
Última actualización: 2020-05-24
Frecuencia de uso: 1
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who were on the verge of famine .
जो कि भुखमरी के कगार पर हैं ।
Última actualización: 2020-05-24
Frecuencia de uso: 1
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Referencia:
or the feeding in times of famine
या भूख के दिन रिश्तेदार यतीम या ख़ाकसार
Última actualización: 2020-05-24
Frecuencia de uso: 1
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Referencia:
or , in a day of famine , the feeding of
या भूख के दिन रिश्तेदार यतीम या ख़ाकसार
Última actualización: 2020-05-24
Frecuencia de uso: 1
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the slogan of jai kisan given by shastriji has come true .
शास्त्रीजी का नारा ‘जय किसान’ अब साकार हो गया है ।
Última actualización: 2020-05-24
Frecuencia de uso: 1
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people become careless and so the pressure of famine increases .
लोग लापरवाह हो जाते हैं और इसलिए अकालों का दबाव बढ़ जाता है ।
Última actualización: 2020-05-24
Frecuencia de uso: 1
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our skin is black like an oven, because of the burning heat of famine.
भूख की झुलसाने वाली आग के कारण, हमारा चमड़ा तंदूर की नाई काला हो गया है।
Última actualización: 2019-08-09
Frecuencia de uso: 1
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after the bomb exploded , they started shouting the slogan of inquilab zindabad .
बम फटने के बाद उन्होंने इन्कलाब - जिंदाबाद का नारा लगाना चालू कर दिया ।
Última actualización: 2020-05-24
Frecuencia de uso: 2
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quit india was one of the most important slogan of in india during this period .
भारत छोड़ो आंदोलन इस संघर्ष का एक महत्वपूर्ण पड़ाव था ।
Última actualización: 2020-05-24
Frecuencia de uso: 1
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she also wrote of her experiences in glimpses of famine and flood in east bengal in 1906 .
उसने ' ग्लिंपसेस आव फेमिन एंड फ्लड इन ईस्ट बंगाल इन 1906 ' में भी अपने अनुभव के बारे में लिखा ।
Última actualización: 2020-05-24
Frecuencia de uso: 1
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they shall not be disappointed in the time of evil. in the days of famine they shall be satisfied.
विपत्ति के समय, उनकी आशा न टूटेगी और न वे लज्जित होंगे, और अकाल के दिनों में वे तृप्त रहेंगे।।
Última actualización: 2019-08-09
Frecuencia de uso: 1
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slogans of peepal tree
पीपल के पेड़ के नारे
Última actualización: 2021-01-06
Frecuencia de uso: 1
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the rousing slogan of bole so nihal , sat sri akal shows the great reverence that our people have for the guru .
रामलीला मैदान में आयोजित गुरु तेग बहादुर के प्रति श्रद्धांजलि के त्रिशताब्दी समारोह में भाषण , दिल्ली , 8 दिसम्बर 1975 ‘ बोले सो निहाल , सत श्री अकाल ’ के बोल लग रहे हैं जो यह प्रदर्शित करते हैं कि हमारे लोगों को वाहे गुरू के प्रति कितनी गहरी श्रद्धा है ।
Última actualización: 2020-05-24
Frecuencia de uso: 1
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slogans of bamboo in hindi
नारे बांस की हिंदी में
Última actualización: 2020-10-06
Frecuencia de uso: 1
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after this will ensue seven years of famine in which all the grain that you have stored will be consumed except a small quantity .
उसके बाद बड़े सख्त के सात बरस आएंगें कि जो कुछ तुम लोगों ने उन सातों साल के वास्ते पहले जमा कर रखा होगा सब खा जाएंगें मगर बहुत थोड़ा सा जो तुम बचा रखोगे
Última actualización: 2020-05-24
Frecuencia de uso: 1
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to joseph were born two sons before the year of famine came, whom asenath, the daughter of potiphera priest of on, bore to him.
अकाल के प्रथम वर्ष के आने से पहिले यूसुफ के दो पुत्रा, ओन के याजक पोतीपेरा की बेटी आसनत से जन्मे।
Última actualización: 2019-08-09
Frecuencia de uso: 1
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i will multiply the fruit of the tree, and the increase of the field, that you may receive no more the reproach of famine among the nations.
मैं वृक्षों के फल और खेत की उपज बढ़ाऊंगा, कि जातियों में अकाल के कारण फिर तुम्हारी नामधराई न होगी।
Última actualización: 2019-08-09
Frecuencia de uso: 1
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the slogan of the early '70s was "go to the people. live with them; love them. start from what they know.
"लोगों के पास जाओ। उनके साथ रहो, उनसे दिल मिलाओ। जो तुम्हें आता है, वहाँ से शुरुवात करो। जो उन्हें पता है, उसे आगे बढाओ।" ये नारा जीवन की दिशा परिभाषित करने वाला था। खैर, मैनें एक साल खपाया। मैने टेल्को कंपनी में भर्ती ली, टाटा के ट्रक बनाये, पुणे से नज़दीक ही। वहाँ मैने दो साल काम किया, और फ़िर मैने महसूस किया कि मेरा जन्म ट्रक बनाने के लिये नहीं हुआ था। अक्सर लोगों को पता नहीं होता कि वो क्या करना चाहते हैं, मगर इतना भी पर्याप्त है कि पता हो कि आप क्या करना नहीं चाहते। तो मैनें एक साल की छुट्टी ली, और मैं एक गाँव के विज्ञान कार्यक्रम में शरीक हुआ। और वहीं से मेरी दिशा बदल गयी। वो एक छोटा सा गाँव था -- एक साप्ताहिक हाट बाज़ार जहाँ लोग, बस हफ़्ते में एक बार, अपने सारे सामान इकट्ठा करते हैं। तो मैने कहा, "मै यहीं पर एक साल बिताऊँगा।" तो मैनें एक एक नमूना खरीदा हर उस चीज़ का, जो कि सडक के किनारे मिल रही थी। और एक चीज जो मुझे मिली वो थी ये काली रबड। इसे साइकिल का वाल्व ट्यूब कहते हैं। जब आप साइकिल में हवा भरते है, तो इसका कुछ इस्तेमाल होता है। और इन ढाँचों में से कुछ -- आप बस थोडे से साइकिल वाल्व ट्यूब लें, और उस में दो दियासलाइयाँ ऐसे लगा दें, और आपने एक लचकदार जोड बना दिया। ये ट्यूबों का जोड है। इस से आप कोणों के बारें में पढाना शुरु कर सकते हैं -- ये न्यून कोण (अक्यूट एंगल), ये समकोण (राइट एंगल), ये अधिक कोण (आबट्यूस एंगल), और ये रेखा कोण (स्ट्रेट एंगल)। इनका अपना खुद का जोड-तोड भी है। अगर आपके पास ऐसे तीन है, तो उन्हें जोड दीजिये, और ये बना त्रिभुज (ट्रायंगल)। चार मिला कर, आप एक वर्गाकार (स्कवायर) बना सकते है, ऐसे पँचकोण (पेंटागन), और फ़िर, षठकोण (हेक्सागन), और आप हर तरह की बहुभुजीय आकृतियाँ (पॉलीगन) बना सकते हैं। और इन सब की मजेदार खासियतें है। अगर आप षठकोण (हेक्सागन) को देखें, मिसाल के तौर पर, ये एक अमीबा की तरह है, जो लगातार अपनी रूपरेखा बदलता है। इसे थोडा खींच दीजिये, ये आयताकार (रेक्टेंगल) हो गया। इसे थोडा धक्का दीजिये, और ये बन गया समानांतर चतुर्भुज (पैरालैलोग्राम)। मगर इसमें बहुत झोल है। पँचकोण (पेंटागन) का उदाहरण लेते हैं, इसे बाहर खेंचिये --- ये एक नौका के आकार का असमांतर चतुर्भुज बन (ट्रेपीज़ियम) गया। इसे थोडा धकेल दीजिये, और ये झोपडी जैसा हो गया। ये बन गया समद्धिबाहु त्रिभुज (आइसोसेलेस ट्रायंगल) -- फ़िर से, इसमें भी बहुत झोल है। और ये वर्गाकार (स्क्वायर) लगता है बहुत ठोस। इसे थोडा स धक्का दो - ये समचतुर्भुज (रोम्बस) में बदल जाता है। ये पतंग जैसा लगने लगता है। मगर किसी बच्चे को एक त्रिभुज (ट्रायंगल) पकडा दीजिये, उसके साथ तोड-मरोड करना मुश्किल है। तो त्रिभुज (ट्रायंगल) का इस्तेमाल क्यों करें? क्योंकि त्रिभुज (ट्रायंगल) ही एकमात्र ठोस आकार है। हम वर्गाकार (स्क्वायर) से पुल नहीं बना सकते, क्योंकि जैसे ही रेलगाडी आयेगी, वो नाचने लगेगा। साधारण लोगों को ये ज्ञान है, क्योंकि जब आप भारत के गाँवों में जायेंगे, तो शायद वो इंजीनियरिंग न पढे हों, मगर कोई भी इस तरह की छत नहीं बनाता है। क्योंकि जब वो इस पर खपरैल डालेंगे, ये टूट जायेगी। वो हमेशा त्रिकोण (ट्रायंगल) के आकार की छत बनाते हैं। देखिये, ये लोक-विज्ञान है। अगर आप यहाँ छेद कर दें और एक तीसरी दियासलाई भी लगा दें, तो आपको टी-जोड मिल गया। और अगर इसकी तीनों टाँगों में छेद करूँ इनके तीन कोनों में, तो मैनें चतुष्फ़लक (टेट्राहेड्रन) बना दिया। तो आप हर प्रकार के त्रिआयामी आकार बना सकते हैं। आप ऐसा चतुष्फ़लक (टेट्राहेड्रन) बना सकते हैं। और एक बार आप ये बना लें, तो आप एक छोटा सा घर भी बना सकते हैं। इसे ऊपर रख दीजिये। आप चार का जोड भी बना सकते हैं। आप छः का जोड भी बना सकते हैं। आपको बस एक काँटा चाहिये। और ये -- आप छः का जोड बनाइये, आप ने समद्धिबाहु चतुष्फ़लक (आइकोसहेड्रन) बना डाला। अब इस के साथ जो चाहे करिये। ये तो इग्लू बन गया। और ये सब हो रहा है १९७८ में। मैं २४ वर्षीय युवा इंजीनियर था। और मैने सोचा कि ये सब ट्रक बनाने के मुकाबले बेहतर है। (अभिवादन) और, असल में, आप चार कंचे डाल दीजिये, आपने मिथेन का रासायनिक ढाँचा, बना लियी , सी.एच.४ हाइड्रोजन के चार अणु, चतुष्फ़लक के चार कोनों पर, जो कि कार्बन अणु को दर्शा रहे हैं। और तब से ही, मैने ये सोचा कि मैं बडा किस्मती हूँ कि मुझे २००० स्कूलों में जाने का मौका मिला -- गाँव के स्कूल, सरकारी विद्यालय, नगर निगम के स्कूलों में, आईवी लीग स्कूलों मे भी -- उनमें से ज्यादातर मुझे बुला चुके हैं। जब भी मैं किसी स्कूल में जाता हूँ, मुझे बच्चों की आँखों में एक चमक दिखती है। मुझे आशा दिखती है। मुझे उनके चेहरों में खुशी दिखती है। बच्चे चीज़ें बनाना चाहते हैं। बच्चे कुछ करना चाहते हैं। और ये देखिये, हम बहुत से पम्प बनाते हैं। ये एक छोटा सा पम्प है जिससे कि आप गुब्बारा फ़ुला सकते हैं। ये असली है। इस से सच में गुब्बारा फ़ूल जाता है। और हमारा एक नारा है कि खिलौने के साथ बच्च सबसे अच्छा काम उसे तोड कर ही करता है। तो क्या करना है --- ये असल में थोडा सा चुनौती भरा वक्तव्य है --- ये पुराना साइकिल का ट्यूब, और ये पुरान प्लास्टिक का पाइप ये टोपी बडे आराम से पुराने साइकिल के ट्यूब पर फ़िट हो जायेगी। और ऐसे हे तो वाल्व बनता है। थोडा सा चिपकने वाला टेप। बस एक दिशा वाला ट्रफ़िक हो गया। हम बहुत सारे पम्प बनाते हैं। और ये भी पम्प है -- बस एक नली लीजिये, और उसमें एक लकडी डाल दीजिये, और दो जगह आधा काट दीजिये। और फ़िर क्या कीजिये, इन्हें मोड कर त्रिभुज में बदल दीजिये, और फ़िर थोडा सा टेप लगा दीजिये। बस बन गया पम्प। और अगर ये पम्प आपके पास है, तो ये एक छिडकाव की मशीन बन गयी। जैसे कि बडी से मथनी। अगर आप किसी चीज को घुमायेंगे, तो वो बाहर की तरफ़ उडेगी। (अभिवादन) देखिये, अगर आप आंध्र प्रदेश में हो, तो आप पाल्मैरा की पत्तियों से इसे बनायेंगे। हमारे अधिकांश ग्रामीण खिलौने विज्ञान के मूल सिद्धांतो पर ही काम करते हैं। अगर आप कुछ घुमायेंगे, तो वो बाहर की तरफ़ भागेगा। दोनो हाथों से करने में बडा मज़ा आता है, मिस्टर उडाकू को देखिये। ठीक?
Última actualización: 2019-07-06
Frecuencia de uso: 4
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