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pinta
छापें (p)
Laatste Update: 2018-12-24
Gebruiksfrequentie: 2
Kwaliteit:
pinta un camí
एक पथ पेंट करें
Laatste Update: 2018-12-24
Gebruiksfrequentie: 1
Kwaliteit:
pinta amb corbes
वà¤à¥à¤°à¥à¤ à¤à¥ साथ पà¥à¤à¤ à¤à¤°à¥à¤
Laatste Update: 2011-10-23
Gebruiksfrequentie: 1
Kwaliteit:
pinta escales ocultes
छुपी सीढ़ियाँ
Laatste Update: 2018-12-24
Gebruiksfrequentie: 2
Kwaliteit:
edita i pinta imatgesname
छवियाँ पेंट तथा संपादन करें name
Laatste Update: 2018-12-24
Gebruiksfrequentie: 2
Kwaliteit:
pinta quan no es mou el pinzell
चयन को ब्रुश से पेंट करें
Laatste Update: 2018-12-24
Gebruiksfrequentie: 2
Kwaliteit:
pinta maons (es poden cavar)
ईंटें (खोद सकते हैं)
Laatste Update: 2018-12-24
Gebruiksfrequentie: 2
Kwaliteit:
pinta amb pinzells utilitzant moviments dinàmics
वक्रों के साथ पेंट करें
Laatste Update: 2018-12-24
Gebruiksfrequentie: 2
Kwaliteit:
pinta trampes (es pot caure a través d' elles)
फंदा (के आर पार गिर सकते हैं)
Laatste Update: 2011-10-23
Gebruiksfrequentie: 1
Kwaliteit:
només és el que és." i jo vaig dir: "bon déu meu, això no te bona pinta."
"ये जो है बस वही है ।" और मैंने सोचा, "हे भगवान, बेड़ा गर्क होने वाला है ।" (हंसी) और बेड़ा गर्क हुआ, और नहीं भी हुआ । इसमें तकरीबन एक साल लगा । और आप तो जानते हैं कि ऐसे लोग होते हैं कि, जब उन्हें पता चलता है कि अतिसंवेदनशीलता और कोमलता महत्वपूर्ण हैं, वे हथियार डाल देते हैं और इसे मान लेते हैं । पहली बात: मैं ऐसी नहीं हूँ, और दूसरी बात: मैं ऐसे लोगों से दोस्ती भी नहीं रखती । (हंसी) मेरे लिए, ये साल भर चलने वाले दंगे जैसा था। ये एक कुश्ती जैसा था । अतिसंवेदनशीलता ने ज़ोर लगाया, मैंने भी ज़ोर लगाया। मैं हार गई, पर शायद मैंने अपनी ज़िंदगी वापस जीत ली। और फिर मैं अपनी खोज में वापस चली गई और मैंने अगले एक दो साल वाकई में ये समझने में बिता दिए कि वे, पूरे दिल से वाले लोग, किन चीज़ों को चुन रहे थे, और हम क्या कर रहे हैं अतिसंवेदनशीलता के साथ । हम इसके साथ संघर्ष क्यों करते हैं ? क्या मैं अतिसंवेदनशीलता के साथ अपने संघर्ष में अकेली हूँ ? नहीं । तो मुझे ये पता चला । हम अतिसंवेदनशीलता को सुन्न कर देते हैं -- जब हम फोन का इंतज़ार कर रहे होते हैं । ये बहुत मज़े की बात थी, मैंने ट्विटर और फेसबुक पर कुछ लिखा क्या लिखा, "आप अतिसंवेदनशीलता को कैसे परिभाषित करोगे ?" कौन सी चीज़ आपको अतिसंवेदनशील बनाती है ?" और डेढ़ घंटे के भीतर, मुझे 150 जवाब मिले। क्योंकि मैं जानना चाहती थी क्या चल रहा है । अपने पति से मदद मॉंगने पर मजबूर होना, क्योंकि मेरा दिमाग खराब है, और हमारी नई नई शादी हुई है; अपने पति से संभोग की शुरूआत करना; अपने पति से संभोग की शुरूआत करना; मना कर दिया जाना; किसी को घूमने चलने के लिए पूछना; डॉक्टर के फोन का इंतज़ार करना; नौकरी से निकाल दिया जाना, लोगों को नौकरी से निकालना -- यही वो दुनिया है जिसमें हम रहते हैं । हम एक अतिसंवेदनशील दुनिया में रहते हैं । और जिन तरीकों से हम इसका मुकाबला करते हैं उनमें से एक है कि हम अतिसंवेदनशीलता को सुन्न कर देते हैं और मेरे विचार में इसका प्रमाण है -- और यह इकलौता कारण नहीं है कि यह प्रमाण मौजूद है, पर मेरे विचार में यह एक बहुत बड़ा कारण है -- हम अमेरीका के इतिहास में सबसे ज़्यादा कर्ज़ में डूबी, मोटे लोगों की, नशे के आदि और दवाईयॉं लेने वाले लोगों की वयस्क पीढ़ी हैं। समस्या ये है -- और मैंने यह अनुसंधान से सीखा है -- कि आप भावनाओं को चुन चुन कर सुन्न नहीं कर सकते । आप यह नहीं कह सकते, कि ये ख़राब चीज़ें हैं । ये अतिसंवेदनशीलता है, ये दुख है, ये शर्म है, ये डर है, ये निराशा है, मैं इन्हें महसूस नहीं करना चाहता । मैं एक दो बीयर पीता हूँ और एक आलू का परांठा खा लेता हूँ । (हंसी) मैं इन्हें महसूस नहीं करना चाहता । और मैं जानती हूँ कि इसे हंसी को जानना कहते हैं। मैं रोज़ी रोटी के लिए आपकी ज़िंदगियों में सेंध लगाती हूँ । हे भगवान। (हंसी) आप इन बुरे एहसासों को सुन्न नहीं कर सकते प्रभावों को, हमारी भावनाओं को सुन्न किए बिना। आप चुन चुन कर सुन्न नहीं कर सकते। तो जब हम इन्हें सुन्न कर देते हैं, हम आनंद को सुन्न कर देते हैं । हम आभार को सुन्न कर देते हैं, हम खुशी को सुन्न कर देते हैं, और फिर हमारी हालत खराब हो जाती है, और हम उद्देश्य और अर्थ की खोज करने लगते हैं, और फिर हमें अतिसंवेदनशीलता का एहसास होता है, तो फिर हम एक दो बीयर पीते हैं और एक आलू का परांठा खा लेते हैं। और यह एक खतरनाक चक्र बन जाता है । एक और चीज़ है जिसके बारे में मेरे हिसाब से सोचा जाना चाहिए वो ये कि हम क्यों और कैसे सुन्न हो जाते हैं । और ज़रूरी नहीं है कि यह नशे की लत ही हो। और दूसरी चीज़ें जो हम करते हैं कि हम हर अनिश्चित चीज़ को निश्चित बना देते हैं। धर्म आस्था और अनदेखी चीज़ों में विश्वास न रह कर निश्चितता बन गया है । मैं सही हूँ, तुम ग़लत हो, चुप रहो। बस। बस निश्चित। जितना अधिक हम डरते हैं, उतने अधिक हम संवेदनशील होते हैं, उतना ही अधिक हम डरते हैं । आजकल राजनीति भी कुछ ऐसी ही लगती है । अब वार्तालाप नहीं होता । कोई बातचीत नहीं होती । बस इल्ज़ाम है । आप जानते हैं इल्ज़ाम की व्याख्या अनुसंधान में कैसे की जाती है ? दर्द और बेआरामी को खत्म करने का एक तरीका । हम त्रुटिहीन हैं । अगर ऐसा कोई है जो अपनी ज़िंदगी को ऐसा बनाना चाहता है तो वो मैं हूँ, पर इससे काम नहीं चलता । क्योंकि हम क्या करते हैं कि हम अपने पिछवाड़े से चर्बी निकालते हैं और अपने गालों में डाल लेते हैं। (हंसी) जिसके बारे में, मुझे उम्मीद है कि एक सौ साल के बाद, लोग इस पर नज़र डालेंगे और कहेंगे, "वाह।" (हंसी) और हम में कोई खराबी नहीं है, और सबसे ख़तरनाक बात, हमारे बच्चे। मैं आपको बताती हूँ कि हम बच्चों के बारे में क्या सोचते हैं । जब वो इस दुनिया में आते हैं तो पहले से ही संघर्ष के लिए तैयार होते हैं । और जब आप इन त्रुटिहीन छोटे बच्चों को अपने हाथों में उठाते हैं, हमारा काम यह कहना नहीं है, "देखो तो इसे, ये बच्ची त्रुटिहीन है ।" मेरा काम बस उसे त्रुटिहीन रखना है -- इसका ख्याल रखना है कि वो पॉंचवी कक्षा तक टैनिस की टीम में शामिल हो जाए और सातवीं तक येल में दाखिल हो जाए।" ये हमारा काम नहीं है । हमारा काम है देखना और ये कहना,
Laatste Update: 2019-07-06
Gebruiksfrequentie: 1
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caixa d' eines del pintor
पेंटर की औजारपेटी
Laatste Update: 2011-10-23
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